Saturday, January 11, 2025
- Advertisement -

चीन में नहीं थम रही कोरोना से तबाही, हफ्ते भर में करीब 13 हजार की मौत

  • 80 फीसदी से ज्यादा लोग हो चुके हैं संक्रमण के शिकार

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने रविवार को कहा कि 13 से 19 जनवरी के बीच सात दिनों में अस्पतालों में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 12,658 तक पहुंच गई। जीरो-कोविड पॉलिसी के अचानक समाप्त किए जाने के बाद चीन में 8 दिसंबर से 12 जनवरी के बीच लगभग 60,000 मौतें हुई थीं।

चीन में एक हफ्ते में 13 हजार लोगों की मौत की खबर सामने आई है। वहीं चीन के महामारी विशेषज्ञ का कहना है कि करीब 80 फीसदी चीनी नागरिक पहले ही वायरस की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में निकट भविष्य में दूसरी लहर आने की कोई आशंका नहीं है।

सीडीसी के मुख्य महामारी विज्ञानी वू जुयोउ ने अगले कुछ महीने में दूसरी लहर के संभावित खतरे को खारिज किया है। वहीं चंद्र नव वर्ष के दौरान बुजुर्गों और कमजोर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। वू ने शनिवार को चीनी सोशल मीडिया साइट वीबो पर लिखा, “चीनी नव वर्ष के दौरान बड़े पैमाने पर लोगों के घूमने से कुछ हद तक महामारी के प्रसार को तेज कर हो सकता है और कुछ क्षेत्रों में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ सकती है।”

वू ने कहा, क्योंकि नई लहर ने देश में लगभग 80 प्रतिशत लोगों को संक्रमित कर दिया है, ऐसे में अगले दो से तीन महीनों में बड़े पैमाने पर महामारी का प्रकोप बढ़ने या दूसरी लहर की संभावना कम है।

चीन के बिना किसी तैयारी किए पिछले महीने अपनी कोविड संबंधी सभी नियमों को खत्म कर दिया था। जिसके बाद से ही चीन में कोरोना मामलों में अचानक तेजी देखने को मिली थी। अधिकारियों ने कोविड से होने वाली मौतों की परिभाषा को सीमित करने के बाद मरने वालों की आधिकारिक संख्या पर संदेह जताया जा रहा है।

नए मामलों की शुरुआती लहर के बाद से, चीन के अधिकांश हिस्सों में जीवन काफी हद तक सामान्य हो गया है। अधिकारियों ने हालांकि ‘लूनर न्यू ईयर’ के मौके पर यात्रा करने वालों की भीड़ के मद्देनजर ग्रामीण इलाकों में वायरस के और प्रसार को लेकर चिंता व्यक्त की है।

तो ऐसी है ड्रैगन की शून्य कोविड नीति

“शून्य कोविड” रणनीति संक्रमण के हर मामले का पता लगाने और पृथकवास पर जोर देती है। यह उन लोगों को भी पृथकवास में रखने की मांग करती है जो संक्रमितों के साथ किसी भी रूप में संपर्क में आए थे। इस नीति के चलते शंघाई जैसे शहरों में लाखों लोगों को दो महीने या उससे अधिक समय के लिए अपने घरों में पृथकवास में रहना पड़ा और उनमें से कई को भोजन की कमी व स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच न होने के हालात का सामना करना पड़ा।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

एमपीएस ग्रुप के अध्यक्ष ताराचंद शास्त्री का निधन, लोकसभा का लड़ चुके थे चुनाव

जनवाणी संवाददाता | मेरठ: आज शुक्रवार की सुबह मेरठ पब्लिक...

TRP List: टीआरपी लिस्ट में इन शोज ने बनाई टॉप 5 में जगह, अनुपमा की डूबी नैया

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आका हार्दिक स्वागत...

Mahakumbh 2025: कब है महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान,यहां जाने..

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img