- पुरानी कारगुजारियों की परते खुलने से बुरी तरह उखड़े कुछ सेक्शन हेड
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सीईओ कैंट इन दिनों पूरी तरह से ऐक्शन मोड में है। पुरानी कारगुजारियों की परते उधेड़ी जा रही हैं। कार्रवाई की आशंका से सभी की नींद उड़ी है। केवल स्टाफ ही नहीं बल्कि इन दिनों कुछ सदस्य भी रडार पर हैं। माना जा रहा है कि इसी आशंका ने साथ आने को मजबूर कर दिया। माहौल तूफान के आने से पहले शांति सरीखा नजर आ रहा है।
मुंह खोलने को तैयार नहीं
विगत दिनों कुछ सदस्य व कुछ सदस्य पति कैंट बोर्ड मुलाकात को गए थे। वहां तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। कोशिश तो बहुत की, लेकिन पत्ते नहीं खुलवा सके। इतना ही नहीं कुछ को नसीहतें तक सुननी पड़ीं। वहां से खाली हाथ लौट आए। जो पहुंचे थे वो जाने की बात तो स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन चर्चा क्या हुई उसका ब्योरा देने से साफ मना कर दिया। सिर्फ मुलाकात की पुष्टि की है।
पुरानी कारगुजारी पड़ रहीं भारी
परतें खुलने से परेशान स्टाफ को उसकी पुरानी कारगुजारियां भारी पड़ रही हैं। केवल पुरानी परतें ही नहीं खुल रही हैं। कैंट बोर्ड से संबंद्ध सैन्य प्रशासन के एक बडे आला अधिकारी तक पूर्व में की गयी कारगुजारियों की फेरिस्त कार्रवाई की अनुशंसा के साथ भेजी जा रही हैं। इनके केवल अवैध निर्माण ही नहीं बल्कि डोर टू डोर ठेकों को लेकर की गयी गलतियों का पुलिंदा भी शामिल है।
इन पर लटक रही जांच की तलवार
अवैध निर्माण के जिन मामलों पर जांच की तलवार लटक रही है। उनमें ज्यादातर ऐसे मामले हैं, जिनमें निर्माण की अनुमति एक या फिर डेढ़ मंजिल की देकर नक्शा पास किया है, लेकिन दी गयी अनुमति से ज्यादा का निर्माण मौके पर किया गया है। ऐसे मामलों में बंगला 284 चैपल स्ट्रीट दुबई स्टोर वोल्ल, 210-ए कैसल व्यू, 25 दाल मंडी, 22, 23, 24 दाल मंडी, 245-246 करई गंज वार्ड आठ, 250-252 जुबली गंज, संपत्ति संख्या-दो सदर दुर्गाबाड़ी व 259 रंजीतपुरी सरीखे निर्माण शामिल हैं।
सेटिंग नहीं तो गेटिंग नहीं
कैंट बोर्ड की पूर्व में हुई बैठक में 151 बीसी लाइन, 212 रेस रोड व 240 साउथ एंड रोड का नक्शा तकनीकि अड़चन के नाम पर होल्ड पर डाल दिया, जबकि 112 एसबीआई पर मुहर लगा दी गयी। संदेश साफ है सेटिंग नहीं तो गेटिंग नहीं।