जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: हस्तिनापुर वन विभाग अपने ही बनाए नियम को तोड़ने पर आमादा है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वन आरक्षित जंगल में आये दिन हरे पेड़ों का कटना किये जाने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हैं।
महज तीन दिन में हस्तिनापुर रेंज में बिना अनुमति के दर्जनों बेशकीमती सरकारी और गैर सरकारी पेड़ों का कटान किया गया। वन विभाग की मिलीभगत के चलते सूचना के बाद भी विभागीय अधिकारियों कार्रवाई के नाम महज खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली जाती है। जिसके चलते ठेकेदार के हौसले बुलंद है और वन क्षेत्र में आये दिन बिना अनुमि के हरे पेड़ों का कटान चलता रहता है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) देश में बढ़ते प्रदूषण पर सख्त है। जिसके चलते प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष देश भर में करोड़ों की संख्या में पौधरोपण कर रही है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते वन माफिया आए दिन हरे पेड़ों को अपना शिकार बना लेते हैं महज सप्ताह भर की बात करें तो माफियाओं ने 4 जगहों पर 4 सरकारी पेड़ों सहित दो दर्जन पेड़ों को अपना शिकार बना लिया लेकिन विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हैं।
अधिकारियों से बात करें तो अधिकारी कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति की बात करते हैं और वन माफिया उनकी पहुंच से दूर हो जाते हैं। वहीँ मंगलवार रात एक बार फिर वन माफियाओं में 1 आरक्षित क्षेत्र के बीच बसे लतीफपुर गांव के समीप आधा दर्जन से भी अधिक शीशम के हरे पेड़ों को अपना शिकार बनाया।
वन विभाग को सूचना मिली और कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो वन माफिया 3 पेड़ों को गाड़ी में लेकर मौके से फरार हो गया। वही वन क्षेत्राधिकारी नवरत्न का कहना है की मामला संज्ञान में है 1 माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।