- अक्खेपुर में बुखार से किशोरी की मौत से मचा कोहराम
जनवाणी संवाददाता |
सरधना/मेरठ: नगर में बुखार का कहर कम होता नजर नहीं आ रहा है। बुखार के चलते आज सोमवार को 17 साल की एक युवती ने दम तोड़ दिया। इससे पहले बुधवार को भी सरधना के गांव मढियाई में दो बच्चों की मौत हो गयी थी। सरधना की यदि बात की जाए तो यहां बुखार से मरने वालों का आंकड़ा दो दर्जन के पार जा चुका है। लोगों का कहना है कि ये सभी मौतें डेंगू के चलते हुई हैं।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग इन मौतों को डेंगू मानने को तैयार नहीं। वहीं दूसरी ओर डेंगू का प्रकोप लगातार जारी है। जनपद में डेंगू के तीस से ज्यादा केस आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि सोमवार को डेंगू के 11 केस आए हैं। इससे पहले रविवार को डेंगू के 20 केस आए थे। उधर सरधना क्षेत्र में बुखार का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है बुधवार को जहां मंढियाई गांव में बुखार से दो बच्चों की मौत हुई थी
वहीं शुक्रवार को फिर अक्खेपुर गांव में एक किशोरी की मौत हो गई। क्षेत्र में बुखार से लगातार लोगों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। पहले जहां कपसाड़ गांव में दर्जनभर लोगों की मौत हुई। वहीं, फिर मंढियाई और अब अक्खेपुर गांव में एक किशोरी की बुखार से मौत हो गई। किशोरी की मौत से परिजनों में कौहराम मच गया। क्षेत्र के गांव अक्खेपुर निवासी अजय सोम की पुत्री 17 वर्षीय जस्सी सोम काफी दिनों से बीमार चल रही थी।
पांच दिन पहले अचानक बुखार आया। परिजनों उसका स्थानीय चिकित्सक से उपचार कराया, लेकिन आराम नहीं लगा तो परिजनों ने उसे उपचार के लिए मेरठ के एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। जहां उपचार के दौरान गुरुवार को उसकी मौत हो गई। परिजनों को इसका पता चला तो उनमें कोहराम मच गया। रात में ही किशोरी के शव को परिजन घर ले आए। जिसका गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
उधर, बुखार से हुई मौत को लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना है। ग्रामीणों की माने तो गांव में काफी लोग बुखार से पीड़ित हैं और गांव में स्वास्थ्य कैंप लगवाने की मांग की है। इस बारे में सीएचसी प्रभारी डा. संदीप गौतम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में है। टीम भेजकर जांच कराई जाएगी साथ ही कैंप भी लगवाया जाएगा।
डेंगू के डंक से दो बहनों की मौत
किठौर: नंगला सलेमपुर में रहस्यमयी बुखार ने कहर बरपा रखा है। दो दिन में बुखार पीड़ित दो सगी बहनों की मौत और दर्जनों ग्रामीणों के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन होने से गांव में हड़कंप मचा हुआ है। ग्रामीण ग्राम प्रधान और स्वास्थ्य विभाग पर घोर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।
परीक्षितगढ़ ब्लाक के नंगलासलेमपुर में जयपाल सिंह का परिवार रहता है। छह वर्ष पूर्व इनके बेटे संदीप व प्रदीप की शादी बागपत के बागू गांव निवासी सगी बहनों अनीता व प्रिया से हुई थी। परिजनों ने बताया कि मंगलवार को अनीता को बुखार आया तो उसको स्थानीय डाक्टर से दवाई दिलाई गई। फायदा न होने पर परिजन अनीता को मेरठ ले गए। जहां डाक्टरों ने डेंगू बताकर उसे निजी अस्पताल में भर्ती कर लिया।
बताया कि गुरुवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इसी बीच अनीता की छोटी बहन प्रिया भी बुखार की चपेट में आ गई। परिजन उसे मेरठ ले गए। डाक्टरों ने गंभीर स्थिति के चलते उसे नोएडा रेफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान प्रिया ने भी दम तोड़ दिया। एकसाथ दो बहनों की मौत से परिवार में कोहराम और गांव में हड़कंप मचा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि अनीता के एक बेटा, बेटी जबकि प्रिया को सिर्फ एक बेटी है।
ग्रामीणों में खौफ और आक्रोश
गांव में 15 दिन से फैले रहस्यमयी बुखार से लोगों में दहशत भी है और स्वास्थ्य विभाग व ग्राम प्रधान के लापरवाह रवैये से आक्रोश भी। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पिछले 15 दिन से कोई घर बुखार से अछूता नहीं। भोपाल, शिवकुमार, नीलम, बलवीर, राजबाला, कल्लू, शहनाज, रेनू, सुशील, हैप्पी, भूरे, सुनीता, बिलकीस समेत लगभग तीन दर्जन बुखार पीड़ित ग्रामीण मेरठ के विभिन्न अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं। जिनमें कई लोगों को डेंगू की पुष्टि हो गई है।
ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार अवगत कराने के बाद ग्राम प्रधानपति ने गांव में फोगिंग कराकर जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना देने तक की जहमत नहीं उठाई। इस बाबत ग्राम प्रधानपति साजिद अली ने बताया कि उन्होंने कई दिन पहले परीक्षितगढ़ सीएचसी प्रभारी डा. रविशंकर शर्मा को बीमारी फैलने की सूचना दी, लेकिन डा. रविशंकर ने जांच के नाम पर आशाओं से खानापूर्ति करा दी।
बुखार से पीड़ित पूर्व मंत्री ओमपाल सिंह नेहरा का निधन
बिजनौर/मेरठ: सपा की यूपी अखिलेश सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे ओमपाल नेहरा का निधन हो गया। ओमपाल नेहरा कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे। पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह और पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक के साथ काम किया। ओमपाल नेहरा का बिजनौर विदुरकुटी मार्ग पर फार्म हाउस बना हुआ है। ओमपाल सिंह नेहरा ने मेरठ कालेज से राजनीति शुरू की थी। इस दौरान सतपाल मलिक के संपर्क में आए। आपातकाल में भी ओमपाल नेहरा तिहाड़ जेल गए।
यूपी की सपा अखिलेश सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे। बिजनौर में ही ओमपाल नेहरा ने कहा था कि मस्लिमों को अयोध्या मंदिर की जगह हिन्दुओं को मंदिर बनाने के लिए दे देनी चाहिए। इससे राजनीति बंद हो जाएगी। इसका वीडियो वायरल हो गया था। इसके बाद उस दौरान ओमपाल सिंह नेहरा से मंत्री पद छिन लिया गया था। ओमपाल सिंह नेहरा कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे। ओमपाल सिंह नेहरा का शुक्रवार को निधन हो गया। यह जानकारी उनके बेटे राहुल नेहरा ने दी।