- कैंट का कूड़ा घोटाले का है मामला, हाईकोर्ट में तलब
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कैंट बोर्ड के पूर्व सीईओ नवेन्द्र नाथ की मुश्किलें तबदाला होने के बाद भी कम नहीं हो रही हैं। आने वाले दिनों में मुश्किलें और बढ़ जाएगी। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में हुए भ्रष्टाचार के मामले में नवेन्द्रनाथ की गर्दन फंसती दिखाई दे रही हैं। कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी ने तत्कालीन सीईओ नवेन्द्र नाथ की घेराबंदी डोर टू डोर कूडा कलेक्शन करने में हुए भ्रष्टाचार में कर दी हैं।
सोढ़ी ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका में कहा है कि ठेकेदार अग्रवाल से मिलकर तत्कालीन सीईओ नावेन्द्र नाथ ने भ्रष्टाचार किया, जिसमें हाईकोर्ट ने 22 जुलवाई को नवेन्द्र नाथ को तलब किया हैं। उसी दिन इस मामले में अंतिम सुनवाई भी होगी। इस भ्रष्टाचार के मामले में नवेन्द्र नाथ की गर्दन फस गई हैं। क्योंकि भ्रष्टाचार आॅन रिकॉर्ड हुआ। टेंडर 16.50 लाख का हुआ तथा भुगतान 18.50 लाख का दिया गया।
इस तरह से एक करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचार कर कैंट बोर्ड को नुकसान पहुंचाया गया। इसकी शिकायत पहले भी सोढ़ी ने अध्यक्ष को की थी, मगर उसमें भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। शुक्रवार को अपने निवास स्थान पर विपिन सोढ़ी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सीईओ रहे नवेन्द्र नाथ ने अनुबंध की धनराशि बिना बोर्ड की अनुमति के कैसे बढ़ा दी और भुगतान भी कर दिया? इसकी शिकायत अध्यक्ष को पत्र लिखकर की गई थी, मगर इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई। भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल दिया गया।
यह भ्रष्टाचार का मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत हाईकोर्ट में लगाया गया था। इसका संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने इसे संज्ञेय अपराध माना हैं तथा इसकी सुनवाई 22 जुलाई को फाइनल की है। इसमें तत्कालीन सीईओ नवेन्द्र नाथ को भी तलब किया गया हैं। यही नहीं, ठेकेदार से जवाब मांगा है तथा अदालत में भी पेश होने के लिए कहा गया है। कैंट बोर्ड के मनोनित सदस्य डा. सतीश शर्मा ने भी भ्रष्टाचार के मामले में आजीवन कारावास होनी चाहिए तथा इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। पूर्व कैंट बोर्ड सदस्य धर्मेंद्र सोनकर आदि भी पत्रकार वार्ता के दौरान मौजूद रहे।