- शहर के प्रतिष्ठित लोगों ने कार्यक्रम की कुछ झलकियां अपनी सोशल मीडिया एकाउंट में की पोस्ट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सोशल मीडिया पर दैनिक जनवाणी का विचार मंथन कार्यक्रम छाया रहा। कार्यक्रम में आए मंत्री, विधायक व शहर के प्रतिष्ठित लोगों ने कार्यक्रम की कुछ झलकियां अपनी सोशल मीडिया एकाउंट में पोस्ट की। जिससे लाखों लोगों ने कार्यक्रम की तारीफ की। बड़ी संख्या में कार्यक्रम को लाइक भी मिला। शहर के कुछ मुददों को लेकर रविवार को गॉडविन होटल में विचार मंथन का कार्यक्रम आयोजित कराया गया। जिसमें कई मंत्री व विधायकों व प्रशासन के अफसरों मौजूद रहे। इस दौरान कार्यक्रम में आए लोगों ने अपने सवाल मंत्री व विधायक से पूछे। इसके बाद कार्यक्रम में आए मंत्री व विधायक ने कार्यक्रम की कुछ झलकियां अपने सोशल मीडिया के एकाउंट में पोस्ट की गई है।
जाम से छुटकारे को ई-रिक्शाओं को बांट दिया चार जोन में
एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा ने कहा कि शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए लगातार व्यापारी संगठन, स्कूल व कॉलेज के प्रधानाचार्य आदि लोगों से बातचीत की जा रही है। इससे पहले वेस्टर्न रोड पर आठ स्कूलों के सामने जाम की समस्या थी। स्कूल के प्रधानाचार्यो के साथ बैठक की। स्कूलों की छुट्टी का समय 10 मिनट आगे पीछे किया गया। जिससे वहां पर जाम की समस्या समाप्त हो गई।
इसके साथ शहर में बढ़ रहे ई-रिक्शाओं को कंट्रोल करने के लिए जोन व्यवस्था लागू कर दी गई। मेरठ में चार जोन बनाए गए हैं। प्रत्येक ई-रिक्शा अपने जोन में ही चलेगा। उन्होंने कहा कि शहर के अधिकतर लोग ही ट्रैफिक के नियमों का पालन नहीं करते। इसके साथ पढ़े लिखे लोग कुछ रुपये बचाने के लिए अपने बच्चे की जान की परवाह न करते हुए उसे ई-रिक्शा में सवार करके स्कूल भेज देते हैं। जबकि वह चेक नहीं करते कि ई-रिक्शा चालक पर लाइसेंस है या नहीं।
पैसा लेकर दुकानों के सामने लगवाते हैं ठेला
एसपी ट्रैफिक का कहना है कि कुछ लोगों का कहना है कि शहर में कई दुकानदार रुपये लेकर अपनी दुकानों के सामने रुपये लेकर ठेला लगवाते हैं। पांच साल बाद ठेला लगाने वाला उस जमीन पर अपना अधिकार समझने लगता है। ऐसे ठेले वालों को हटाना प्रशासन को काफी परेशानी होती है।
लोग बोले, ऐसा मंच आगे भी मिले
जनवाणी के विचार मंथन कार्यक्रम के सफल आयोजन और उसमें बड़ी संख्या में पहुंचे शहर के प्रबुद्ध वर्ग मौजूदगी ने साबित कर दिया है कि जनवाणी विचार मंथन ने एक बड़ी लकीर खींच दी है। शहर की समस्याएं उठाने और जो इन समस्याओं का हल बता सकते हैं, उन तक पहुंचाने में काम भी किया है। केवल पहुंचाने का ही काम नहीं किया बल्कि यह भी कि समस्याओं का समाधान कब और कैसे होगा, यह भी साफ करने का प्रयास किया।
जनवाणी के विचार मंथन में पहुंचने वालों में बड़ी संख्या इंजीनियर, डाक्टर, सीए, व्यापारी नेता, शिक्षाविद, पूर्व आईएएस अफसर, कालेज के प्रिंसिपल व प्रोफेसर, समाजसेवी, रंगमंच के कलाकार रहे। जनवाणी के विचार मंथन का कार्यक्रम होटल गॉडविन के जिस बड़े हाल में चल रहा था, वहां एक भी कुर्सी या सोफा खाली नहीं था। पूरा हाल खचाखच भरा हुआ था। हालत यह थी कि लोग हाल के बाहर भी मौजूद थे।
हालांकि हाल के बाहर भी अतिथियों के लिए समुचित व्यवस्था थी, लेकिन इससे भी इतर यह भी किसी को भी विचार मंथन के इस कार्यक्रम से समाप्त होने की जल्दी नहीं थी। दरअसल, जनवाणी के मंच के माध्यम से अपने जनप्रतिनिधियों ये रूबरू होने वाले चाहते थे कि उनकी जो परेशानियां हैं वह माकूल सिस्टम तक पहुंचे। उनका हल हो। शायद यही वजह थी कि तमाम लोग चाहते थे कि यह कार्यक्रम अभी और चले।
विचार मंथन के मंच पर जो मौजूद थे उन्हें भी कोई जल्दी नहीं थी। वे लोग विचार मंथन के बाद भी समस्याओं को लेकर मंथन करते रहे। सांसद अरुण गोविल, ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, कैट विधायक अमित अग्रवाल, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज सरीखे तमाम जन प्रतिनिधि भी चाहते हैं कि जनवाणी ने विचार मंथन की मार्फत जो सिलसिला शुरू किया है, उसमें निरंतरता बनी रहनी चाहिए।