जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर छिड़ी बहस के बीच सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की आभासी बैठक जारी है। बैठक के दौरान राहुल गांधी ने नेतृत्व को लेकर 23 नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को भेजी गई चिट्ठी को भाजपा के साथ मिलीभगत करार दिया। इसे लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने विरोध जताया।
हालांकि बाद में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सफाई दी और कहा कि राहुल ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। वहीं कुछ देर बाद सिब्बल ने कहा कि मैं अपना ट्वीट वापस ले रहा हूं क्योंकि राहुल गांधी ने मुझे व्यक्तिगत तौर पर सारी बात बताई है।
पार्टी की कमान अपने हाथों में लें राहुल गांधी: अहमद पटेल
सूत्रों के अनुसार पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने बैठक के दौरान राहुल गांधी से कहा कि वे कांग्रेस पार्टी की कमान को अपने हाथों में लें।
सिब्बल ने वापस लिया ट्वीट
राहुल गांधी से बातचीत के बाद कपिल सिब्बल ने कहा, ‘राहुल गांधी ने मुझे व्यक्तिगत रूप से सूचित किया कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा है इसलिए मैं अपना ट्वीट वापस लेता हूं।’
Was informed by Rahul Gandhi personally that he never said what was attributed to him .
I therefore withdraw my tweet .
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 24, 2020
भाजपा के साथ मिलीभगत वाले बयान पर सुरजेवाला ने दी सफाई
राहुल गांधी ने नेतृत्व में बदलाव को लेकर पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए इसे भाजपा के साथ मिलीभगत करार दिया। जिसपर सिब्बल और आजाद जैसे वरिष्ठ नेताओं ने विरोध जताया। अब इसपर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सफाई दी है। उन्होंने कहा, ‘श्री राहुल गांधी की बात का वो मतलब नहीं था और न ही उन्होंने ऐसा कहा। कृपया झूठी मीडिया बातचीत या गलत सूचना के प्रसार से भ्रमित न हों। लेकिन हां, हम सभी को एक साथ मिलकर मोदी सरकार के खिलाफ लड़ना है न कि एक-दूसरे को चोट पहुंचाने या कांग्रेस के खिलाफ।’
Sh. Rahul Gandhi hasn’t said a word of this nature nor alluded to it.
Pl don’t be mislead by false media discourse or misinformation being spread.
But yes, we all need to work together in fighting the draconian Modi rule rather then fighting & hurting each other & the Congress. https://t.co/x6FvPpe7I1
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 24, 2020
राहुल की बात साबित होने पर दे दूंगा इस्तीफा: गुलाम नबी
पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि यदि राहुल गांधी का भाजपा के साथ मिलीभगत वाला बयान साबित हो जाता है तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
Rahul Gandhi says “we are colluding with BJP“…Last 30 years have never made a statement in favour of BJP on any issue. Yet “we are colluding with the BJP“: Congress leader Kapil Sibal in a tweet pic.twitter.com/DGUboBswkd
— ANI (@ANI) August 24, 2020
राहुल पर कपिल सिब्बल ने किया पलटवार
सूत्रों के अनुसार, बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा (पार्टी नेतृत्व में सुधारों के लिए सोनिया गांधी को पत्र) भाजपा के साथ मिलीभगत की वजह से किया गया। इसपर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने जवाब देते हुए कहा, ‘राहुल गांधी का कहना है कि हम भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। मैंने राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा। भाजपा सरकार को गिराने के लिए मणिपुर में पार्टी का बचाव किया। पिछले 30 सालों में कभी भी किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी हम भाजपा से मिले हो सकते हैं।’
कांग्रेस में मचे घमासान पर शिवराज सिंह ने ली चुटकी
कांग्रेस में जारी अंतर्कलह को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘जब सिंधिया जी ने आवाज उठाई, तो उन पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया गया। अब जब गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे नेता पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष की मांग कर रहे हैं, तो उन पर भी भाजपा के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसी पार्टी को कोई नहीं बचा सकता।’
When Scindia ji raised his voice, he was accused of colluding with BJP. Now when leaders like Gulam Nabi Azad & Kapil Sibal are demanding full-time party chief, they're also being accused of colluding with BJP. No one can save such a party: Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan pic.twitter.com/1pS9EODYqX
— ANI (@ANI) August 24, 2020
पत्र पर चर्चा करने की जगह सीडब्ल्यूसी बैठक है न की मीडिया: राहुल गांधी
सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी बैठक के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि पत्र (पार्टी नेतृत्व के बारे में सोनिया गांधी) को उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्र में जो कुछ लिखा गया है उसपर चर्चा करने का सही स्थान सीडब्ल्यूसी की बैठक थी न कि मीडिया।
Rahul Gandhi, during CWC meeting, says the letter (to Sonia Gandhi about party leadership) was written at a time when Congress government in Rajasthan was facing a crisis, the right place to discuss what was written in the letter was CWC meeting and not the media: Sources https://t.co/w47zre3MfE
— ANI (@ANI) August 24, 2020
राहुल गांधी ने पत्र भेजे जाने के समय पर उठाए सवाल
सोनिया गांधी का कहना है कि उन्होंने केसी वेणुगोपाल को एक नोट दिया है (कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं द्वारा पार्टी नेतृत्व को लिखे गए पत्र का जवाब) और वे इसे पढ़ेंगे। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने पार्टी के सहयोगियों द्वारा पत्र के समय जिक्र करते हुए इसकी आलोचना की। राहुल गांधी ने कहा कि जब सोनिया गांधी अस्पताल में भर्ती थीं उस समय पत्र (पार्टी नेतृत्व पर) क्यों भेजा गया।
Rahul Gandhi says, why was the letter (over party leadership) sent at a time when Sonia Gandhi was admitted in the hospital: Sources https://t.co/AcndbGRNkm
— ANI (@ANI) August 24, 2020
मनमोहन-एंटनी ने सोनिया से की पद पर बने रहने की अपील
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने सोनिया गांधी से अगला पार्टी अध्यक्ष चुने जाने तक पद पर बने रहने की अपील की है।
Manmohan Singh and AK Antony said that Sonia Gandhi should continue till a new party president is elected: Sources pic.twitter.com/aDh7Aq7tAZ
— ANI (@ANI) August 24, 2020
सोनिया ने की इस्तीफे की पेशकश
बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मुझे रिप्लेस करने की प्रक्रिया शुरू करें। सूत्रों के अनुसार सोनिया ने सीडब्ल्यूसी सदस्यों से कहा कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष के कर्तव्य से मुक्त करने की प्रक्रिया के प्रति विचार-विमर्श शुरू करें।
Sonia Gandhi asks CWC members "to begin deliberations towards the process of transition to relieve her from the duty of party president": Sources https://t.co/Xb3AEpmDTy
— ANI (@ANI) August 24, 2020
कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय के बाहर लगाए नारे
दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय के बाहर नारे लगाए। उन्होंने मांग की कि पार्टी अध्यक्ष गांधी परिवार से होना चाहिए। कांग्रेस कार्यकर्ता जगदीश शर्मा ने कहा, ‘हम गांधी परिवार से पार्टी अध्यक्ष चाहते हैं। यदि किसी बाहरी व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जाता है तो पार्टी नष्ट और टूट जाएगी।’
सोनिया गांधी करें कांग्रेस का नेतृत्व: कमलनाथ
बैठक से पहले कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व पर कोई भी सुझाव या आक्षेप बेतुका है। मैं श्रीमती सोनिया गांधी से अपील करता हूं कि वे अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस पार्टी को मजबूती प्रदान करें और कांग्रेस का नेतृत्व करती रहें।’ मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि श्रीमती सोनिया गांधी के खिलाफ तमाम झूठी अफवाहों के बावजूद उन्होंने 2004 में कांग्रेस पार्टी की जीत का नेतृत्व किया और अटल बिहारी वाजपेयी को घर पर बैठाया।
नेहरू-गांधी परिवार के बिना कांग्रेस की कल्पना नहीं: दिग्विजय सिंह
इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का कहना है कि वे नेहरू-गांधी परिवार के बिना कांग्रेस की कल्पना नहीं कर सकते हैं और पार्टी का एक साधारण कार्यकर्ता किसी और को पार्टी अध्यक्ष के रूप में स्वीकार नहीं करेगा।
कांग्रेस में केवल हेडमास्टर का बच्चा ही ऊपर पहुंचता है: नरोत्तम मिश्रा
मध्यप्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर जारी खींचतान पर तंज कसते हुए कहा, कांग्रेस में कई योग्य उम्मीदवार हैं (पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए) जैसे राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, रेहान वाड्रा और मिराया वाड्रा। कांग्रेस सदस्यों को यह समझना चाहिए कि कांग्रेस उस स्कूल की तरह है, केवल हेडमास्टर का बच्चा ही सबसे ऊपर पहुंचता है।
There are many eligible candidates in Congress (for post of party chief) like Rahul Gandhi, Priyanka Gandhi, Raihan Vadra & Miraya Vadra. Congress members should understand that Congress is like the school where only headmaster's child tops the class: MP Minister Narottam Mishra pic.twitter.com/LQB0TbbX2R
— ANI (@ANI) August 24, 2020