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जनवाणी संवाददाता |
हरिद्वार: हरिद्वार जिले की सभी सहकारी समितियों की प्रगति की आज समीक्षा की गई। समिति के सभी सचिवों को निर्देश दिए गए हैं कि वह हर स्तर पर किसान का सहयोग करें । सरकारी योजना व कार्यक्रमों का लाभ आम किसान तक पहुंचाया जाए।
जिला सहकारी बैंक हरिद्वार के अध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने आज रोशनाबाद स्थित विकास भवन सभागार में भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा सहकारिता विभाग के अंतर्गत चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं को लेकर एमपी त्रिपाठी संयुक्त निदेशक, जिला सहायक निबंधक राजेश चौहान के साथ जनपद की समस्त सहकारी समितियों के प्रबन्ध निदेशक व प्रबंधकों के साथ योजनाओं की समीक्षा बैठक की।
बैठक के दौरान जिले की सभी सहकारी समितियों की एक-एक कर प्रगति की समीक्षा की गई। अब तक वितरित किए गए ऋण के बारे में विस्तृत रिपोर्ट ली गई। सहकारी समिति के सचिव से चालू वित्त वर्ष 2023- 24 की कार्य योजना के बारे में जानकारी हासिल की गई।
सचिवों से सवाल किया गया है कि समिति को इस वर्ष लाभ में पहुंचाए जाने की क्या योजना है। किसानों को सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों से लाभान्वित करने के लिए क्या मासिक एजेंडा तैयार किया गया है। फसलों की बुवाई के दौरान किसान की समिति की ओर से क्या सहायता की जा रही है। ताकि किसान को लगे कि सहकारी समिति उनकी सबसे बड़ी मददगार है।
सभी सहकारी समिति के सचिवों ने बताया कि अधिक से अधिक ऋण वितरित किया जा रहा है जो भी किसान सहकारी समिति पर ऋण के लिए आवेदन कर रहा है उसे दूसरे तीसरे दिन उनकी डिमांड के अनुरूप ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। खाद और बीज की उपलब्धता बनाई गई है। कहीं पर भी कोई परेशानी किसान को नहीं होने दी जा रही है।
इस पर जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने कहा कि किसान को अधिक से अधिक ऋण वितरित किया जाए। सरकार द्वारा संचालित योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ आम किसान तक पहुंचाया जाए खेती-बाड़ी के विकास के लिए किसान को जागरूक किया जाए। इस संबंध में जरूरी हो तो समय-समय पर गोष्ठी का आयोजन किया जाए।
उन्होंने सहकारी समिति के सचिव को निर्देशित किया है कि वह गांव में जाकर किसान चौपाल का आयोजन करें और उन्हें सहकारिता के बारे में विस्तार से जानकारी दें। सहकारी समितियों के अधिक से अधिक सदस्य बढ़ाएं जो सहकारी बैंक की शाखाएं हैं वहां पर अधिक से अधिक डिपॉजिट कराएं।
जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने कहा है कि सहकारिता विभाग की मंशा सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने की है यह तभी संभव है जब सहकारी समिति के अधिकारी कर्मचारी किसानों से सामंजस्य बैठाकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक सभी समितियों को हर स्तर पर सहयोग कर रहा है।
उन्होंने कहा है कि जनपद की 6 सहकारी समितियों में जन सुविधा केंद्र व जन औषधि केंद्र खोले जाने के लिए पहले ही प्रस्ताव पारित हो चुके हैं। कुछ नई बैंक शाखाएं भी खोली जानी है इसके लिए भी प्रक्रिया जारी है। एमपी त्रिपाठी संयुक्त निदेशक ने अधिकारियों कर्मचारियों से कहा है कि वह शासन की मंशा के अनुरूप कार्य करें और जो भी उन्हें लक्ष्य सौंपे गए हैं उनको समय रहते पूरा करें।
जितना भी ऋण वितरण किया जा रहा है। उसकी समय से वसूली की जाए। सहकारी समितियों पर बेवजह कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ ना डाला जाए। ऋण वितरण में पूरी तरह पारदर्शिता बरती जाए। समय-समय पर सहकारी समिति के सदस्यों की भूमि का भी सत्यापन कराया जाए ताकि ऐसा न हो कि कोई सदस्य जमीन बेचने के बाद भी उसी के आधार पर ऋण प्राप्त कर रहा हो।
जिला सहायक निबंधक राजेश चौहान ने साफ तौर पर कहा है कि यदि सहकारी समितियों पर किसी भी तरह की गड़बड़ी होगी तो इसके लिए वहां के सचिव जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि नियम विरुद्ध कोई भी कार्य नहीं होना चाहिए। जितने भी सरकारी कार्यक्रम है।
उनको तेजी से लागू किया जाए कृषि ऋण के अलावा अन्य ऋण भी वितरित किए जाएं ताकि किसान को खाद की किल्लत का सामना ना करना पड़े। इसीलिए समिति के सचिव अपने खाद भंडार को समय-समय पर चेक करते रहे। अपनी जरूरत के मुताबिक खाद की डिमांड मुख्यालय को भेजते रहें।
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