Thursday, January 23, 2025
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चीनी वितरण को लेकर राशन की दुकानों पर डीएसओ के छापे

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: अंतोदय कार्ड धारकों को शत प्रतिशत चीनी वितरण सुनिश्चित कराने के लिए डीएसओ नीरज सिंह ने शहर के कई राशन दुकानों पर दलबल के साथ छापे मारे। शासन के निर्देश पर बुधवार से पूरे जनपद में अंतोदय कार्ड धारकों को प्रति कार्ड तीन तीन किलो चीनी वितरण का कार्य शुरू कराया गया है।

इसी के चलते डीएओ ने पूरे काफिले के साथ शहर की राशन की दुकानों पर छापा मारी शुरू की। नीरज सिंह ने बताया कि एरिया फोर्थ व थर्ड में कई दुकानों पर चेकिंग करायी गयी। वहां मिले अंतोदय कार्ड धारकों से भी डीएसओ ने चीनी वितरण को लेकर जानकारी ली।

साथ ही निर्देश दिया कि यदि किसी भी कार्ड धारक की ओर से चीनी न दिए जाने की शिकायत मिली तो संबंधित कोटेदार की दुकान निरस्त कर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जाएगी। हालांकि कुछ दुकानों पर डीएसओ को कार्ड धारकों से वितरण धीमी गति से किए जाने की शिकायत मिली।

इस संबंध में दुकानदारों का कहना था कि ईपॉश मशीन नेट वर्किंग की वजह से बहुत धीमे चल रही है। जिसके कारण वितरण में कुछ स्थानों पर धीमी गति की शिकायत मिलीं। यहां से डीएसओ रोहटा क्षेत्र भी पहुंचे। उन्होंने ब्लाक के अंतर्गत आने वाली कई दुकानों पर छापे मारे।

कोटेदारों से कहा गया है कि चीनी वितरण में किसी प्रकार की गड़बड़ी की बड़ी कीमत चुÞकानी पडेÞगी। डीएसओ ने बताया कि चीनी वितरण को लेकर कार्ड धारकों में अच्छा खासा उत्साह है। चीनी वितरण की जानकारी मिलने के बाद तमाम कोटे की दुकानों पर बड़ी संख्या में कार्ड धारक जुट रहे हैं। सभी को चीनी मिलेगी।

साल भर से कस्बे की परिक्रमा कर रही है राशन की दुकान

आपूर्ति विभाग द्वारा अटेचमेंट लगाने के नाम पर किए जा रहे खेल का खामियाजा पात्र गृहस्थी को भुगतना पड़ रहा है। साल भर से कस्बे की परिक्रमा करती घूम रही इस दुकान को विभाग द्वारा पांचवीं बार दूर स्थान पर लगाए जाने से कार्डधारकों में विभाग के खिलाफ आक्रोश है।

गौरतलब है कि आपूर्ति विभाग के रिकॉर्ड में मैसर्स शब्बीर अहमद के नाम पर चल रही राशन की दुकान खानाबदोश होकर रह गई है। विभाग द्वारा उक्त दुकान को अवांछनीय कारणों से बार-बार अटेच किया जा रहा है। खाद्यान्न घोटाले में निरस्त होने पर यह दुकान विभाग के लिए कमाई का जरिया बनी हुई है।

खाद्यान्न घोटाले में निरस्त हुई इस दुकान को अब तक कई बार विभिन्न दुकानों से अटेच किया जा चुका है। पिछले दिनों इस दुकान को बातनौर के विक्रेता सुखबीर से अटेच किया गया था, भाली भांति संचालन के बावजूद तीन माह में फिर इस दुकान को कस्बे के दक्षिणी छोर पर चलने वाली विधायक के करीबी नरेंद्र खटीक की दुकान से संबद्ध कर दिया गया।

दरअसल नरेंद्र की दुकान पर पूर्व में लगाया गया आशीष रस्तोगी की दुकान का अटेचमेंट उसकी दुकान बहाली से समाप्त हो गया। अटेचमेंट बरकरार रखने के लिए आपूर्ति विभाग उक्त दुकान पर एक किमी दूर खाराकुआं मोहल्ले में चल रही दुकान को अटेच कर दिया। सूत्र बताते है कि फिलहाल अटेचमेंट सियासी दबाव में किया गया है।

सुविधा मिलने के बजाय विभाग की इस कारगुजारी से इस दुकान के करीब 850 कार्डधारकों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। कस्बे के बाहरी छोर से खाद्यान्न लेने में महिलाओं में असुरक्षा की भावना है। कार्डधारकों का कहना है कि सालभर से उन्हें दर-बदर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है।

अब उन्हें राशन प्राप्त करने में कस्बे के एक छोर से दूसरे छोर पर जाना पड़ेगा। उपभोक्ताओं में जबरदस्त आक्रोश है। इस बारे में आपूर्ति निरीक्षक अजय कुमार का कहना है कि नियम अनुसार दुकान संबद्ध की गई है।

विधायक के हस्तक्षेप से लौटानी पड़ी थी रिश्वत

आपूर्ति विभाग द्वारा अटेचमेंट के नाम पर घूसखोरी का खेल होता रहा है। कई माह पूर्व डीलर द्वारा त्यागपत्र दिए जाने के चलते व्यवस्था सुचारू रखने के लिए ईमानदारी की छवि रखने वाले तत्कालीन इंस्पेक्टर रविंदर कुमार ने ये दुकान सुखबीर की दुकान पर अटेच की थी, लेकिन उनका तबादला होने पर चार्ज ग्रहण करने वाले इंस्पेक्टर द्वारा अटेचमेंट हटाने का दबाव बताकर विक्रेता से आठ हजार रुपये की वसूली कराई गई। जब ये मामला विधायक संगीत सोम के दरबार में पहुंचा तो वसूली गई घूस वापस लौटानी पड़ गई।

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