- ऐलान था भाजपा कार्यालय के घेराव का, बढ़ न सके पार्टी कार्यालय से आगे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एनसीईआरटी की नकली किताबों की छपाई के विरोध में भाजपा कार्यालय जाने का ऐलान करने वाले जिला कांग्रेसी पार्टी कार्यालय चंदन भवन से आगे नहीं बढ़ सके।
तमाम विरोध के बाद भी वो पुलिस से पार नहीं पा सके। बाद में पार्टी कार्यालय पर ही सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ को ज्ञापन देकर विरोध की अदायगी कर दी गयी।
हालांकि जिलाध्यक्ष अवनीश काजला ने आरोपियों पर कार्रवाई को तीन दिन का अल्टीमेटम अफसरों को दिया। भाजपा नेता द्वारा एनसीआरटी की नकली किताबें छापने के देश व्यापी मामले को लेकर जिला कांग्रेस की ओर से भाजपा कार्यालय के विरोध का ऐलान किया गया था।
इसको लेकर पार्टी कार्यालय पर जिला कांग्रेस के अलावा जिला सेवादल व मानवाधिकार विभाग सरीखे संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे थे।
कुल मिलाकर मौजूदगी दर्ज कराने लायक ठीकठाक कांग्रेसी जुटा लिए गए, लेकिन इसमें बड़ा योगदान एनएसयूआई के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष रोहित राणा एंड समर्थकों का नजर आया।
नारेबाजी में भी एनएसयूआई वाले आगे रहे। भाजपा कार्यालय के घेराव की प्रशासन से अनुमति नहीं ली गयी थी, इसलिए पुलिस ने सुबह 9:30 बजे से ही मोर्चा संभाल लिया था।
उस वक्त पं. नवनीत नागर व जहांगीर मंसूरी सरीखे कांग्रेसी चंदन भवन पर मौजूद थे, इंस्पेक्टर कोतवाली वहां आकर बता गए थे कि अनुमति नहीं है। कोतवाली पुलिस व आरएएफ मुस्तैद थी।
पार्टी कार्यालय से कांग्रेसी पूरी तरह से बाहर निकल भी नहीं सके थे कि पुलिस ने उन्हें वहीं रोक लिया। पुलिस व योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी गयी, लेकिन पुलिस के आगे एक नहीं चली।
मुश्किल से 15 मिनट के बाद कांग्रेसियों ने वहां पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। जिसमें एनसीईआरटी की नकली किताबें छापने वालों को जेल भेजे जाने व सीबीआई जांच की मांग की गयी।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व जिलाध्यक्ष अवनीश काजला ने किया। इनमें पं. नवनीत नागर, मोनिंदर वाल्मीकि सूद, हरिकिशन आंबेडकर, तेजपाल डाबका, विजय चिकारा, एनएसयूआई के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष रोहित राणा, सेवादल जिलाध्यक्ष रोहित गुर्जर, आशा राम, बबीता गुर्जर, महेश शर्मा, सलीम खान, जहांगीर मंसूरी, नईम राणा, यासिर सैफी, इरशाद मवाना, शबनूर, इकराम पार्षद, विनोद सोनकर, दिनेश उपाध्याय, दिलावर सिंह, रोहित राणा, अरविंद शर्मा, राधे श्याम आदि मौजूद रहे।
नजर नहीं आए कांग्रेस के पुराने चेहरे
एक बड़े मुद्दे को लेकर भाजपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के पुराने व कद्दावर माने जाने वाले चेहरे नजर मंगलवार को चंदन भवन पर नजर नहीं आए। यदि पुराने चेहरों की बात की जाए तो पं. नवनीत नागर या फिर हरीकिशन आंबेडकर सरीखे कांग्रेसियों को ही शुमार किया जा सकता है।
एआईसीसी के नाम पर खुद अवनीश काजला व मोनिदंर वाल्मीकि सूद के अलावा कोई अन्य नहीं था, लेकिन इस सवाल का जवाब वहां पहुंचे एक पुराने कांग्रेसी विजय सिंह चिकारा ने दे दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यक्रमों की सूचना नहीं दी जाती। पुराने कांग्रेसियों को बुलाया नहीं जाता। जबकि कांग्रेस मानवाधिकार विभाग के जिला अध्यक्ष तेजपाल डाबका ने तो और भी गंभीर आरोप लगा डाले।