- सेटिंग के चलते सड़कों पर अवैध रूप से हुआ कब्जा
- प्रशासन को पता ही नहीं और यूनिपोलों की हुई भरमार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अंधेरगर्दी की इससे बड़ी मिसाल दूसरी देखने को नहीं मिल सकती कि कायदे-कानून ठेंगे पर रखकर नगर निगम से मिलीभगत हो जाये तो फिर जो मर्जी काम किया जा सकता है। ऐसे ही एक मामले में धड़ल्ले से नेशनल हाइवे पर दर्जनों यूनिपोल लगा दिये गये। सबसे ताज्जुब की बात यह है कि प्रशासन को पता भी नहीं चला और रातों रात खेल कर दिया गया। अब मेन हाइवे पर यूनिपोल की भरमार होने से दुर्घटनाओं का अंदेशा भी बन गया है।
नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इन दिनों अंधेरगर्दी का काम चल रहा है। शहर में चारों ओर अवैध होर्डिंग की भरमार है। हर रोड पर अवैध होर्डिंग लगे हुए हैं। अवैध रूप से लगाए गए होर्डिंग हटाने के लिए जिम्मेदार लापरवाह बने हुए हैं। अधिकारियों ने अवैध होर्डिंग हटाने के लिए आज तक प्रभावी तरीके से अभियान नहीं चलाए हैं। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते शहर में सड़कों के किनारे अवैध होर्डिंग बढ़ गए हैं।
अब ऐस ठेकेदार ने कंकरखेड़ा बाइपास से लेकर 510 आर्मी बेस वर्कशॉप के बीच मुख्य सड़क पर जगह-जगह बीच में से डिवाइडर तोड़ दिये हैं तथा इन डिवाइडरों के बीच में अवैध रूप से होर्डिंग्स व यूनिपोल खड़े कर दिये हैं। लगभग दर्जन भर होर्डिंग्स व अवैध यूनिपोल खड़े कर दिये गये हैं। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि मेन रोड पर डिवाइडर तो तोड़कर वहां यूनिपोल व होर्डिंग्स लगाने की इस समय परमीशन नहीं दी जा सकती है।
पूरा ही सरधना रोड अंधेरे में डूबा पड़ा रहता है। रात्रि में यहां घुप्प अंधेरे की वजह से हादसों का अंदेशा बना रहता है। नगर निगम को यहां स्ट्रीट लाइट लगवाने की तो फुर्सत है नहीं, ऊपर से होर्डिंग्स व यूनिपोल लगाने के लिए मौन सहमति दे दी गई है। अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बीच इस तरह के प्रचार संबंधी होर्डिंग्स व यूनिपोल क्या लगाये जा सकते हैं?
जब इस संबंध में नगर निगम के अपर नगर आयुक्त पंकज यादव से बातचीत की गई तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि उनकी जानकारी में ऐसा मामला नहीं है। यदि इस समय होर्डिंग्स या यूनिपोल लग रहे हैं तो यह गलत है। मामला दिखवाकर कार्रवाई करायेंगे।