- 50 हजार से ज्यादा अवैध ई-रिक्शा दौड़ रहीं सड़कों पर
- महज 15 हजार ही ई-रिक्शाएं आरटीओ में पंजीकृत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: 50 हजार अवैध ई-रिक्शाओं ने शहर के बाजारों का हुलिया बिगाड़ कर रख दिया है। अवैध ई-रिक्शाओं की मुसीबत से निजात दिलाने के लिए प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ के स्तर से अब तक जितनी भी कवायद की गई हैं, वो नाकाफी ही है। ई-रिक्शाओं के साइड इफेक्ट से अब व्यापारियों में नाराजगी नजर आने लगी है। करीब पांच दिन पहले कोतवाली के भगतसिंह मार्केट में हुए हंगामे की वजह भी ई-रिक्शाएं ही थीं। हापुड़ स्टैंड चौराहे को लेकर जो प्रयोग टैÑफिक पुलिस ने किया था, उसके साइड इफेक्ट के चलते ही भगत सिंह मार्केट के व्यापारियों ने खूब हंगामा काटा गया था।
दरअसल, हुआ ये कि जो नयी व्यवस्था लागू की गयी, उससे भगत सिंह मार्केट का कारोबार ठप हो गया। ई-रिक्शाओं की आफत से मुक्ति के लिए टैÑफिक पुलिस का यह इकलौता प्रयोग नहीं था, बल्कि बेगमपुल चौराहे पर जो प्रयोग किया था, उसके नतीजे भगत स्ािंह मार्केट में हालात बद से बदतर रहे। वहां तो व्यापारियों के हंगामे के चलते एसपी टैÑफिक को दौड़ लगानी पड़ गयी थी। सोतीगंज पर जो इंतजाम ई-रिक्शाओं से निपटने के लिए किए गए थे, उनमें रियायत देनी पड़ी थी, लेकिन एक बार फिर से शहर के चौराहों पर अवैध ई-रिक्शाओं का अवैध कब्जा हो गया है।
फिर से चौराहों पर नजर आने लगे ई-रिक्शा
बेगमपुल और हापुड़ स्टैंड चौराहे की यदि बात करें तो एक बार वहां फिर से ई-रिक्शा मंडराने लगे हैं। अब तक यह होता था कि पुलिस के सामने नहीं आते थे, लेकिन सोमवार को बेगमपुल चौराहे के काफी पास तक ई-रिक्शा पहले की तर्ज पर खडेÞ होने लगे हैं। ई-रिक्शाओं की मुसीबत केवल बेगमपुल या हापुड़ स्टैंड तक ही नहीं है। शहर से लेकर देहात तक सड़कों पर दौड़ रहे अवैध ई-रिक्शा टैÑफिक सिस्टम की जान लेने पर तुले हुए हैं। महानगर के बेहद भीड़ वाले बाजारों, जिनमें सदर बाजार, सदर दाल मंडी व सब्जी मंडी,
शहर घंटाघर का कोटला बाजार, कबाड़ी बाजार, वैली बाजार व शहर सराफा बाजार, नील की गली, खैरनगर सरीखे ऐसे इलाके हैं जो पहले से बेहद भीड़भाड़ वाले हैं। इन बाजारों में आने वाले ग्राहकों वाहनों को ही निकलने की जगह नहीं मिल पाती है। उस पर ई-रिक्शाओं के पहुंचने के बाद क्या हालात बनती होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कई बार तो नौबत मारपीट तक की आ जाती है।