Friday, July 5, 2024
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अनुदान से किसानों की पेमेंट के बजाए मोबाइल और एसी की शॉपिंग

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  • जीएम और चेयरमैन ने प्रतिनिधि के आरोपों को बताया राजनीति से प्रेरित उठाए गंभीर सवाल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सूबे की योगी सरकार ने जो नौ करोड़ का अनुदान भेजा था। उससे दूध उत्पादक किसानों के बकाए का भुगतान करने के बजाए लाखों के मोबाइल व एसी की शॉपिंग कर डाली गई। मामला परतापुर गगोल दूध सहकारी समिति से जुड़ा है। मामले की जांच के लिए सहकारी समिति ईकड़ी की महिला प्रतिनिधि रजनी शर्मा ने सीएम योगी को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। ईकड़ी सहकारी समिति के चेयरमैन प्रदीप शर्मा ने भी सवाल पूछा है कि जब दूध उत्पादक किसानों का करोड़ों का बकाया है तो फिर लाखों के मोबाइल व एसी की शॉपिंग की ऐसी क्या जरूरत पड़ रही थी।

सरकार से जो अनुदान आया है उससे पहले दूध सप्लाई करने वाले किसानों का जो पेमेंट रुका है, उसका भुगतान कर दिया होता। पत्र में सीएम से आग्रह किया गया है, जो अनुदान शासन से भेजा गया है। उसके व्यय की जांच करायी जाए। मामला दूध उत्पादन करने वाले किसानों के भुगतान से जुड़ा है, इसलिए जरूरी है कि जांच शासन स्तर से गठित एसआईटी से करायी जाए।

आरोप किए खारिज

वहीं, दूसरी ओर सहकारी समिति की चेयरपर्सन व जीएम ने एक सिरे से तमाम आरोपों को खारिज कर दिया है। जीएम पंकज सिंह ने बताया कि पूर्व में करीब साढेÞ तीन माह लंबे इंतजार के बाद दूध उत्पादक किसानों को पेमेंट मिलता था, अब यह अवधि महज डेढ़ सप्ताह रह गयी है। नियमानुसार इतने दिन की देरी रहती ही है। सहकारी समिति के जीएम ने पूछा कि किसानों के लिए अच्छे टॉयलेट बनवाना, उनके लिए फर्नीचर आदि की व्यवस्था करना बुरी बात है। जब से यह संस्था बनी है रंगाई-पुताई तक के लिए तरस गयी, इसकी रंगाई-पुताई नहीं कराएंगे देखभाल नहीं की जाएगी तो दीवारें गिर जाएंगी।

जो काम संस्था के हित में हैं व किसानों के हित में वो कराए गए हैं। जब चीजें पारदर्शिता से कराई गयी हैं। सबके सामने हैं, इसके बाद यदि कोई आरोप लगा रहा है कि तो इस संबंध में कुछ नहीं कहना, जो कार्य कराए हैं सबके सामने हैं। उन्होंने कहा कि उनका सारा ध्यान फिलहाल नए प्लांट का शुरू कराने की ओर है जो दूध उत्पादन करने वालों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। चेयरपर्सन के सहायक बलराज प्रधान ने आरोप लगाने वालों को कठघरे में खड़ा करते हुए बताया कि कोई बकाया नहीं है। जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो राजनीति से प्रेरित हैं।

उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक स्तर पर कोई छोटी बात नहीं कहना चाहते ना ही उनका यह स्तर है। चेयरपर्सन रीना देवी के हवाले से उन्होंने कहा कि जितना काम वर्तमान में किया जा रहा है उतना पूर्व में कभी नहीं हुआ। साथ ही सवाल किया कि जो लोग आरोप लगा रहे हैं क्या वो दूध उत्पादन करने वाले किसान हैं। क्यों वो गांव में रहते हैं। उन्हांने कहा कि वह निचले स्तर की राजनीति नहीं करते।

डायरेक्टर ने खोला मोर्चा

समिति में गाजियाबाद में नोएडा सीट डायरेक्टर रीना ने अनुदान की रकम के बंदरबाट का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि डेयरी की तरक्की के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। इस रकम से पहले किसानों का पेमेंट किया जाना चाहिए था।

क्षेत्रीय अध्यक्ष ने किया दौरा

भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र सिसौदिया ने गगोल सहकारी समिति का दौरा किया। जीएम अशोक सिंह ने बताया कि उन्होंने यहां नए दूध प्लांट को लेकर जानकारी हासिल की। इसके अलावा दूध उत्पादन करने वाले किसानों के कल्याण के लिए किए जा रहे कामों की भी जानकारी ली।

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