Thursday, April 18, 2024
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सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हुआ छठ पर्व

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: पूरे देशभर में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा गुरुवार को समाप्त हो गई। बिहार के पटना, झारखंड के रांची, यूपी के वाराणसी, गोरखपुर और लखनऊ समेत अन्य जगहों पर नदी के घाटों पर चार दिवसीय छठ पूजा के अंतिम दिन श्रद्धालओं ने सूर्य की पूजा करके व्रत का पारण किया।

राजधानी दिल्ली और मुंबई में भी छठव्रतियों ने अर्घ्य दिया। पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क पर बने कृत्रिम घाट पर सूर्योदय अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालु जमा हुए। दिल्ली सरकार ने भजनपुरा में छठ पूजा घाट पर एक कोविड टीकाकरण शिविर शुरू किया है। एसडीएम शरत कुमार ने बताया कि शिविर उन लोगों के लिए लगाया गया है जिन लोगों ने अब तक टीका नहीं लगवाया है और या फिर जिन लोगों को दूसरी डोज नहीं लगी है।

इससे पहले राजधानी में पूर्वांचलियों ने कोराना महामारी के मद्देनजर प्रतिबंधों और राजनीतिक घमासान के बीच बुधवार को यमुना नदी के आसपास एवं अन्य स्थानों पर छठ पूजा के मौके पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। लिहाजा लाखों श्रद्धालुओं ने छठ पर्व के तहत आस्था, श्रृद्धा और विश्वास के साथ सूर्य को पहला अर्घ्य दिया।

इस दौरान तमाम घाटों पर बाट जे पूछेला बटोहिया, ई दल कहवां जाए, तूं आन्हर रे बटोहिया ई दल सूरज बाबा के जाए…, कोपि-कोपि बोलेली छठ माता सुनुए सेवक लोग…ले ले अईह हो भईया गेहूं के मोटरिया…,उग हो सुरूज देव…, कांचे ही बांसा के बहंगिया बहंगी लचकत जाए…, एवं केरवा पे फरेला घवध से ओ पे सुगा मंडराय…, जैसे गीतों की गूंज रही।

कोरोना महामारी के बीच डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य देकर पूर्वांचलियों ने मनाया छठ पर्व

राजधानी में यमुना नदी के दोनों ओर किनारे आसपास समेत करीब एक हजार स्थानों पर श्रद्धालु जमा हुए और छठ पूजा की। खरना के बाद व्रतियों ने बुधवार को उपवास रखते हुए शाम को अस्तचलगामी सूर्य को पानी में खड़े होकर प्रणाम किया। तत्पश्चात अर्घ्य के रूप में पूजन सामग्री भावनात्मक रूप से उन्हें समर्पित की। महिलाओं के सिरों पर अर्घ्य के सामान से भरी टोकरियां रखी हुई थी। इस दौरान बच्चों का उत्साह तो स्वयं में देखने योग्य था।

लाखों श्रद्धालुओं ने यमुना नदी के किनारे पुराना यमुना पुल, कुदसिया घाट, गीता कालोनी, बस अड्डा, चंदगी राम अखाड़ा, वजीराबाद घाट आदि घाटों के अलावा भलस्वा झील, जहांगीरपुरी, कालिंदी कुंज, नरेला, उत्तम नगर, डाबड़ी, ककरौला, बदरपुर, सरिता विहार, आश्रम, जैतपुर, संगम विहार, देवली, महरौली, पालम, महावीर एंकलेव, इंद्रप्रस्थ एक्सटेंशन, नांगलोई, सुलतानपुरी, मंगोलपुरी, नजफगढ़ आदि इलाकों के साथ-साथ पश्चिम यमुना नदी के किनारे पर छठ पूजा की, वहीं वे सायंकाल सूर्य को अर्घ्य देने के बाद बृहस्पतिवार की सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर रूक गए। वह घाटों पर पूरी रात रहेंगे, घाटों पर दीप व बिजली की लड़ियों की रोशनी की गई है।

कोरोना महामारी के कारण इस बार श्रद्धालु घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजन नहीं कर सके। इसके अलावा वे लाउड स्पीकर के माध्यम से भी छठ मैय्या का गुणगान नहीं कर सके। हालांकि श्रद्धालु नए कपड़े पहनने के साथ-साथ पूरी तरह सजधज कर पूर्जा करने पहुंचे।

छठ पूजा के दौरान कई रंग दिखाई दिए

कोरोना महामारी के मद्देनजर विभिन्न प्रतिबंधों के कारण छठ पूजा करने के कई रंग दिखाई दिए। इस बार यमुना नदी में पूजा पर रोक होने के कारण श्रद्धालुओं ने नदी के किनारे कृत्रिम घाटों पर पूजा की।

इसके अलावा वे पार्कों एवं अन्य इलाकों में खाली स्थान पर बने कृत्रिम घाटों पर पूजा करने पहुंचे, वहीं बहुत से श्रद्धालुओं ने अपने घरों की छत, परिसर एवं गली में टप में खड़े होकर पूजा की। जमुना बाजार में यमुना नदी के किनारे कुछ श्रद्धालुओं ने टप में पूजा की, दरअसल नदी में प्रवेश करने पर प्रतिबंध के कारण उन्होंने यह व्यवस्था की।

पुलिस के सख्त पहरे में आईटीओ घाट, कृत्रिम पर उमड़ी भारी भीड़

उधर, आईटीओ घाट पर बुधवार सुबह से लेकर शाम तक काफी गहमागहमी रही। यहां श्रद्धालुओं से अधिक संख्या में भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पुलिस का जमावड़ा रहा।

हालांकि, यहां पर पुलिस एवं भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच टकराव की स्थिति एक बार भी नहीं बनी। सुबह 11 बजे पश्चिम दिल्ली संसदीय क्षेत्र के साथ प्रवेश वर्मा दलबल के साथ पहुंचे और पुलिस के बैरिकेड हटाकर नदी के किनारे पहुंचे। उन्होंने यहां कृत्रिम घाट का निरीक्षण किया।

कुछ देर बाद वे विकास मार्ग स्थित पुलिस के बैरिकेड के पास कुर्सी पर बैठ गए। पुलिस ने घाट पर आने से उन्हें रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। दोपहर करीब दो बजे प्रवेश वर्मा ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ खाना खाया।

इस बीच यहां छठ पूजा करने के लिए आए श्रद्धालुओं को कृत्रिम घाट को भेजने लग गए और वह करीब दो घंटे तक श्रद्धालुओं को भेजने में लगे रहे, वहीं कृत्रिम घाट पर श्रद्धालु परिवार समेत पूजा करने की तैयारी में जुट गए।

दिल्ली पुलिस ने यमुना नदी के अंदर प्रवेश नहीं करने के संबंध में नदी के किनारे पर तख्तियां लगानी शुरू की। इसके बाद यमुना नदी के किनारे को पुलिस ने पूरी तरह घेर लिया।

पुलिस ने नदी के किनारे लोगों को बैठने से भी मना कर दिया। इस बीच प्रवेश वर्मा कृत्रिम घाट पर पहुंचे और श्रद्धालुओं से मुलाकात करके उन्हें छठ की बधाई दी।

शाम करीब 5:30 बजे श्रद्धालुओं ने कृत्रिम घाट पर छठ पूजा करनी शुरू की। इस दौरान कृत्रिम घाट छठ के गीतों से गूंज उठा। पूजा के समय प्रवेश वर्मा अपने साथियों के साथ घाट पर ही मौजूद थे, वहीं पुलिस ने भी घाट को घेरे रखा। पुलिस ने एक भी व्यक्ति को यमुना नदी के किनारे नहीं आने दिया।

कृत्रिम घाटों पर दिया अर्घ्य

‘पहिले पहिले हम कईनी, छठी मइया वरत तोहार ,छठी मईया वरत तोहार’  छठ गीतों की धुन, फूल, मिठाई व धूप और अगरबत्ती की महक से सराबोर कृत्रिम घाट, एक सिरे से छठ मैया के गीतों को गुनगुनाते हुए सिर पर फलों का डाला उठाए आते व्रती… कुछ इस तरह का नजारा बुधवार दोपहर से ही गीता कॉलोनी स्थित कृत्रिम घाटों पर देखने को मिला। हालांकि, इस दौरान कुछ व्रतियों ने नदी की तरफ जाने की कोशिश की।

मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने व्रतियों को वापस दिया। यमुना में छठ पूजा की पांबदी को देखते हुए गीता कॉलोनी फ्लाईओवर स्थित प्रशासन की ओर से आठ कृत्रिम घाट बनाए गए थ।

जहां दोपहर 12 बजे से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था। कोई सिर पर डाला उठाए तो कोई व्रती घर से ही दंडवत प्रणाम करते हुए छठी मैया की उपासना के लिए पहुंच रहे थे।

घाट पर पहुंचते ही व्रतियों के परिजनों ने घाट किनारे जगह की तलाश कर पूजा की तैयारियां शुरू कर दी थी। शाम को सूरज ने आसमान में अपनी लालिमा बिखरना शुरू किया तो कृत्रिम घाटों में व्रती उतर गए।

अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने अपने-अपने घरों का रुख किया। इस बीच कुछ श्रद्धालुओं ने यमुना के कच्चे घाट पर पहुंचने की कोशिश की। घाटों पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने श्रद्धालुओं को जाने से रोका।

घाटों पर सख्त रही सुरक्षा व्यवस्था

छठ पूजा के लिए घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कालिंदी कुंज और आईटीओ पर पुलिस की 100-100 टीमें तैनात की गई हैं। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए)  कोविड-19 के मद्देनजर नदी के किनारे समारोहों पर रोक लगा रखी है। सरकार ने छठ पूजा करने के लिए राजधानी में 800 अस्थायी घाट बनाए हैं।

बुधवार को पुलिस ने कालिंदी कुंज के पास लोगों को नदी किनारे जाने से रोक दिया। उन्हें अनुष्ठानों का पालन करने के लिए निर्दिष्ट स्थानों पर जाने के लिए निर्देशित किया गया।

दक्षिण-पूर्व जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनुष्ठान के लिए निर्धारित स्थानों पर पर्याप्त व्यवस्था की गई है। डीडीएमए के आदेशों का उल्लंघन न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए दक्षिण पूर्वी दिल्ली में 100 टीमें तैनात की गई हैं।

घाटों पर प्रशासन व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बारे में आने वाले भक्तों को समझा रहे हैं, और उनसे दिशानिर्देशों का पालन करने और घरों या कॉलोनियों के भीतर अनुष्ठानों का पालन करने का आग्रह कर रहे हैं। डीडीएमए ने 29 अक्तूबर को यमुना नदी के किनारे को छोड़कर तय स्थलों पर छठ समारोह की अनुमति दी थी और कोविड नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।

छठ पर्व को राजनीतिक मुद्दा बनाने से श्रद्धालु हुए नाराज

यमुना नदी के घाटों पर छठ पूजा करने के मामले में मचे राजनीतिक घमासान से श्रद्धालु खासे नाराज हैं। आईटीओ के पास यमुना नदी के किनारे कृत्रिम घाट पर पूजा अर्चना करने आए श्रद्धालुओं ने कहा कि तमाम दलों के नेता अपने राजनीतिक हित साधने के लिए यमुना नदी में छठ पूजा की बात कर रहे हैं।

जबकि उन्हें पता है कि रोक लगी हुई और जो हटने वाली नहीं है। दिल्ली गेट से पूजा करने आए विद्यानंद चौधरी ने कहा कि यमुना नदी के अंदर पूजा करने पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए थी।

उन्होंने कहा कि इस मामले में विभिन्न दलों के नेता राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं। वह पूर्वांचलियों को लुभाने के लिए  गुमराह करने का प्रयास कर रहे है।

दूसरी ओर लक्ष्मी नगर से आए मनोज ने कहा कि नेताओं का छठ पूजा और श्रद्धालुओं की समस्या से कोई सरोकार नहीं है। वह छठ पूजा के नाम पर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। वहीं मंडी हाउस से पहुंचे तेज नारायण यादव ने छठ पूजा के मामले में नेता राजनीति कर रहे हैं।

 

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