Sunday, April 13, 2025
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दिनभर खूब खंगाली गंगनहर

  • नहीं मिला चंचल का सुराग, बेटी के कातिल मां-बाप के चेहरे पर दिखे उदासी के भाव

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कक्षा पांच की छात्रा चंचल को दुनिया से अलविदा कराने वाले कोई गैर नहीं बल्कि उसको जन्म देने वाले मां बाप थे। एक सितंबर की अंधेरी रात में पिता बबलू ने जिस बेरहमी से कक्षा पांच की 12 वर्षीया बेटी को गंग नहर में धकेल कर मौत के मुंह में धकेल दिया था, उस बेटी को ढूंढने के लिये पूरे दिन गंगानगर पुलिस, पीएसी और गोताखोर लगे रहे, लेकिन चंचल का कोई सुराग नहीं लगा। वहीं थाने की हवालात में बैठे कातिल मां-बाप के चेहरे पर अब उदासी साफ दिखने लगी है।

माता-पिता द्वारा झूठी शान की खातिर अपनी 12 साल की बेटी चंचल को भोला झाल में फेंक कर मारने की घटना में रविवार को एनडीआरएफ व पीएसी की टीमों ने दिन भर तलाशी अभियान चलाया, लेकिन देर शाम तक कोई सफलता हाथ नहीं लग सकी थी। पुलिस की टीम ने बाद में टीकरी से लेकर भोला की झाल तक मोटर बोट से भी खोजबीन की, लेकिन चंचल का पता नहीं चला।

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पुलिस ने नहर के किनारे खड़ी झाड़ियों में भी स्थानीय लोगों की मदद से सर्च आपरेशन चलाया। दरअसल, इस वक्त गंगनहर पूरे फार्म में चल रही है। चार पांच दिन बाद गंग नहर में शव को ढूंढना आसान काम नहीं है। गंगनहर में पानी का बहाव इतना तेज है कि जरा सी लापरवाही इंसान की मौत का सबब बन जाती है। बागपत जनपद के सिंघावली गांव निवासी हाल पता गंगानगर के बबलू पुत्र किशनपाल और पत्नी रूबी ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने जब चंचल को नहर में फेंका था तब घना अंधेरा छाया हुआ था और पानी का बहाव काफी तेज था।

इस दौरान जैसे ही चंचल पानी में गिरी पल भर में उसे तेज बहाव बहाकर ले गया। हालांकि पांच से 10 मीटर तक चंचल जिंदगी की गुहार लगा रही थी। उसे उम्मीद नहीं थी कि उसका ही पिता धोखे से घर से लाकर मौत के मुंह में धकेल देगा। हालांकि पुलिस जब गंग नहर में सर्च आपरेशन चला रही थी।

तब आरोपियों को अपने साथ लेकर नहीं आई थी। गंगनहर थाने में बैठे बबलू के चेहरे पर बेटी की मौत का गम अब दिखने लगा है। किसी युवक से बात करने की शिकायत उसकी पत्नी रुबी बार-बार करती थी। पत्नी कहती थी कि चंचल बदनामी करा देगी। इसके बाद मां-बाप ने खूनी योजना बनाई और इकलौती बेटी को दुनिया से अलविदा कर दिया।

अब बच्चों को कौन संभालेगा? मां-बाप जाएंगे जेल

गंगानगर में अपनी बेटी को गंग नहर में फेंकने के बाद चंचल के पिता बबलू और मां रुबी का जेल जाना तय है। सवाल यह उठ रहा है कि मां बाप के जेल जाने के बाद उनके दो बच्चों वंश और आरव को कौन पालेगा? पुलिस इसी सवाल का जबाव ढूंढने में लगी हुई है। वहीं कालोनी में चंचल की मौत को लेकर लोगों में नाराजगी है कि निर्दयी पिता ने क्यों अपनी बेटी को मार डाला।

मूलरूप से बागपत के सिंघावली निवासी बबलू पुत्र किशनपाल पत्नी रुबी, तीन बच्चों 14 साल का वंश, 11 साल की चंचल और 5 साल के आरव के साथ गंगा नगर गंगा नगर के मकान संख्या जेजी-5 में रहता है। वो बजाज फाइनेंस कंपनी में कलेक्शन एजेंट के रुप में काम करता है।

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इससे पहले बस कंडक्टरी करता था और उससे पहले रिक्शा चलाता था। इसकी बेटी चंचल एक सितंबर की रात आठ बजे से गायब थी। बबलू ने पुलिस को चंचल के अपहरण की बात करते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया था। पुलिस शुरु में तीन दिन तो बबलू की बनावटी कहानी पर भरोसा करती रही लेकिन जब मामला खुला तो लोगों की रुह कांप गई।

किसी को उम्मीद नहीं थी कि बबलू अपनी बेटी को मार देगा। एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि बच्चों को उनके रिश्तेदारों के पास छोड़ दिया जाएगा। पुलिस मानवता के नाते बच्चों को उनके घर वालों से मिलवा देगी।

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