Monday, June 30, 2025
- Advertisement -

पूर्वी लद्दाख सीमा के पास बढ़ाई तैनाती, बाज नहीं आ रहा चीन

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: भारत के साथ तनाव के बीच चीन अपनी सक्रियता बढ़ाने से बाज नहीं आ रहा है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक चीनी वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख सीमा के पास बुनियादी ढांचे का निर्माण कर अपनी तैनाती और बढ़ा दी है। ड्रैगन की इस तरह की हरकत से विवाद और अधिक बढ़ सकता है। दोनों देशों के रिश्तों में खटास आने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि 9 दिसंबर की तवांग की झड़प ने अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी सीमा पर चीन के साथ लंबित मुद्दों को सुर्खियों में ला दिया है।

बताया जा रहा है कि अगस्त में भारत ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब चीनी हवाई गतिविधि में वृद्धि का मुद्दा उठाया था, और उसे मौजूदा समझौते का पालन करने के लिए कहा था, जो कि सीमा के 10 किलोमीटर के भीतर लड़ाकू विमानों को उड़ान भरने से रोकते हैं।

बुनियादी ढांचे के निर्माण से सेना के आधुनिकीकरण पर जोर दे रहा चीन

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) अपनी क्षमताओं को अधिकतम करने के लिए LAC के पार बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वहीं भारत चीन की हर तरह की गतिविधि पर नजर बनाए हुए है। भारत अपनी परिचालन योजना में विरोधी की क्षमताओं को ध्यान में रख रहा है, और किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए उपयुक्त उपाय कर रहा है।

चीन युद्ध के लिए बढ़ा रहा है सैनिकों की संख्या

बुनियादी ढांचे के तहत चीन, खतरनाक एयरक्राफ्ट, हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम), एक मजबूत रडार नेटवर्क से लेकर एयर बेस पर पर रनवे और हैंगर की संख्या बढ़ाने में लगा हुआ है। लद्दाख थिएटर में PLAAF की चल रही गतिविधियों का उद्देश्य इसकी क्षमताओं को तेज करना और खुद को एक के रूप में पेश करना है। चीन युद्ध के लिए सैनिकों की संख्या और बढ़ाने पर फोकस कर रहा है।

भारतीय सेना भी है मुकाबले के लिए तैयार

झिंजियांग और तिब्बत में अधिकांश चीनी हवाई क्षेत्र दोहरे उपयोग के लिए हैं, और PLAAF ने जानबूझकर लड़ाकू विमानों और हथियारों एवं ईंधन भंडारण के लिए अन्य रसद बुनियादी ढांचे के लिए कठोर आश्रयों का निर्माण किया है। हालांकि, भारतीय वायुसेना ने भी चीन का मुकाबला करने के लिए लद्दाख और पूर्वोत्तर में भी काफी बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है।

भारतीय सेना के सूत्र ने बताया कि

सैटेलाइट इमेज से यह भी पता चलता है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में तवांग से लगी सीमा के पास गांवों का निर्माण किया है। चीनी पीएलए की सेना ने उस तरफ सड़क भी बना ली है। भारतीय सेना के एक सूत्र ने मंगलवार को बताया कि चीन की सेना एक सुनियोजित साजिश के तहत 9 दिसंबर को 300 सैनिकों के साथ एलएसी पर भारतीय चौकी के पास पहुंची थी। जिसे हमारे बहादुर सैनिकों ने कुछ ही देर में खदेड़ दिया। वहीं अरुणाचल प्रदेश में तनाव बढ़ने के बाद अब भारतीय वायुसेना के विमान चीनी सेना को एलएसी का उल्लंघन करने से रोकने के लिए अरुणाचल के आसमान में गश्त कर रहे हैं।

आईएएफ प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने कहा

आईएएफ प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने जुलाई में एक बयान देते हुए कहा था कि जब भी हम पाते हैं कि चीनी विमान या दूर से संचालित विमान प्रणाली एलएसी के थोड़ा बहुत करीब आ रहे हैं, तो हम अपने लड़ाकू विमानों से उसे खदेड़ कर या अपने सिस्टम को हाई अलर्ट पर रखकर उचित उपाय करते हैं। इसने उन्हें काफी हद तक डरा दिया है।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

पौराणिक संदर्भों में शंख

पौराणिक काल से शंख को शौर्य का द्योतक भी...

अवसाद का सामना करने में योग की भूमिका

कुमार कृष्णनराष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2024 के अनुसार भारत...

अब तो दिखाने ही पड़ेंगे कागज

अब बोलें, क्या कहेंगे, विरोध करने वाले। तब तो...

घोषित बनाम अघोषित आपातकाल

भारतीय संविधान का निर्माण इस भावभूमि पर हुआ था...

सवालों के घेरे में विदेशनीति

चीन के चिंगदाओ नगर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)...
spot_imgspot_img