Wednesday, January 8, 2025
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किसानों ने अमित शाह का प्रस्ताव किया खारिज, गृह सचिव ने भेजा बातचीत न्योता

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। पंजाब-हरियाणा के किसानों की सुबह 11 बजे हुई बैठक में किसानों ने बुराड़ी मैदान जाने से इनकार कर दिया। उसके बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पंजाब के 32 किसान संघों ने शुरुआती बातचीत का न्योता दिया। उन्होंने फिर से प्रदर्शन स्थल बदलने की शर्त रखी है। वहीं, किसानों का कहना है कि हम सरकार से बिना किसी शर्त के बातचीत चाहते हैं। अब शाम चार बजे गृह सचिव के इस प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा की भी बैठक होने वाली है।

2.30 घंटे की बैठक में अमित शाह का प्रस्ताव खारिज

इससे पहले, किसानों की बैठक में अमित शाह का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। शाह ने प्रस्ताव दिया था कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है, बशर्ते किसान बॉर्डर से हटकर दिल्ली के बुराड़ी में निरंकारी समागम मैदान में प्रदर्शन करें। सुबह करीब 2.30 घंटे चली किसानों की बैठक में यह शर्त मानने से इनकार कर दिया गया। किसानों का कहना है कि वो केंद्र सरकार से बिना किसी शर्त के साथ बातचीत चाहते हैं। अब शाम चार बजे फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होने की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि संयुक्त मोर्चा अमित शाह के प्रस्ताव पर क्या फैसला लेता है।

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यूपी गेट पर किसानों ने तोड़ी बैरिकेडिंग, सिंधु बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए हैं किसान

नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनकारी किसान दिल्ली कूच के लिए राजधानी के बॉर्डरों पर डेरा जमाए बैठे हुए हैं। एक तरफ जहां दिल्ली के सिंघु और टिकरी सीमा पर हरियाणा और पंजाब के किसान डटे हुए हैं तो वहीं, यूपी सीमा पर भी भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत के नेतृत्‍व में किसान हजारों की संख्या में डेरा डाल रखा है।

अमित शाह की अपील और पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम में किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदे बताए के बावजूद किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। सिंघु बॉर्डर पर किसान आगे की रणनीति को लेकर चर्चा कर रहे हैं तो वहीं, यूपी गेट पर किसान उग्र हो गए। यहां पर किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर प्रदर्शन किया।

राकेश टिकैत ने कहा कि अभी हमें दिल्ली जाने की कोई जल्दी नहीं है। 3 तारीख को वार्ता है सरकार से। उसके बाद ही तय होगा आगे क्या करेंगे।

रविवार दोपहर यूपी बॉर्डर पर किसानों की भीड़ बढ़ने लगी। इस दौरान किसानों ने दिल्ली-पुलिस की बैरिकेटिंग गिराकर जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं।

दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि किसानों के साथ बातचीत के लिए कोई शर्त नहीं होनी चाहिए। केंद्र सरकार को तुरंत आयोजित की जानी चाहिए, वे हमारे देश के किसान हैं। उन्हें अपना विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए जहां वे चाहते हैं।

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की बैठक चल रही है।

बीजेपी सांसद शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि किसानों की चिंता हम करते हैं और करते रहेंगे। किसान हमारे दिल में बसते हैं, किसानों को भड़काने का काम कोई न करें। हम जो फैसला लेते हैं वो किसानों के हित में होता है। लोगों के बीच गलतफहमी पैदा की जा रही है हमारी अपील है कि वो गलतफहमी के शिकार न हो।

शिवसेना सांसद संजय राउत ने बताया कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया है, ऐसा लग रहा है कि जैसे वे इस देश के हैं ही नहीं। उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया है। चूंकि वे सिख हैं और पंजाब और हरियाणा से आए हैं, इसलिए उन्हें खालिस्तानी कहा जा रहा है। यह किसानों का अपमान है।

दूसरे राज्यों के दिल्ली की ओर जाने वाले यात्रियों को सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर नाकेबंदी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक यात्री ने कहा कि हम विरोध के कारण कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। स्थिर संचार के लिए कोई वाहन नहीं है।

दिल्ली उत्तरी रेंज के संयुक्त सीपी सुरेंद्र यादव ने बताया कि आंदोलनकारी किसान शांति से बैठे हैं और अब तक सहयोग कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना है और यह सुनिश्चित करना है कि व्यवस्था उनके आंदोलन को सुविधाजनक बनाने के लिए हो।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि से संबंधित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आंदोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर।

कृषि कानूनों के विरोध में किसान प्रदर्शनकारी गाज़ीपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा कि हम आज दिल्ली कूच करेंगे और जंतर-मंतर या संसद भवन जाएंगे।

सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर किसानों का विरोध जारी, सुरक्षाकर्मी तैनात। यहां पर किसानों ने कल फैसला किया कि वे यहां अपना विरोध जारी रखेंगे और कहीं और नहीं जाएंगे। यह भी तय किया गया था कि वे रणनीति पर चर्चा करने के लिए रोजाना सुबह 11 बजे मिलेंगे।

यूपी गेट पर धरने पर बैठे किसान। इस दौरान वे सड़क पर बैठकर खाना खा रहे थे।

बुराड़ी स्थित निरंकारी सत्संग मैदान किसानों को दिए जाने के 24 घंटे बाद भी किसान सिंधु बॉर्डर पर डटे हुए हैं।

बुराड़ी में राजनीतिक दलों का जमावड़ा लगा

किसानों के समर्थन में बुराड़ी के निरंकारी सत्संग मैदान में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। पंजाब में मुख्य विपक्षी दल और दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी किसानों समर्थन में खुलकर सामने आ गई है। बुराड़ी मैदान में दिल्ली सरकार की ओर से सारी व्यवस्था की जा रही है। बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने खुद मोर्चा संभाल रखा है। वहीं कांग्रेस के नेता भी अपनी हाजिरी लगा रहे हैं। शनिवार को अलका लांबा भी बुराड़ी सत्संग मैदान पहुंचीं।

किसानों को क्या है नए कानून से डर

  • पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र द्वारा हाल ही में लागू किए गये कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी
  • उनकी दलील है कि कालांतर में बड़े कॉरपोरेट घराने अपनी मर्जी चलाएंगे और किसानों को उनकी उपज का कम दाम मिलेगा
  • नए कानूनों के कारण मंडी प्रणाली खत्म हो जाएगा। किसानों को अपनी फसलों का समुचित दाम नहीं मिलेगा और आढ़ती भी इस धंधे से बाहर हो जाएंगे

क्या है मांग

अहम मांग इन तीनों कानूनों को वापस लेने की है जिनके बारे में उनका दावा है कि ये कानून उनकी फसलों की बिक्री को विनियमन से दूर करते हैं। किसान प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 को भी वापस लेने की मांग कर रहे। उन्हें आशंका है कि इस कानून के बाद उन्हें बिजली पर सब्सिडी नहीं मिलेगी।

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