- बिल्डर की हठधर्मी के चलते नागरिकों ने मकानों पर लगाए पलायन के पोस्टर
- नागरिकों ने दे रखा है सांकेतिक धरना
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: शीलकुंज कॉलोनी के बिल्डर अजय गुप्ता की हठधर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही है। कॉलोनी के मालिक की दबंगई के चलते अब पल्लवपुरम के नागरिकों ने पलायन के पोस्टर अपने अपने मकानों पर चस्पा कर दिए है। नागरिकों ने ऐलान कर दिया अगर न्याय नहीं मिला तो धरना-प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे और नागरिकों ने पुलिस पर कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है।
पल्लवपुरम वासी शीलकुंज के बिल्डर्स के द्वारा आए दिन हो रहे अतिक्रमण, गुंडागर्दी, कब्जे से त्रस्त होकर पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं। पल्लवपुरम फेज फर्स्ट के अधिकांश घरों पर पलायन एवं मकान बिकने के पोस्टर लगे। प्रशासन की उदासीनता, चर्चा का विषय बना हुआ है। विवादित स्थल पर बुजुर्गों एवं नागरिकों ने सांकेतिक धरना 14 फरवरी से दे रखा है। प्रशासन द्वारा न्याय के लिए दिए गए समय में तीन दिन बाकी है,
लेकिन अभी तक किसी अधिकारी ने मौके पर आकर कोई भी संज्ञान नही लिया, जिसके चलते नागरिकों में आक्रोश है। बिल्डर के खिलाफ लगातार लोग सांकेतिक धरने पर बैठे हैं, लेकिन इसमें कोई कार्रवाई प्रशासन की तरफ से नहीं की गई हैं। इसको लेकर लोगों में आक्रोश हैं, जिसके चलते लोगों ने पलायन के पोस्टर मकानों पर चस्पा कर दिये हैं। आंदोलित लोगों का कहना है कि न्याय नहीं मिलने तक उनका सांकेतिक धरना जारी रहेगा।
रास्ता खोलने का विरोध
सांकेतिक धरना करने की मूल वजह पल्लवपुरम फेज-प्रथम में रास्ता खोलने का मामला हैं। पहले भी रास्ता खोला गया था। इसका लोगों ने विरोध कर दिया था, जिसके बाद प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने इस रास्ते को बंद करा दिया, लेकिन अब फिर से रास्ता प्राधिकरण की कॉलोनी में खोलने का प्रयास कर रहे हैं। इसकी दीवार तोड़ दी। गेट लगाया जा रहा था, जिसका लोगों ने फिर से विरोध कर दिया। कॉलोनी के लोगों ने इस गेट को तोड़ दिया। लोग इस पूरे प्रकरण को लेकर आक्रोशित हैं।
इसके बाद से सांकेतिक धरने पर लोग हर रोज बैठ रहे हैं। इसमें मेडा के अफसर आये थे। मौका मुआयना कर गए, लेकिन इसके बाद कोई कार्रवाई बिल्डर के खिलाफ नहीं की, जिसके चलते लोगों में आक्रोश हैं। यही नहीं, कॉलोनी के लोगों ने पल्लवपुरम थाने में तहरीर दे रखी हैं, लेकिन एफआईआर नहीं हुई। पुलिस भी इसमें लापरवाही बनी हुई हैं तथा अफसरों से सेटिंग का खेल चल रहा हैं। मेडा के अफसर भी मौन हो गए हैं, जिसके चलते बिल्डर अपनी मन-मानी कर रहे हैं।