- आठ कसूरवारों को जमानत के खिलाफ कोर्ट में जाने की बात भी कह रहे
मेरठ: 37 साल बाद भी जख्म हरे हैं। साल 1987 में हुए हाशिमपुरा कांड के पीड़ितों के जख्म वक्त भी नहीं भर सका। उस दौर के जो लोग जिंदा है, उनका कहना है कि भले ही अरसा बीत गया हो, लेकिन लगता है मानों चंद रोज पहले की बात हो जब बेगुनाहों को पीएसी वालों ने गोली मार दी थी। आठ कसूरवारों को जमानत के खिलाफ कोर्ट में जाने की बात भी कह रहे हैं। हाशिमपुरा निवासी सिराज अहमद पुत्र शब्बीर अहमद की भी पीएसी की गोली लगने से मौत हुई थी। बहन नसीम बानो ने बताया कि चार बहन में अकेला भाई सिराज था, उस समय घर का चिराग बुझ गया था।
सारी उम्मीद टूट गई है। मगर ऊपर वाले पर भरोसा कायम है। सिराज की शादी होने वाली थी उससे पहले पीएसी की गोली लगने से मौत हो गई। घर में खुशी आने वाली थी जो मातम में बदल गई। हाशिमपुरा के रहने वाले हाजी मुस्तकीम की भी इस घटना के शिकार हो गए थे। उनकी भी मौत हो गई थी। मुस्तकीम के बेटे जमीर ने बताया जिस समय पिता के साथ घटना हुई थी उस समय वह छह साल का था। चाचा फईमउद्दीन की भी मौत हुई थी। दोषियों को सख्त सजा हो जो दुनिया के लिए नजीर बने।
हाशिमपुरा निवासी मोहम्मद कय्यूम, मोहम्मद अय्यूब की भी हत्या हुई थी। मां शुगरा का कहन है कि पुलिस कस्टडी में हत्या की गई है। ऐसे में उनको जमानत क्यों दी गई है। हाशिमपुरा के रहने वाले कमरुद्दीन पुत्र जमालुद्दीन की जान चली गई थी। मां जैतून बेगम और कमरुद्दीन के भाई शमशुद्दीन ने बताया कि घटना से दो साल पहले शादी हुई थी। पिता जमालुद्दीन ने कोर्ट में केस लड़ा पूरी पैरवी की, लेकिन दो साल पहले पिता की भी मौत हो गई। आज भी हमारे जख्म हरे हैं।
तीसरा बच्चा भी गंभीर, मेडिकल में भर्ती
Mawana News : संदिग्ध परिस्थितियों में हुई दो बच्चों की मौत की गुथी अभी सुलझती दिखाई नहीं दे रही है। नगर के मोहल्ला तिहाई निवासी हिना पति के इंतकाल के बाद बच्चों के लेकर प्रेमी के साथ हिमाचल के काले आम में रहा रही थी।
अचानक बीते चार दिसंबर को हिना ने घर फोन करके बताया कि उसके बेटे का इंतकाल हो गया और हिमाचल में बेटे को दफनाने के लिए कब्रिस्तान नहीं है। भाई फिरोज बच्चों के साथ हिना को मवाना ही बुला लिया था और रात आठ बजे बच्चे को दफना दिया था, लेकिन उससे अगले दिन शुवाम की भी तबीयत बिगड़ गई थी।
जिसके बाद मामा फिरोज बच्चे को लेकर डॉक्टर के लेकर गया, लेकिन किसी भी डॉक्टर ने लेने से मना कर दिया। तब फिरोज बच्चे को लेकर मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया। बच्चे के भर्ती होने की सूचना दादा और चाचा को पड़ी तो वो वहां भी पहुंच गए और उस अस्पताल से बच्चे को डिस्चार्ज करवाकर ले गए और किसी और अस्पताल में बच्चे को लेकर चक्कर काटते रहे, लेकिन किसी डॉक्टर ने लेने से मनाकर दिया, बच्चे को इतने दिल्ली ले जाते तब तक बच्चे ने दम तोड़ दिया था। वहीं, तीसरा बच्चा आहद अभी मेडिकल में भर्ती है।
परिजनों द्वारा बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई हैं। शुक्रवार को सुवाम उम्र 5 वर्ष को पुलिस ने बच्चे को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। शनिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ खास जानकारी नहीं मिल पाई है। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। सुवाम को मवाना खुर्द में दफना किया गया। वहीं, इस संबंध में थाना प्रभारी राजेश कांबोज ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ चुकी है, लेकिन कोई स्पष्ट कारण नहीं आया है।
जौला के मुर्सलीन हत्याकांड का साजिशकर्ता गिरफ्तार
Sarurpur news: जौला के मुर्सलीन के हत्याकांड में शामिल साजिशकर्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बता दे कि 25 अक्टूबर को मुर्सलीन (50) की 40 लाख की प्रॉपर्टी के विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या कर शव सरूरपुर थाना क्षेत्र के गांव डाहर में रजवाहा पटरी पर फेंक दिया था। पुलिस ने मृतक की शर्ट पर लगे सिलाई टेलर की मदद से युवक की पहचान की थी। जिसके बाद मुर्सलीन के बेटे तासीन ने गांव निवासी आरोपी मुजम्मिल और उसके भाई आशु व हारुन उर्फ मुखिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया था। थाना प्रभारी अजय शुक्ला ने बताया कि जांच के दौरान आरोपी फारुख ने ही मुर्सलीन की हत्या की साजिश रची थी। पुलिस को आरोपी का एक आडियो रिकार्डिंग मिली है। जिसके आधार पर पुलिस ने फारुख को मुकदमे में शामिल किया है। शुक्रवार को पुलिस आरोपी फारुख को मेरठ-करनाल हाइवे से गांव पांचली बुजुर्ग के पास से गिरफ्तार किया है।