देश भर में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दिल्ली से लेकर पश्चिम बंगाल तक कई राज्य डेंगू से बुरी तरह प्रभावित हैं। एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है, ये मच्छर साफ पानी में पनपता है और दिन के उजाले में काटता है। इससे बचने के लिए अपने घर के आस-पास सफाई रखना जरूरी है।
घर में या आस-पास कहीं भी जमा हुआ पानी न रहने दें, नहीं तो इसमें डेंगू के मच्छर पनप सकते हैं। डेंगू के बढ़ते संक्रमण के इस समय में इसे लेकर कई मिथ भी सामने आ रहे हैं। आइए जानते हैं कि डेंगू से जुड़े वे कौन से मिथक हैं, जिस पर आपको भरोसा नहीं करना है।
डेंगू और कोविड एक साथ नहीं होता
ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब लोगों में डेंगू और कोविड एक ही समय में होते हुए देखे गए हैं। दुनिया भर में कई देशों में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जब डेंगू और कोरोना एक साथ किसी एक व्यक्ति को हुआ है।
डेंगू को कोविड से हल्का बताना
दो अलग-अलग रोगजनकों के कारण होने वाली दो अलग-अलग बीमारियों की तुलना नहीं की जा सकती। दोनों बीमारियों की गंभीरता, जिनमें से एक महामारी के रूप में डर पैदा कर चुकी है और वह दूसरी जिससे हर साल सैकड़ों की संख्या में लोग मारे जाते हैं। इन दोनों में से किसी को भी कम या ज्यादा खतरनाक नहीं बताया जा सकता।
डेंगू घातक नहीं है
डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है। डेंगू से जुड़ा दर्द सहना मुश्किल होता है। डेंगू बहुत खतरनाक है और गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है, जिसका सही समय पर इलाज न करने पर शरीर पर लंबे समय तक हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।
डेंगू जीवन में केवल एक बार होता है
डेंगू से कोई भी व्यक्ति का चार बार तक संक्रमित होना संभव है। यह संभव है कि दूसरी बार पहली बार की तुलना में गंभीर हो।