जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आसमान से आग बरस रही है। पारा 41 के पार जा पहुंचा है। दिन के 11 बजे से शाम पांच बजे तक हाल यह होता है कि बाहर निकले ही जिस्म झुलसने लगता है। ऐसे में बिजली कटौती लोगों को बेहाल कर रही है। बीते दो दिनों में बिजली कटौती ने लोगों का दम निकाल कर रख दिया है। मंगलवार और बुधवार को अंधाधुंध बिजली कटौती से तमा लोेग उबलने लगे। बुधवार को तो और भी ज्यादा हालात खराब हो गयी। पांच-पांच घंटे की बिजली कटौती और उसके बाद भी बिजली के नखरों ने कूलर और एसी भी बोल गए। शहर से लेकर देहात तक बिजली कटौती से तमाम लोग बिल बिला उठे हैं। बिजली कटौती की वजह से मरीज भी बेहाल हैं।
इन दिनों संक्रमण फैल रहा है। घर-घर बुखार के मरीज मिल जाएंगे, जब पांच घंटे की बिजली कटौती की जाएगी और उसके बाद भी बिजली के नखरे जारी रहेंगे जारी रहेगे तो इनवर्टर तो बोलेंगे ही जाएंगे। बिजली की कटौती के खिलाफ किसान संगठन और राजनीतिक दलों ने विक्टोरिया पार्क स्थित पीवीवीएनएल के कार्यालय ऊर्जा भवन पर विरोध प्रदर्शन किया। अघोषित बिजली कटौती से गांव में बहुत बुरा हाल है। गांवों में तो आठ से 10 घंटे की बिजली कटौती की जा रही है। हालत ये हो गयी है कि खेत सूखे पड़े हैं। सिचाई के लिए पानी के लिए किसान परेशान हो रहे हैं।
टयूबवेल से सिंचाई महंगी पड़ रही है। वहीं, इस संबंध में पीवीवीएनएल चीफ प्रशांत कुमार का कहना है कि बिजली कटौती के आरोप गलत हैं। लाइन पर काम के लिए थोड़ी बहुत देर तक शट डाउन लिया जाता है। पर्याप्त बिजली दी जा रही है। शहर में भी नियमित बिजली सप्लाई की जा रही है।
कैंट में ठेकेदार की मनमानी, पानी की परेशानी
ठेकेदार की मनमानी के चलते कैंट के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। बिजली न आने के चलते ठेकेदार को जनरेटर से पानी की सप्लाई किए जाने की शर्त, लेकिन ठेकेदार मनमानी पर उतरा हुआ है। पिछले दिनों जब आंधी तूफान आया था, तब भी ठेकेदार बजाय पानी मुहैय्या कराने के गायब हो गया था। ऐसा ही वह अब कर रहा है। बिजली नहीं आती तो वह पानी की भी आपूर्ति नहीं करता है। भीषण गर्मी से बेहल कैंट के वाशिंदे घंटों बिजली कटौती होने के बाद पानी को भी तरस जाते हैं। कैंट की सदर इलाके की पब्लिक इस जानलेवा गर्मी में बुरी तरह से बिलबिला रही है, वहीं दूसरी तरफ नलों में पानी की आपूर्ति ठप होने से लोगों में ठेकेदार के प्रति सख्त नाराजगी है। सदर क्षेत्र व लालकुर्ती इलाकों में पानी की आपूर्ति के लिए कैंट बोर्ड द्वारा ठेका प्राइवेट कंपनी को दिया गया।
जिसके अधिकार क्षेत्र में लगभग 10 पम्प दिए गए हैं। ठेकेदार की आपूर्ति व्यवस्था की पोल जब खुलती हैं, जब पानी की आपूर्ति के समय बिजली नहीं आती है। आरोप है कि ठेकेदार द्वारा जनरेटर नहीं चलाया जाता है तथा डीजल पेट्रोल की बचत की जाती है। गुरुवार को शाम 6.45 तक नल में जल नहीं आया। जलकर विभाग को की गई शिकायत के बाद भी एक बूंद पानी नहीं मिला लोगों में नाराजगी है।
किसानों का एमडी कार्यालय पर हंगामा
ऊर्जा भवन जुर्रानपुर के किसानों ने जमकर हंगामा किया। किसानों के हंगामे के चलते सिक्योरिटी गार्डों ने मेनगेट बंद कर लिया। इसके बाद हंगामा करने वाले किसान वहीं पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि जानलेवा गर्मी में सिचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। बिजली न मिलने की वजह से खेत सूखे पडे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले दिनों जो आंधी तूफान आया था। उसमें जो लाइने डेमेज हो गयी हैं उनको अभी तक ठीक नहीं किया गया है।
इसके अलावा भी किसानों की बहुत की समस्याओं को लेकर वो पीवीवीएनएल प्रबंध निदेशक से बातचीत करना चाहते थे, लेकिन सिक्योरिटी गार्डों द्वारा गेट बंद कर लिए जाने की वजह से वो बाहर ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने वहां घंटों नारेबाजी की। बाद में उन्होंने किसानों की तमाम समस्याओं को लेकर पीवीवीएनएल एमडी को संबोधित एक ज्ञापन भी सौंपा।