- माता-पिता, अभिभावक से वंचित बच्चों का होगा पुनर्वास
जनवाणी ब्यूरो |
शामली: जनपद में अपने माता-पिता/अभिभावको को खो देने वाले किशोरों के पुनर्वास एवं उनकी सहायता के लिए जनपद में बाल गृह केंद्र की स्थापना के लिए डिमांड जाएगी। जिससे कि बच्चों को गैर जनपदों में ना भेजा जा सके। जिलाधिकारी ने सम्बंधित अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे किशोरों की सूची संकलित करने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास अनुभाग-1 उप्र शासन, के पत्र के क्रम में ऐसे समस्त बच्चों जिन्होंने अपने माता-पिता/अभिभावको को खो दिया है के पुनर्वास एवं उनकी सहायता हेतु राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के सम्बंध में किशोर न्याय समिति, उच्चतम न्यायालय एवं किशोर न्याय समिति, उच्च न्यायालय द्वारा विभाग से ऐसे बच्चो (18 वर्ष से कम आयु वर्ग) के सम्बंध में जानकारी मांगी है कि जिनके माता-पिता की कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु हो गई हो।
इसके अलावा जिनके कोई अभिभावक न हो या जिन्हें अभिभावक होने के बाद भी वह अपनाना न चाहें या अपनाने मे सक्षम न हो। जिनके माता या पिता या दोनो कोविड़-19 से ग्रसित होने के कारण अस्पताल / होम आइसोलेशन में हो और उनके बच्चों की देखरेख करने वाला कोई न हो। जिनके माता तथा पिता कोविड धनात्मक (कोविड़ पॉजिटिव) नहीं पाये गये किन्तु समरत लक्षण कोविड़-19 के समान ही थे और उपचार के दौरान/अभाव में उनकी मृत्यु हो गई या ये अस्पताल में भर्ती हो और ऐसे बच्चों की देखरेख करने वाला कोई न हो। ऐसे बच्चो की उत्तरजीविता, विकास, सुरक्षा तथा संरक्षण सुनिश्चित किये जाने हेतु किशोर न्याय बालकों की देखरेख व संरक्षण अधिनियम-2015 में अंकित प्रावधानों के अनुसार सहयोग की आवश्यकता होगी।
कलेक्ट्रेट के सभागार में जिलाधिकारी जसजीत कौर ने उक्त सूचना संकलित करने हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जिसमें डीएम द्वारा ग्रामों में डीपीआरओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी को आंगनवाड़ी, शहरी क्षेत्र हेतु अधिशासी अधिकारियों सहित सभी को निर्देशित किया गया है कि अपने अपने क्षेत्र से ऐसे बच्चों की सूची संकलित करते हुए संबंधित अधिकारी को उपलब्ध कराएं ताकि आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
इसके अलावा जिलाधिकारी ने संबंधित से बाल गृह केंद्र के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई और निर्देशित किया कि जनपद में ही बाल गृह केंद्र की स्थापना हो उसके लिए डिमांड भेजी जाए। जिससे कि बच्चों को गैर जनपदों में ना भेजा जा सके।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि उक्त कार्य हेतु जिन अधिकारियों को जो दायित्व सोपे गए हैं वे उनका निर्वहन करते हुए उक्त सूचना को जल्द से जल्द संकलित कर संबंधित अधिकारी को उपलब्ध करा दें।उन्होंने निर्देशित किया कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में जिला विकास अधिकारी प्रमोद कुमार, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी अंशुल चौहान, सहित संबंधित विभाग के अधिकारीगण मौजूद रहे।