- सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश के बाद अवधि पूरी करने वाली 118 बसें गैराज में खड़ी
- समय पर नीलामी न होने के कारण गैराज में खड़ी बसे हो रही कबाड़
जनवाणी ब्यूरो |
मेरठ: सिटी रोडवेज की बी-6 बसों से यातायात करने की सोच रहें यात्रियों को अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। क्योंकि कोविड-19 के कारण वित्तीय वर्ष 2020 में मेरठ को मिलने वाली बी-6 बसों की उम्मीद इस साल कम ही नजर आ रही है। परिस्थितियों के अुनसार नए साल 2021 में ही मेरठ की सड़को पर नइ बसों दौड़ती नजर आएगी। उसके बाद ही शहर वासी नई बसों में सफर कर पाएंगे।
लॉकडाउन से पूर्व मेरठ की सड़कों पर दौड़ते हुए यात्रियों को उनके गतव्य तक पहुंचाने वाले सिटी रोडवेज की बसें अब गैराज में खड़ी हैं। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेश के बाद समय अवधि पूरी होने के कारण लगभग 118 सिटी रोडवेज की बसों को गांधी आश्रम व सोहराब गेट बस स्टैड में बने गैराज में खड़ा कर दिया है।
जिसके कारण मेरठ शहर की व्यवस्था सिर्फ आठ वॉल्वों बस के सहारे चल रही हैं। शासन के निर्देश के बाद धीरे-धीरे स्कूल-कॉलेज भी खुलने वाले है। छात्र-छात्राएं सिटी रोडवेज के सफर को ज्यादा सुरिक्षत समझते है। क्योंकि वह उनके बजट के लिए भी लाभदायक होता है।
इसलिए सभी एमस्टी बनवाकर बसों में सफर करते है। एक बार एमएसटी बनवाने के बाद उनकों रोज-रोज बसों में पैसे देने नहीं पड़ते और सस्ते में भी काम हो जाता है। कॉलेज खुलने के बाद आठ वॉल्वों बस के सहारे सिटी की यातायात व्यवस्था सही क्रम से सुचारु होना संभव नहीं हैं। क्योंकि इसकी वजह से छात्र-छात्राओं को बस का इंतजार करना होगा।
वहीं, दूसरी और आटो व ई-रिक्सा वाले पैसे भी मनमाने मांगते जिससे छात्रों को काफी दिक्कत होती हैं। सिटी रोडवेज बसों की नीलामी प्रक्रिया होनी थी, जो कि अभी तक नहीं हो पाई हैं। बसों का संचालन ना होने की वजह से बसें धीरे-धीरे कबाड का रूप लेने लगी है। क्योंकि जैसे-जैसे बसों की अवधि पूरी होती गई।
रोडवेज प्रशासन ने आदेश के अनुसार उन्हें खड़ा करना शुरू कर दिया। ऐसे में कई बसें तो ऐसे ही जो दो साल से खड़ी हुई हैं। अगर इन बसों की नीलामी समय पर हो जाएं तो यह बसे जहां पर प्रतिबिंध नहीं है वहां पर इनका संचालन हो पाएगा। क्योंकि ऐसे बहुत से ग्रामीण इलाके है। जहां पर बसों का संचालन नहीं है। वहां पर अब भी या तो क्षेत्रीय यातायात व्यवस्था के कारण यात्री सफर कर पाते है या फिर पैदल ही यात्रा करनी पड़ती हैं।
नए साल पर 130 बसें मिलने की उम्मीद
इस वित्तीय वर्ष में मिलने वाली 130 बसें अब नए वित्तीय वर्ष में ही मिलने की उम्मीद है। क्योंकि अभी तक की परिस्थितियों के अुनसार बसे मिलना संभव नहीं। बता दें कि मेरठ के लिए शासन की तरफ से 80 सीएनजी व 50 इलेट्रॉनिक बसों का अनुमोदन हो चुका है। इनमें से सीएनजी की कुछ बसें कानपुर से आनी थी। जो प्रक्रियाओं में उलझी है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही मेरठ में ये बसें आ पाएंगी। ऐसे में नई बसों का संचालन नए साल में ही शुरू होने की संभवानाएं हैं। इस संबंध में एमडी विजय कुमार निगम ने बताया कि कार्य प्रगति पर है। शासन से बसें मिलने के बाद बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। यात्रियों की सुविधाओं का हमेशा ख्याल रखा जाता हैं।