- जिला अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने को उमड़ रही भीड़
- रोजाना पालतू कुत्ते भी 20-25 लोगों को काटकर कर रहे घायल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भीषण गर्मी में गली मोहल्लों के निरश्रित कुत्ते के साथ-साथ पालतू कुत्ते भी खूंखार हो रहे हैं। खून फूंक देने वाली गर्मी का असर कुत्तें के दिमाग पर भी पड़ रहा है। रोजाना कुत्ते एक हजार से ज्यादा लोगों को शिकार बना रहे हैं। जिला अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए रोजाना भीड़ उमड़ रही है। यहां रोजाना 250 से 300 लोग एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं।
चिलचिलाती धूप और लू से जहां आम लोग बेहाल हैं, वहीं कुत्ते भी खूंखार हो रहे हैं। गर्मी से बिलबिलाते कुत्ते लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर रहे हैं। जिला अस्पताल में सुबह छह बजे से एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए लाइनें लग जाती हैं। यहां रोजाना 250 से लेकर 300 लोगों को एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। इस इंजेक्शन लगवाने के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है।
किसी किसी दिन यह आंकड़ा 350 तक पहुंच जाता है। एक दिन तो अस्पताल में 411 लोगों को एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए गए। बुधवार को अस्पताल में 264 लोगों को एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए गए। वहीं, दूसरी ओर सैकड़ों लोग प्राइवेट चिकित्सकों से इलाज कराते हैं और एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाते हैं।
गर्मी का असर कुत्तों के मस्तिष्क पर: डा. वीपी सिंह
उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व पशु चिकित्सालय सदर के प्रभारी डा. वीपी सिंह का कहना है कि जिस तरह भीषण गर्मी में मनुष्य के दिल व दिमाग के साथ-साथ पूरे शरीर पर असर पड़ रहा है, उसकी तरह कुत्तों के दिमाग पर भी असर हो रहा है। कुत्ते गर्मी में बिलबिला रहे हैं। वे झुंझलाकर लोगों पर हमला कर रहे हैं, यही वजह है कि गर्मियों में कुत्ते अधिक लोगों पर हमला करके उन्हें घायल करते हैं। उनका कहना है कि यदि जिला अस्पताल में रोजाना 350 के करीब लोग कुत्ते काटे के पहुंच रहे हैं तो लगभग उतने ही लोग प्राइवेट चिकित्सकों से एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवा रहे होंगे।
बढ़ गए एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने वाले: डा. सुदेश
जिला अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. सुदेश कुमार का कहना है कि गर्मी के साथ-साथ अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
सांप के काटे मरीज को भर्ती न करने पर हंगामा
जिला अस्पताल में सांप के काटे युवक को भर्ती न करने पर उसके परिजनों ने हंगामा किया। डाक्टर व स्टाफ के समझाने के बाद उक्त लोग शांत हुए और मरीज को वापस घर ले गए। श्रद्धापुरी निवासी सतपाल सिंह पुत्र धीरज सिंह को मंगलवार की रात कालोनी के एक पार्क में दोस्तों के साथ बैठा था। उसी टांग में किसी कीड़Þे ने काटा था। सतपाल को शक हुआ कि उसे सांप ने काटा। उसने घर जाकर घटना के बारे में बताया। उसके पिता आगरा गए हुए थे। अन्य परिजनों ने टांग से खून न निकलने पर उसे समझा दिया।
रात को वह सो गया, लेकिन सुबह उसकी टांग में दर्द हुआ। परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इमरजेंसी में उसे ले गए और उसे भर्ती करने को कहा। अस्पताल के स्टाफ ने सतपाल से पूछा कि क्या उसे बेहोशी, नींद व सुस्ती हो रही है, या उसकी पलके भारी हो रही है या उसके पेट में दर्द है या उसके सांस लेने में दिक्कत आ रही है। युवक ने कहा कि ऐसा तो कुछ नहीं हो रहा। इस पर स्टाफ ने कहा कि उसे सांप ने नहीं काटा। किसी कीट ने काट लिया होगा, लेकिन युवक बोला कि उसकी टांग में दर्द हो रहा है उसने दावा कि उसे सांस ने काटा है।
स्टाफ द्वारा भर्ती करने से इंकार करने पर सतपाल व उसके परिजनों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इसपर डा. यशवीर ने उन्हें समझाया कि यदि जहर खत्म करने का इंजेक्शन लगा दिया जाए और शरीर में जहर नहीं हुआ तो उससे युवक को नुकसान हो सकता है। उन्होंने सांप के काटे के लक्षण बताए और कहा कि यदि कोई लक्षण नजर आए तो वे तुरंत सतपाल को लेकर अस्पताल आ जाएं, उसे तुरंत भर्ती कर लिया जाएगा। इसपर परिजन शांत हुए और सतपाल को वापस घर ले गए।