- एक साल के बच्चे से लेकर 30 साल के युवाओं को अधिक बना रहा निशाना
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: संक्रमण केवल 50 साल से ऊपर लोगों को ही निशाना बना रहा है। ये बात स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों ने गलत साबित कर दी है। वर्तमान में कोरोना संक्रमण की मार एक साल के बच्चे से लेकर 30 साल के युवाओं पर अधिक पड़ रही है। इससे पहले धारणा थी कि जो जिनकी आयु 50 का आंकड़ा पार कर चुकी है, केवल उनके लिए ही संक्रमण धातक होता है, लेकिन ये अवधारणा पूरी तरह से गलत साबित हो रही है। कोरोना का संक्रमण सभी आयु वर्ग के लोगों को निशाना बना रहा है।
आंकड़े खारिज कर रहे थ्योरी
- स्वास्थ्य विभाग के जो आंकडे आए हैं उन्होंने विशेषज्ञों की तमाम थ्योरियां खारिज कर दी हैं। माह अक्टूबर के आंकड़ों की यदि बात की जाए तो..
- 10 अक्टूबर की स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में कुल 140 संंक्रमितों में एक साल से 30 साल आयु वर्ग के 50 संक्रमित पाए गए। इनमें से एक से 20 साल आयु वर्ग के कुल 24 केस पाए गए हैं। इनमें एक से 10 साल की आयु वर्ग की अच्छी खासी संख्या है।
- 9 अक्टूबर की कोरोना अपडेट में कुल संक्रमित केसों की संख्या 101 है। 1 से 30 साल आयु वर्ग के 32 संक्रमित हैं। इनमें सबसे कम आयु वर्ग की लिसाड़ीगेट तारापुरी निवासी 1 साल की तथा नारी निकेतन में रहने वाली 4 साल की बालिका है।
- 8 अक्टूबर के स्वास्थ्य विभा के अपडेट में कुल 143 संक्रमित केस। इनमें 1 से 30 साल आयु वर्ग के 43 केस हैं। सबसे कम आयु वर्ग की क्वीन्सलैंड निवासी छह साल की बालिक व 7 साल का बागपत रोड दिनेश विहार निवासी बालक।
- 7 अक्टूबर के आंकड़ों की यदि बात की जाए तो कोरोना अपडेट कुल 142 संक्रमित केस। एक साल से लेकर 30 साल आयु वर्ग के संक्रमण का शिकार होने वालों की संख्या 40 है। इनमें से भी एक साल लेकर 20 साल आयु वर्ग के संक्रमितों की संख्या 55 है। ये आंकडेÞ 142 कुल संक्रमितों में आए हैं। इनमें भी एक साल आयु वर्ग से लेकर 20 साल आयु वर्ग के संक्रमित केसों की संख्या 21 है।
- 6 अक्तूबर को मिले अपडेट में कुल संक्रमितों की संख्या 107 है। इनमें 1 से 30 साल आयु वर्ग के संक्रमितों की संख्या 38 है। जबकि सबसे काम आयु की सिवाया वर्धमान कालोनी निवासी 4 साल की बालिका, 4 साल का शास्त्री नगर निवासी बालक, 6 साल की ईशापुरम की बालिका व 7 साल का अनूपनगर फाजलपुर का बालक है।
- 5 अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग के अपडेट में संक्रमितों की कुल संक्रमितों की संख्या 139 थी। एक से 30 साल की आयु वर्ग के 28 केस थे। इनमें सबसे छोटा संक्रमित 8 माह की आनंदपुरी निवासी बालिका थी। इसके अलावा पल्लवपुरम निवासी 4 साल का बच्चा।
- 4 अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग के अपडेट में संक्रमित केसों की कुल संख्या 134 बतायी गयी है। इनमें एक से 30 साल आयु वर्ग के केसों की संख्या 51 है। इनमें सबसे कम आयु वर्ग का 9 साल का संक्रमित बच्चा है।
- 3 अक्टूबर को कुल 154 संक्रमितों में 1 से 30 साल आयु वर्ग के संक्रमित केसों की कुल संख्या 71 है। इनमें भी चार माह की बच्ची भी संक्रमितों की सूची में शामिल है। इसके अलावा एक साल से लेकर 20 साल आयु वर्ग के संक्रमित केसों की संख्या 30 है।
- 2 अक्टूबर को मिले कुल संक्रमितों 80 में से एक से 30 साल की आयु वर्ग के संक्रमितों की कुल संख्या 26 है। इनमें से सात-सात आयु वर्ग के संक्रमित हैं। जबकि दो साल तक की आयु वर्ग के संक्रमित मिले हैं।
- 1 अक्टूबर को मिले कुल 168 संक्रमितों में से एक से तीस साल आयु वर्ग के संक्रमितों की कुल संख्या 54 थी। इनमें सबसे कम सात साल आयु वर्ग का संक्रमित भी शामिल है।
ये कहना है प्राचार्य का
मेडिकल प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार का कहना है कि पहले कुछ ऐसी अवधारणा थी कि कोरोना का संक्रमण केवल फिफ्टी प्लस वालों को चपेट में लेता है, लेकिन अब दो माह, तीन माह और एक साल के बच्चे बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं। ये गंभीर है।
ये कहना है आईएमए के स्टेट सेक्रेटरी का
आईएमए के स्टेट सेक्रेटरी डा. शिशिर जैन का कहना है कि कोरोना की अभी तक कोई वैक्सीन नहीं तैयार हुई है। इसमें देरी के पीछे संभवत इस वायरस की बार-बार बदल रही प्रवृत्ति है। दुनिया भर के दवा वैज्ञानिक इसके बदल रहे स्वरूप को लेकर चिंतित हैं।