- नगर पालिका अलाव में जलवा रही गीली लकड़ी
- अलाव जलाने में निकल रहे आंसू, सभासदों ने कही शिकायत बात
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: गरीब-असहायों संग राहगीरों के लिए ठंड से बचने का इस समय सबसे आसान राह अलाव की आग ही दिख रही है। बढ़ती ठंड और गलन के इस दौर में नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक में लोग अलाव की राह ताक रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता से न सिर्फ लोग कंपकंपी ले रहे हैं,
बल्कि अलाव की आंच भी ठिठुर चुकी है। अलाव की लकड़ी से आंच तो कम भ्रष्टाचार की लपटें अधिक निकलती दिख रही है। ठंड व गलन में वृद्धि होने से सरधना का जनजीवन सिकुड़ गया है। कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। पालिका प्रशासन द्वारा कुछ स्थानों पर जलवाए जा रहे हैं, लेकिन महज खानापूर्ति से अलाव की आग भी गलन के आगे बेअसर साबित हो रही है।
हाड़कंपाने वाली ठंड के बीच सरधना में नगर पालिका ने अलाव तो जलवाने शुरू कर दिए हैं। मगर उन पर भी भ्रष्टाचार का पानी डाला जा रहा है। पालिका द्वारा डाली जा रही लकड़ी पूरी तरह से गीली हैं। जिन्हें जलाने में लोगों के आंसू निकल रहे हैं। उसमें भी चिह्नित स्थानों में भी आधी जगह ही लकड़ी पहुंच पा रही है। कुछ सभासदों ने लकड़ी के फोटो सोशल मीडिया पर डालकर सवाल खड़े किए हैं।
सभासदों ने मामले की शिकायत अधिकारियों से करने की बात कही है। पिछले कई दिन से सुन्नकर देने वाली ठंड ने लोगों का बुरा हाल कर रखा है। ऐसे में ठंड की सबसे अधिक मार राहगीरों व असहाय लोगों को झेलनी पड़ रही है। लोगों को ठंड से बचाने के लिए प्रशासन द्वारा अलाव जलवाने की व्यवस्था की जाती है। सरधना में नगर पालिका ने अलाव जलवाने शुरू कर दिए हैं। जिसके लिए टेंडर छोड़ा गया है।
मगर अलाव जलाने में खेल किया जा रहा है। पालिका द्वारा डाली जा रही लकड़ी गीली हैं। जो जलने का नाम नहीं ले रही हैं। अलाव जलाने में लोगों के आंसू निकल रहे हैं। उसमें भी चिह्नित किए गए स्थानों में आधी जगह ही लकड़ी पहुंच पा रही है। कुछ सभासदों ने गीली लकड़ी के फोटो सोशल मीडिया पर डालकर पालिका पर सवाल खड़े गए हैं। सभासद इमरान ठाकुर, कविता आदि ने मामले की शिकायत अधिकारियों से करने की बात कही है।