- भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति व भाकियू भानू ने तीनों कृषि बिल वापसी की मांग की
- पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा, हाईवे मार्गो पर प्रशासन की निगाह रही
जनवाणी संवाददाता |
नजीबाबाद: किसान आंदोलन के शीर्ष नेताओं ने 6 फरवरी को हाईवे मार्गो पर चक्का जाम करने की घोषणा में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व दिल्ली को भले ही मुक्त कर दिया हो फिर भी तहसील नजीबाबाद का पुलिस प्रशासन अलर्ट दिखा। एसडीएम व कोतवाली प्रभारी निरीक्षक टीम के साथ लगातार हाईवे मार्ग पर गश्त पर रहे। वहीं किसान संगठनों ने तहसील पहुंच कर तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया और अलग अलग ज्ञापन तहसीलदार राधे श्याम शर्मा को सौंपा।
भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के पदाधिकारियों ने तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपकर किसानों की समस्याओं का निस्तारण कराने की मांग की। भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता रन्धावा सिंह के नेतृत्व में तहसील परिसर पहुंचे।
जहां उन्होंने तहसीलदार राधेश्याम शर्मा को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले दो माह से केन्द्र सरकार की ओर से लाए गए तीनों कृषि बिलों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर देश का किसान सड़कों पर रहकर विरोध कर रहा है। जिसके चलते किसानों ने देश की राजधानी दिल्ली को चारो ओर से घेरकर आंदोलन जारी रखा हुआ है।
इस आंदोलन में दो सौ से अधिक किसान अपनी जानें गंवा चुके हैं। ज्ञापन में तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने, एमएसपी पर कानून बनाते हुए इसके उलंघन करने वालों के लिए सजा का प्रावधान किए जाने की मांग की गयी है। ज्ञापन देने वालों में रन्धावा सिंह, दिनेश कुमार सिंह, चौधरी महफूज अख्तर, फईम अहमद, नौशाद हुसैन, कामिनी शर्मा, नजाकत हुसैन, राजकुमार, शिवकुमार व विजेन्द्र आदि शामिल रहे।
उधर भाकियू भानु गुट ने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन तहसीलदार को दिया। जिसमें तीनों कानून वापस लेने की मांग की गई। भाकियू भानू के सदस्यों ने तहसीलदार को दिए ज्ञापन में जो मांगे की है उसमें बकाया गन्ने का सम्पूर्ण भुगतान करने, काली माता के मंदिर से शाहपुर तक पुल पर पक्का तटबंध बनाने, 60 साल से अधिक के किसान व मजदूर को पेंशन देने सहित तमाम मांगे रखी गई है। ज्ञापन देने वालों में मंडल अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, दीपक सैनी, लोकेन्द्र सिंह आदि शामिल रहे।