- कुलपति ने लिया संज्ञान सहारनपुर के एक कॉलेज से जुड़ा है मामला, गंभीर धाराओं में दर्ज है मामला
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: चौधरी चरण सिंह विवि के एफिलेशन विभाग के कई कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। क्योंकि सीसीएसयू कुलपति प्रो. एनके तनेजा की ओर से दून कॉलेज आफ एजुकेशन सहारनपुर के मामले में जांच शुरू कर दी है। जिसके बाद विवि के एफिलेशन विभाग के कई कर्मचारियों पर गाज गिरना तय है।
बता दें कि दून कॉलेज आफ एजुकेशन सहारनपुर के एक शिक्षक के नाम फर्जी दस्तावेज बनाकर वेतन जारी करवाने और शिक्षक के त्यागपत्र देने के बावजूद कॉलेज द्वारा उसे निरंतर शिक्षक दिखाने का मामला संज्ञान में आया है। इतना ही नहीं मामले में पुलिस जांच चल रही हैं, जिसके बावजूद विवि परिसर से जांच की फाइल तक गायब हो चुकी है।
इसको लेकर पांच कर्मचारियों को नोटिस भी जारी किया गया है। विवि सूत्रों की माने तो दून कॉलेज में कार्यरत शिक्षक वहां से त्याग पत्र दे चुका है। मगर कुछ समय बाद शिक्षक को पता चला कि उसके नाम पर त्यागपत्र के बाद भी कोर्स पढ़ाया जा रहा है। विवि ने भी कॉलेज में उसू एप्रूव किया हुआ है।
जिसके बाद शिक्षक ने आरटीआई के माध्यम से विवि से सारे कागजात लिए और शिक्षक ने सहारनपुर के एक थाने में फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज करा दिया। जांच अधिकारी ने विवि आकर सत्यापित प्रति प्राप्त कर ली। ये वहीं पेपर थे, जो शिक्षक ने आरटीआई के माध्यम से प्राप्त किए थे।
मामले में मोड जब आया तब जांच के लिए पहुंची पुलिस टीम को विवि के एफिलेशन विभाग से इसकी फाइल ही गायब मिली। सूत्रों की माने तो फाइल से सारे पेपर बदल दिए गए है। आइओ ने पूछा है कि फाइल कैसे बदली गई और इसका कौन जिम्मेदार है।
वहीं, विवि स्तर पर भी इस संबंध में जांच समिति गठित कर दी गई है और प्रो. पवन शर्मा की अगुवाई में तीन सदस्य टीम जांच कर रही है। कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने भी मामला संज्ञान में लेकर जांच को जल्द से जल्द कराने के आदेश दिए हैं।