Saturday, July 27, 2024
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चुनावी दंगल: डिजिटल प्लेटफार्म पर वोटरों को साधने में जुटे दल

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  • चुनावों में जनसभाओं पर लगी रोक का असर
  • सोशल मीडिया से जुड़े लोगों की डिमांड बढ़ी पार्टियां कर रही हायर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कोरोना काल में पड़ रहे विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग ने फिलहाल रैलियों पर रोक लगा रखी है, जो आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। ऐसे में अपने वोटरों को साधने के लिए सभी राजनीतिक दल डिजिटल प्लेटफार्म पर जाने में जुटे हैं, लेकिन इनमें से उन दलों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जो अभी हाल फिलहाल में डिजिटल मीडिया के महत्व को समझ रहे हैं।

विधानसभा चुनाव पहली बार कोरोना महामारी के बीच पड़ रहे हैं। चुनाव आयोग ने महामारी को देखते हुए चुनावी सभाओं पर 22 जनवरी तक रोक लगाने की घोषणा कर दी है। जिसके बाद सभी दल डिजिटल प्लेटफार्म का रुख कर रहे हैं, लेकिन डिजिटल प्लेटफार्म पर जाने के लिए जो संसाधन चाहिए वह कई दलों के लिए परेशानी का सबब साबित हो रहे हैं। हालांकि कुछ दलों के पास पहले से ही अच्छे संसाधन मौजूद है।

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भाजपा की तैयारी

भारतीय जनता पार्टी के लिए मेरठ में डिजिटल प्लेटफार्म पर काम करने की जिम्मेदारी विवेक रस्तोगी के पास है। उन्होंने बताया कि हमारे यहां पूरी तरह से गठित आईटी सेल है, जो पहले से ही पूरे मंडल स्तर पर काम कर रहा है। हमने प्रत्येक बूथ के हिसाब से वाट्सऐप ग्रुप बना रखे हैं। जिनमें अब हम अपने समर्थकों को भी जोड़ रहे हैं।

अगर हमारे मुख्यालय से कोई भी संदेश आम लोगों के लिए आता है तो हमारी टीम उसे अपने सभी गुु्रपों के जरिए नीचे तक पहुंचा रही है। जिले व महानगर में 16 मंडल है और कोई भी मंडल विधानसभा से बाहर नहीं है। हमारी आईटी सेल की रचना मंडल स्तर पर है। हमारे कार्यकर्ताओं ने पहले से की कोरोना काल में लोगों के बीच जाकर डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए काम किया है।

उसी समय हमारी पार्टी वर्चुअल हो गई थी, उसका लाभ भी हमें मिल रहा है। एक तरह से हमारे सभी कार्यकर्ता पहले से ही अनुभवी है, कोरोना काल में हमारे बड़े नेता जो भी बाते वर्चुअल तरीके से रखते थे तो उससे लोग हमसे पहले से ही जुड़े हुए हैं। उसी अनुभव का लाभ हमारी पार्टी को मिलने वाला है।

कांग्रेस की तैयारी

राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस की डिजिटल प्लेटफार्म को लेकर की गई तैयारियों के बारे में रमाकांत ने बताया हमारी तैयारी पहले से ही चल रही है। सोशल मीडिया पर हमारी टीम पहले से ही एक्टिव है। जिला कांग्रेस कमेटी के करीब 150 लोग सोशल मीडिया पर लगे हुए हैं। जिला अध्यक्ष के साथ। मेरी अकेले की ही 100 लोगों की टीम अलग से है। जिसमें 98 वार्डों के अध्यक्ष है, फिर उनकी कमेटी है। 22 आदमी मेरे है, जो वर्किंग कर रहे हैं। कुल मिलाकर 100-150 लोगों की टीम है। जो इस समय काम कर रही है।

इसके अलावा जो मेन कांग्रेस कमेटी के वर्कर है। उनको भी हमने सोशल मीडिया पर एक्टिव कर रखा है। अब जैसे ही हमारे प्रत्याशी घोषित हो जाएंगे तो हम सोशल मीडिया पर लाइव वर्चुअल मीटिंग भी करेंगे। मेरे अंडर में तीन विधानसभा आती है, कैंट, दक्षिण व शहर तो हम यहां पर प्रत्याशी घोषित होते ही उनकी लाइव वीडियो कॉलिंग कराएंगे। हमारा एक वॉर रूम गढ़ रोड पर है। जहां से सारी तैयारियां की जा रही है। दूसरा वॉर रूम हमने काली नदी पर बनाया है।

सपा-रालोद की तैयारी

दोनों दलों के गठबंधन के बाद अब वोटरों को साधने की तैयारी है, नाम न छापने की शर्त पर हमें जानकारी दी गई है कि फिलहाल सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंच रहे हैं। मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को फोकस कर रहे हैं, वाट्सऐप ग्रुपों के माध्यम से लोगों को अपनी पार्टियों की घोषणाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है। जल्द ही हम हर वोटर तक खुद को पहुंचा देंगे।

बसपा की तैयारी

बसपा जिलाध्यक्ष मोहित जाटव ने बताया कि पार्टी के दो-दो कार्यकर्ता सेक्टर स्तर पर गांवों में जाकर लोगों से मिल रहे हैं। देहात के क्षेत्रों में प्रचार कर रहे हैं। डिजिटल प्लेटफार्म की बात करे तो वाट्सऐप, ट्वीटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम के माध्यम से जो भी पार्टी की रणनीति है, लोगों तक पहुंचाई जा रही है। बाकी समय-समय पर जैसे ही हमारी पार्टी की अध्यक्ष बहन कु. मायावती जो भी दिशानिर्देश देंगी, उसी तरह से काम होता रहेगा। हमने अपना वॉर रूम फूलबाग कॉलोनी में जिला कार्यालय पर ही बना रखा है। वहीं से सारा सिस्टम कंप्यूटर वगैरह रखे हैं। वहीं से सब चल रहा है।

एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष से बात की गई तो वह मीटिंग में व्यस्त मिलें

कुल मिलाकर सभी राजनीतिक दल इस समय डिजिटल मीडिया पर फोकस किए हुए हैं और विधानसभा चुनावों के लिए अपने वोटरों को साधने में जुटे हैं, लेकिन डिजिटल प्लेटफार्म के लिए काम करने वाले लोगों की कमी भी देखी जा रही है। इस समय उन लोगों की डिमांड भी बढ़ गई है, जो पहले से ही किसी न किसी रूप में डिजिटल मीडिया पर सक्रिय रहे हैं। इन लोगों को अच्छी खासी रकम देने के बाद पार्टियां हायर कर रही है।

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