जनवाणी टीम |
सहारनपुर: कृषि कानूनों के विरोध में देशव्यापी बंद का जनपद के कस्बों में खासा असर देखा गया। सहारनपुर शहर में भले ही बंद का कोई असर न रहा हो पर कस्बों में गांवों से चलकर अन्नदाता किसानों ने विरोध प्रकट किया। गागलहेड़ी, नागल और सरसावा में हाईवे पर किसानों ने भाकियू की अगुवाई में चक्का जाम कर जमकर नारेबाजी की। ऐसे में पुलिस प्रशासन के पसीने छूटते रहे।
गागलहेड़ी प्रतिनिधि के मुताबिक मुख्य चौराहे पर हजारों की संख्या में जुटे किसानों ने मुख्य चौराहे पर ट्रैक्टर ट्रॉलियां लगाकर रास्ते बंद कर दिए। इसके बाद मुख्य चौराहे पर सड़क पर ही दरी डालकर तीन बजे तक बैठे रहे। डीएम और एसएसपी के लिए भी किसानों ने रास्ता नहीं खोला।
किसानों ने तीन बजे धरना समाप्त करते हुए एसडीएम अनिल कुमार को ज्ञापन सौंपा। किसानों की तुलना में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता बंद को लेकर गायब रहे। इस मौके पर जिलाध्यक्ष चरण सिंह, अनूप यादव, नरेश कुमार यादव, ललित यादव, रविकांत, कहर सिंह, अशोक कुमार, ताहिर मलिक, बिट्टू यादव, आशीष यादव आदि मौजूद रहे।
छुटमलपुर प्रतिनिधि के मुताबिक भारत बंद को सफल बनाने के लिए भारतीय किसान यूनियन तोमर के मंडल प्रभारी अजय पुंडीर के नेतृत्व में कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन किया। फिर थानाध्यक्ष फतेहपुर को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर मेहताब, संजय प्रधान, दिनेश शर्मा, सुशील कंबोज, मोहम्मद जावेद, सलीम जावेद, अदनान राजवीर सिंह आदि मौजूद रहे।
नागल प्रतिनिधि के मुताबिक यहां भी किसान आंदोलित रहे। सपा नेता शमशाद मलिक एडवोकेट को पुलिस ने उनके खटोली स्थित आवास पर ही नजरबंद कर दिया। मीडिया से रूबरू होते हुए शमशाद मलिक एडवोकेट ने कहा कि चंद उधोगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसान व मजदूर पर सराकर काला कानून थोप रही है।
इस दौरान ग्राम प्रधान प्रतिनिधि फैय्याज मलिक, रफी सलमानी, आबिद मुखिया, बंटी प्रधान आदि मौजूद रहे। अंबेहटा प्रतिनिधि के मुताबिक मंगलवार को नए कृषि कानून के विरोध में किसानों के अनेक संगठनों ने गावं फंदपुरी में किसान जनजागरण यात्रा निकाल गंगोह-सहारनपुर मार्ग को एक घंटे तक जाम कर दिया। किसान नेता राजेश टोली ने कहा कि जब तक केन्द्र सरकार किसानों के लिए लाए गए तीनों काले कानून को वापस नहीं लेती, तब तक किसान सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करते रहेंगे।
नानौता प्रतिनिधि के मुताबिक विभिन्न किसान संगठनों द्वारा सोमवार को भारत बंद के आहवान पर नानौता में भारतीय किसान संगठन के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में बसपा के वरिष्ठ नेतागण भी शामिल हुए। भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह के निर्देशन में नानौता में संगठन अध्यक्ष अजब सिंह के नेतृत्व में सैंकडो किसानों ने धरना-प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन किसानों द्वारा कस्बे के संजय चौक पर किया गया।
इस दौरान किसान गौरव राणा, श्यामवीर सिंह, हरपाल सिंह, मुल्की सिंह, तोफीक, उस्मान, महेंद्र सिंह, ब्रहमदत्त शर्मा, श्याम सिंह, बलराज आदि शामिल रहे। तीतरों में विपक्षी दलों एवं किसानों के भारत बंद के आह्वान के बाद भी कस्बे का मेन बाजार रोजाना की तरह खुला रहा। बंद के आह्वान को देखते हुए बाजार में ग्राहकों की आमद कम रही।
बड़गांव प्रतिनिधि के अनुसार कृषि विधेयकों को लेकर बुलाए गए भारत बंद का बड़गांव क्षेत्र में कहीं असर नहीं दिखा। यहां जड़ौदापांड़ा, महेशपुर, सिरसली कला, अंबेहटाचांद, मौरा, शिमलाना सहित अन्य कई गांव के बाजार सामान्य तौर पर खुले रहे। कोई किसान संगठन विरोध दर्ज कराने के लिए नहीं आया। हांलाकि जिले के आलाधिकारियों द्वारा भारत बंद को लेकर पुलिस बल को सुबह से ही सतर्क किया गया था।
गंगोह प्रतिनिधि के मुताबिगक कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा भारत बंद का यहां बाजार पर कोई असर नहीं पड़ा लेकिन अनाज मंडी में बंद का मिला-जुला असर रहा। बिलों के प्रति अपना आक्रोश प्रकट करते हुए किसानों ने नानौता चौक पर जाम लगा दिया। इसके अलावा भाकियू कार्यकर्ताओं ने यमुना पुल पर चक्का जाम कर दिया।
इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। भाकियू कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री के नाम संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन तहसीलदार देवेंद्र सिंह व कोतवाली प्रभारी यज्ञदत्त शर्मा को सौंपा। ज्ञापन देने वालों में भाकियू के तहसील अध्यक्ष देशपाल सिंह, चौधरी सलेखचन्द, अरविंद चौधरी, सरदार अवतार सिंह, केहरसिंह, इकबाल, महबूब, अमित, रूपेंद्र सिंह आदि शामिल रहे।
रामपुर मनिहारान प्रतिनिधि के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन के मंडल महासचिव चौधरी जगपाल सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ता केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हाइवे स्थित शहरी पुल चौराहे पर पहुंचे और धरना देकर प्रर्दशन किया। धरने को ब्लाक अध्यक्ष शेरपाल सिंह राणा, रविन्द्र चौधरी, पुनीत चौधरी आदि ने भी सम्बोधित किया।