- प्रो. रामपाल, चंद्रकिरन और हरेंद्र बालियान भी जांच के दायरे में सीसीएसयू से रिकॉर्ड तलब
- कार्रवाई से चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय परिसर में मचा हड़कंप कई के मोबाइल जाते रहे स्विच आॅफ
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सीसीएसयू के पूर्व कुलपति प्रो. रामपाल के खिलाफ ईडी वे बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी तीन करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को जब्त कर लिया है। केवल प्रो. रामपाल ही नहीं बल्कि पूर्व वित्त नियंत्रक चंद्र किरण सिंह व प्रो. हरेन्द्र सिंह बालियान भी जांच के दायरे में हैं। सूत्रों ने जानकारी दी है कि ईडी ने तीनों की कुंडली सीसीएसयू प्रशासन से तलब कर ली है।
सूत्रों ने जानकारी दी है कि ईडी के जोनल आॅफिस लखनऊ ने तीनों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। ईडी ने धन-शोधन निवारण अधिनियम 2002/प्रीवैंशन आॅफ मनी लांडरिंग एक्ट 2002 की धारा 52 के अन्तर्गत समस्त रिकॉर्ड मांगा है। तीनों के आधार कार्ड, पैन कार्ड, वेतन आदि के बैंक अकाउंट, ब्रांच का नंबर व नाम मांगे हैं। तीनों के द्वारा जमा की संपत्ति का ब्योरा, इनके वर्तमान पते की जानकारी देने के लिए कहा गया है। तीनों के द्वारा कथित गबन की भी जानकारी तलब की है। सीसीएसयू में दो मार्च 2003 को प्रो. आरपी सिंह ने कुलपति बने थे।
उनके खिलाफ बहुत सी शिकायतें राजभवन व राष्ट्रपति पहुंची तो जांच शुरू हुई थी। उच्च स्तरीय जांच में करोड़ों रुपये की घूस लेकर डेढ़ सौ से ज्यादा बीएड एवं दूसरे सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों को गलत तरह से मान्यता देने की बात सामने आई। आरपी सिंह के कार्यकाल में भवनों के ठेकों में भारी घपले हुए। नियुक्तियों में अनियमितताएं हुईं। सीपीएमटी की प्रवेश परीक्षा में अपने चहेते शिक्षक प्रो. हरेंद्र सिंह बालियान को एडवांस में एक करोड़ 40 लाख रुपये का पेमेंट करा दिया गया।
अजमेर में घूस लेते पकड़े गए
बर्खास्तगी के कई साल बाद आरपी सिंह को जोधपुर में कुलपति नियुक्त किया गया। इसके बाद उनको अजमेर में महर्षि दयानंद सरस्वती विवि कुलपति बनाया गया। सितंबर 2020 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने कुलपति प्रो. आरपी सिंह और उनके निजी गार्ड रणजीत सिंह को दो लाख 20 हजार की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया। एसीबी जयपुर और अजमेर की टीमों ने नागौर के एक प्राइवेट कॉलेज में सीटें बढ़ाए जाने के मामले में ली गई घूस के मामले में कार्रवाई की।