Wednesday, July 3, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutनिलंबन के खेल पर डीजी खफा

निलंबन के खेल पर डीजी खफा

- Advertisement -
  • टीचरों के निलंबन और बहाली के तौर तरीकों पर उठाए सवाल
  • पूछा कि निलंबन की कार्रवाई में शासन की तौर तरीकों की अनदेखी क्यों

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक निलंबनों को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी के कामकाज के तरीके से सख्त नाराज है। इस नाराजगी का इजहार उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी को छह जनवरी को भेजी चिट्ठी में किया है। मेरठ में इस प्रकार के कई मामले हैं। निलंबन के ऐसे मामलों को लेकर उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी से तख्ल नाराजगी जतायी है।

केवल मेरठ ही नहीं बल्कि प्रदेश भर के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने पत्र भेजा है और इस पत्र के साथ एक सूची भी संलग्न की है। जिनमें संबंधित जनपद के निलंबित प्रकरणों को पूरा ब्योरा दिया है। इस चिट्ठी में दिए गए ब्योरे में मेरठ जनपद का नंबर 21 है जिसमें निलंबन का ब्योरा अंकित है।

पत्र में तल्ख टिप्पणी

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा के छह फरवरी को बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे गए पत्र में बेहद तल्ख टिप्पणी की गयी है। इसमें निलंबन व निलंबन बहाली का जिक्र किया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के नियम संख्या 4(1) स्पष्ट प्राविधानित है कि निलंबन तब तक नहीं करना चाहिए जब तक कि सरकारी सेवक के विरुद्ध अभिकथन इतने गंभीर न हो कि उनके स्थापित हो जाने की दशा में सामान्यता दीर्घ शास्ति शारित का समुचित आधार हो सकता हो,

परंतु जनपदों द्वारा की गयी अनुशासित कार्यवाहियों (सूची संलग्न) के विश्लेषण से संज्ञानित हुआ है कि कतिपय जनपदों में निलंबन की कार्रवाई के बाद (न तो दीर्ध दंड और न ही लघु अभिरोपित किया गया है) बिना किसी दंड के निलंबन से बहाल किया गया है। उक्त से प्रतिरोपित हो रहा है कि बगैर किसी आधार के ही निलंबित किया जा रहा है। अथवा निलंबन उपरांत शासनदेशों का पालन किए बगैर ही बहाल किया जा रहा है। उक्त स्थिति कदाचित उचित नहीं है।

समीक्षा के निर्देश

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा के उक्त पत्र में बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि निलंबन के प्रकरणों की समीक्षा कर सुधारत्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें। इस संबंध में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ व सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए अवगत कराया गया है।

मेरठ की स्थिति

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा के छह फरवरी के साथ जो संलग्नक भेजा गया है। उसमें जनपद मेरठ का सीरियल 21 इसमें जो ब्योरा दिया है। उसके मुताबिक कुल-

  • निलंबित-17
  • बहाल-6
  • माइनर पनिशमेंट पर बहाली-8
  • मेजर पनिशमेंट पर बहाली-2
  • निलंबन टीचर का लंबित प्रकरण-1

निलंबन प्रकरणों को लेकर महानिदेशक की नाराजगी व इस संदर्भ में भेजे गए पत्र को लेकर जब बीएसए से उनका पक्ष जानने के लिए काल किया गया तो उन्होंने किन्हीं कारणों के चलते काल रिसीव नहीं की। जिसकी वजह से उनका पक्ष नहीं दिया जा सका है। -आशा चौधरी, बीएसए

दो अफसरों को कोर्ट की अवमानना नोटिस

मेरठ: 69 हजार शिक्षक भर्ती के एक अंक विवाद मामले में मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमकेएस सुंदरम और सचिव अपर्णा यू को अवमानना नोटिस जारी किया। जिन्हें भर्ती का इंतजार है उनमें बड़ी संख्या में मेरठ समेत वेस्ट यूपी से भी अभ्यार्थी हैं। सूत्रों ने जानकारी दी कि बीते मंगलवार को न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश अभ्यर्थी विकास सिंह की अवमानना याचिका पर दिया। याची के अधिवक्ता का कहना था कि अफसरों ने 28 नवंबर 2023 को हाईकोर्ट के समक्ष दिए गए

उस आश्वासन को लेकर अभी तक पालन नहीं किया। 28 नवंबर 2023 के आदेश के तहत अभ्यर्थियों को एक अतिरिक्त अंक देने समेत संपूर्ण प्रक्रिया दो माह में पूरी करने का आश्वासन सरकार की ओर से कोर्ट को दिया गया था। लेकिन, दो माह बाद भी इस आदेश का पालन नहीं किया गया, जो न्यायालय के आदेश की अवमानना है। इस पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और सचिव को नोटिस जारी कर इस मामले को 11 मार्च से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध कर पेश करने का आदेश दिया।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments