जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान और अदाकारा दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म पठान की रिलीज पर इन दिनों संकट के बादल घिरे हुए हैं। इस फिल्म में अदाकारा दीपिका पादुकोण की भगवा बिकिनी पर काफी हंगामा मचा। साथ ही शाहरुख खान और अदाकारा दीपिका पादुकोण के बोल्ड मूव्स भी लोगों को आहत कर गए।
जिसके बाद फिल्म के गाने ‘बेशर्म रंग’ पर बवाल मचा हुआ है। फिल्म के खिलाफ दिन ब दिन लोगों का गुस्सा भड़कता ही जा रहा है। बीते दिनों देश के कई राज्यों में फिल्म के खिलाफ राजनीतिक संगठनों ने थियेटर्स में जमकर तोड़फोड़ की।
साथ ही फिल्म की रिलीज न होने देने की थियेटर्स मालिकों को धमकी भी दी थी। अब लोगों के इस विरोध-प्रदर्शन के खिलाफ फिल्म फेडरेशन भी उठ खड़ा हुआ है। द फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने इम्पलॉइज यानि एफडब्ल्यूआईसीई (FWICE) ने हाल ही में सरकार से इस बायकॉट ट्रेंड के खिलाफ कदम उठाने की अपील की है।
@fwicemum strongly condemns the ongoing trend of #BoycottBollywood and seek immediate protection against the #hooliganism in #theaters and the #threats to the producers pic.twitter.com/XCBNKEGI3G
— Federation of Western India Cine Employees (@fwicemum) January 6, 2023
सरकार से शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्टारर निर्देशक सिद्धार्थ आनंद की फिल्म पठान की रिलीज सुनिश्चित कराने के लिए फेडरेशन ने सरकार से अपील पर कहा कि फिल्मों से सिर्फ सितारे ही नहीं, बल्कि लाखों छोटे वर्कर्स और टेक्नीशियन्स की रोजी-रोटी जुड़ी होती है। ऐसे में फिल्मों का बायकॉट करना इंडस्ट्री में काम करने वाले लाखों लोगों के रोजगार को प्रभावित करता है। फेडरेशन ने कहा कि ऐसे में सरकार बायकॉट ट्रेंड पर लगाम लगाए।
साथ ही कहा कि एक फिल्म को बनने के बाद सेंसर बोर्ड की नजर से गुजरना होता है। जो फिल्मों की सुप्रीम बॉडी है। जब एक दफा सेंसर बोर्ड से फिल्म को ग्रीन सिग्नल मिल गया ऐसे में बायकॉट ट्रेंड चलाकर किसी फिल्म का नुकसान करना बहुत गलत प्रक्रिया है।
अगर किसी को फिल्म से शिकायत है तो इसके लिए सेंसर बोर्ड को लिखा जा सकता है। मगर किसी खास एजेंडे के चलते किसी फिल्म को थियेटर्स पर चलने न देना बेहद खतरनाक तरीका है। इस पर सरकार लगाम लगाए।