- रैपिड रेल के लिए काम करने वाली मशीन रास्ता ध्वस्त होने से घटना स्थल पर नहीं पंहुच पाई
- केंद्र व यूपी सरकार की ऑपरेशन रूपक की जद्दोजहद पर बारिश ने पानी फेरा
- बनाया गया रास्ता ध्वस्त हुआ, दोबारा से निर्माण कार्य जारी
जनवाणी ब्यूरो |
रोहटा: कंकरखेड़ा के फाजलपुर निवासी रूपक के शव को ढाई सौ फीट गहरे बोरवेल से निकालने के लिए केंद्र सरकार व यूपी सरकार की जद्दोजहद पर बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश ने एक बार पानी फेर दिया।
केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद बोरवेल से सुरंग के जरिए डेड बॉडी को निकालने के लिए पहुंची रैपिड रेल बनाने वाली टीवी टीबीएम मशीन बारिश के कारण रास्ता ध्वस्त हो जाने की वजह से घटना स्थल पर नहीं पहुंच सकी।
बारिश में रास्ता ध्वस्त हो जाने के कारण 200 टन वजनी मशीन अब रास्ता बनने का खडी इंतजार कर रही है। जिसके चलते ऑपरेशन रूपक एक बार फिर भारी बारिश के कारण ब्रेक करना पड़ा।
मशीन को घटना स्थल तक पहुंचाने के लिए अब दोबारा से रास्ते का चौड़ीकरण और मरम्मत का काम शुरू होने के बाद ही मशीन घटना स्थल पर पहुंचकर अपना काम शुरू करेगी। ऑपरेशन जारी रखने के लिए मौके पर अफसर लगातार कोशिश में जुटे हुए हैं।
कंकरखेड़ा थाने के फाजलपुर निवासी रूपक कि उसके ही दोस्तों ने 54 दिन पहले यानि 27 जून को घर से बुलाकर हत्या करके शव जिटोला गांव के जंगल में ढाई सौ फीट गहरे एक बोरवेल में डाल दिया था।
जिसे निकालने के लिए पिछले महीने 10 जुलाई से 17 जुलाई तक यहां ऑपरेशन चलाया गया था। पोर्कलेन मशीन व जेसीबी की मदद से 50 तक की गई खुदाई के बाद भी सफलता नहीं मिल पाई थी।
इसे लेकर पांच दिनों तक लगातार अपने घर के बाहर धरने पर बैठ कर अपने पुत्र की डेड बॉडी की मांग करने वाले रूपक की मां की गूंज प्रशासन तक पहुंची तो कमिश्नर अनीता सी मेश्राम के आग्रह पर यूपी शासन ने केंद्र सरकार को भेजे प्रस्ताव के बाद सुरंग बनाने वाली टीबीएम मशीन को यहां पहुंचाने की मंजूरी दे दी थी। लेकिन, यहां 200 टन वजनी व लंबी मशीन पहुंचने के लिए रास्ता नहीं होने के कारण 12 अगस्त से रास्ता बनाया जा रहा था।
जिसके बाद यहां गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम व रैपिड रेल की खुदाई करने वाली टीबीएम मशीन पहुंचनी थी। इसके बाद ही ऑपरेशन रूपक दोबारा से शुरू किया जाना था। 200 टन वजनी व लंबी टीबीएम मशीन बुधवार को ट्राला में सवार होकर यहां पहुंची, लेकिन बुधवार को ही अचानक हुई तेज मूसलाधार बारिश में मशीन पहुंचाने के लिए बनाया गया 12 फीट चौड़ा और 50 मीटर लंबा रास्ता बारिश के कारण ध्वस्त होकर बह गया।
जिसके बाद टीबीएम मशीन घटना स्थल पर नहीं पहुंच पाई और उसे रास्ते में रोकना पड़ा। मशीन के साथ पहुंचे अफसरों ने बताया कि 200 टन व काफी लंबी इस मशीन को घटना स्थल तक पहुंचने के लिए अब रास्ता दोबारा से तैयार किया जाएगा।
निरीक्षण में बताया गया कि रास्ते की चौड़ाई कम होने और बारिश के कारण बह जाने के कारण अब सूखी मिट्टी मंगाकर दोबारा से रास्ते की चौड़ाई बढ़ाने के साथ मजबूत तरीके से बनाया जाएगा, ताकि भारी-भरकम मशीन को बिना किसी नुकसान के घटना स्थल तक आराम से पहुंचाया जा सके।
मूसलाधार बारिश ने यूपी व केंद्र सरकार के चल रहे ऑपरेशन रूपक पर एक बार फिर पानी फेर दिया और भारी बारिश के कारण पहले की तरह इस बार भी ऑपरेशन रूपक को ब्रेक करना पड़ा।
सीओ दौराला पंकज कुमार व इंस्पेक्टर रोहटा उपेंद्र सिंह ने बताया कि टीबीएम मशीन को रास्ते में रोका गया है तथा फिर से रास्ते का निर्माण कर मशीन को घटना स्थल पर पहुंचाने को युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। ऑपरेशन की मॉनिटरिंग के लिए केंद्र व यूपी सरकार के साथ-साथ दौराला पुलिस भी मौके पर डटी हुई है तथा देखरेख कर रही है।