- समझौते का दबाव बना रही परतापुर पुलिस
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: परतापुर पुलिस गंभीर धाराओं के आरोपियों की गिरफ्तारी बिल्कुल ही नहीं करती है। मामला अछरौंडा रोड पर स्थित एक कंपनी में कार्यरत दो कर्मियों पर गंभीर धाराओं के दर्ज केस का है। एफआईआर के अनुसार दुष्कर्म से लेकर अन्य गंभीर धाराएं लगाई गईं हैं। मगर, आरोपी पुलिस की पकड़ से इतनी दूर कैसे हैं। सवाल तो उठेगा।
बताया जा रहा उसमें से एक आरोपी 302 में भी नामित है फिर परतापुर पुलिस क्यों नहीं अरेस्ट कर रही है। वैसे पीड़िता का आरोप है कि पुलिस अब आरोपियों की तरफ से सुलह के लिए दबाव बना रही है। इस आरोप से तो एक चीज साफ हो गई है कि परतापुर पुलिस सीएम योगी के निर्देश को हवाहवाई समझ रही है। उसे रंचमात्र भी सीएम के आदेश का डर है बल्कि सीएम के आदेश को एक तरह से चुनौती दे रही है। अब देखना यह है कि पीड़िता को न्याय देने के लिए आरोपियों की गिरफ्तारी कब होती है।
परतापुर थानाक्षेत्र के अंतर्गत एक फैक्ट्री में कुछ दिनों पहले एक महिला वर्कर के साथ कंपनी में कार्यरत सुपरवाइजर ने जोर जबरदस्ती की। एक गांव निवासी पीड़ित महिला ने आपबीती बताते हुए कहा कि वह अपने तीन बच्चों का पेट पालने के लिए अछरौंडा रोड पर स्थित एक फैक्ट्री में काम करती है। फैक्ट्री में कार्यरत सुपरवाइजर राजू और त्रिभुवन त्यागी बहुत दिनों से पीड़िता पर बुरी नजर रखते थे और उनकी बात नहीं मानने पर वह दोनों नौकरी से निकलवा देने की धमकी देते रहते थे।
एक दिन मौका पाकर राजू और त्रिभुवन त्यागी ने पीड़िता के साथ जोर जबरदस्ती की और दुष्कर्म की कोशिश की। आरोपियों ने जान से मारने की धमकी भी दी। आरोपियों ने पीड़िता को धमकी दी कि अगर इस घटना को किसी को बताया तो तुम्हे और तुम्हारे परिवार वालों को मरवा दूंगा। साथ ही साथ दोनों आरोपी यह भी कहते हैं कि जो महिला और लड़की हमारी बातें नहीं मानेंगी उन्हें कंपनी से निकलवा दूंगा।
फिलहाल घटना के बाद पीड़िता ने परतापुर थाने पर शिकायत की। परतापुर थाने पर किसी तरह एफआईआर तो दर्ज कर ली गई मगर आज तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई।
सीएम साहब! महिलाओं की नहीं सुन रही पुलिस
मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ जी आप कुछ भी कर लो। कितनी भी मीटिंग्स कर लो। चाहे जितने आदेश निर्देश दे दो, लेकिन मेरठ जिले की पुलिस आपके आदेशों और निर्देशों को ठेंगा ही दिखाएगी। सीएम साहब! के प्रयासों को पुलिस नाकाम करने की ठान रखी है। आम जनता की सुनवाई कैसे हो रही है। जनता बार बार चक्कर लगा रही है। पुलिस महकमा पीड़ितों की सुनवाई हैसियत देखकर करता है।
गंभीर धारा में दर्ज है मुकदमा
आरोपियों राजू और त्रिभुवन त्यागी के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या 373/2023 अंतर्गत धारा 354, 354क, 354क (1), 354क (2), 354घ, 376, 511, 323, 504, और 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। लेकिन, पुलिस इन गंभीर धाराओं में अभी तक गिरफ्तारी क्यों नहीं कर रही है। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस आरोपियों को पकड़ना नहीं चाहती है।
डीएम भी दे चुके हैं जांच के आदेश
पीड़िता की सुनवाई जब एसएसपी दफ्तर से नहीं हुई तो थक हारकर उसने डीएम साहब! के दफ्तर पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई मगर, सुनवाई तो पुलिस को ही करनी है वह नहीं सुनेगी। हो यही रहा है। इस बात से अंदाजा लगा लीजिए कि परतापुर पुलिस चाहती क्या है।
जान से मारने की धमकियां दे रहे आरोपी
नामजद आरोपी खुलेआम पुलिस की नाक के नीचे घूम रहे हैं। इस बात की जानकारी सीओ सर्किल के साथ थानेदार और सिपाही तक को मालूम है मगर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करना है जबकि घूलेआम घूम रहे आरोपी पीड़िता को और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी लगातार दे रहे हैं। पीड़िता पुलिस अफसरों का चक्कर लगा रही है। अफसर तसल्ली देकर अपना पीछा छुड़ा ले रहे हैं।