रात की नींद अच्छी आए तो सुबह तरोताजा महसूस होता है। वहीं अगर आपको रात में बार-बार पेशाब करने के लिए उठना पड़े तो नींद खराब होती है। रात में दो बार से अधिक पेशाब करने के लिए उठना एक गंभीर स्थिति हो सकती है, इस स्थिति को निशामेह कहा जाता है। ये 60 साल से अधिक आयु के लोगों में सबसे आम है। रात को बार-बार पेशाब करने की समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं।
उम्र
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, शरीर एंटीडाययूरेटिक हार्मोन का कम उत्पादन करता है जो हमें तरल पदार्थ बनाए रखने में मदद करता है। इसकी वजह से यूरिन प्रोडक्शन में वृद्धि होती है, खासकर रात के समय। मूत्राशय में मांसपेशियां भी समय के साथ कमजोर हो सकती हैं, जिससे मूत्राशय में यूरिन को रोकना अधिक कठिन हो जाता है।
इंफेक्शन
अन्य सामान्य कारणों में पुराने मूत्र पथ में इंफेक्शन। बेड पर जाने से पहले अतिरिक्त लिक्विड जैसे कैफीनयुक्त और अल्कोहल वाले ड्रिंक्स पीना। मूत्राशय में बैक्टीरियल और पेशाब को प्रोत्साहित करने वाली दवाएं शामिल हैं।
प्रेगनेंसी
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बार-बार पेशाब आने का अनुभव हो सकता है। इस दौरान मूत्राशय और पेल्विक फ्लोर की मसल्स कमजोर हो जाती है।
गंभीर रोग
बार-बार पेशाब आने से जुड़ी बीमारियों और स्थितियों में क्रोनिक किडनी फेल्योर, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर, डायबिटीज और बढ़े हुए प्रोस्टेट शामिल हैं। यह स्लीप डिसआॅर्डर जैसे आॅब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, अनिद्रा या रेस्टलेस लेग सिंड्रोम का लक्षण भी हो सकता है।