- सीएचसी परिसर में हर तरफ गंदगी के अंबार
- शैय्या मेटरनिटी विंग में आवारा कुत्तों का बोलबाला
जनवाणी संवाददाता |
मवाना: स्वच्छता किसी भी बीमारी की पहली दवा है। गंदगी से बीमारियों को जन्म देने वाले कीटाणुओं का जन्म होता है और जब मरीज बीमार हो जाता है तो अपना इलाज कराने के लिए अस्पतालों में जाता है। पता चलता है कि इलाज करने वाला अस्पताल खुद बीमार है तो कैसे मरीजों का इलाज होगा। ऐसा ही हाल है प्रदेश के नंबर वन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मवाना का है, जहां सिर्फ गंदगी ही नजर आती है और पूरे परिसर में आवारा कुत्तों को विचरण करते देखा जा सकता है।एक साल पूर्व प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा में नंबर वन रहने वाला नगर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वच्छ भारत पर दम तोड़ता नजर आ रहा है।
सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मुख्य गेट व परिसर में तथा महिला वार्ड के पास गंदगी से मरीज परेशान हैं। महिला वार्ड में फैली गंदगी आने वाले मरीजों के साथ नवजात शिशुओं को बीमारी का न्यौता देती नजर आती है। प्रदेश के नंबर वन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार भेले ही मोटा धन बहा रही है, लेकिन मवाना सीएचसी पर आकर स्वास्थ्य अफसर के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
बाहर से दवाई पर कई बार हो चुका हंगामा
प्रदेश की नंबर वन सीएचसी होने के चलते सीएचसी में सरकार द्वारा तमाम सुविधाएं मरीजों के लिए उपलब्ध है। इसके बाद भी ओपीडी में डाक्टर प्राइवेट दवा व जांच धड़ल्ले से लिख रहे हैं। जिसका रोगियों के तीमारदारों ने कई बार विरोध किया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। मरीज तीमारदार द्वारा हंगामा किये जाने के बाद प्रभारी चिकित्साधिकारी जांच कर कार्रवाई का आश्वासन देते है। कोई एक्शन नहीं होता।
सीएचसी में आवारा कुत्ते, समझ से परे
मामले में प्रभारी चिकित्साधिकारी अरुण कुमार से तमाम मुद्दों पर बात की तो उन्होंने ठीकरा सुरक्षा गार्डस पर फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि सीएचसी में आठ गाडर््स होते हैं। इसके बावजूद आवारा कुत्तोेंं का होना समझ से परे है।