डेढ़ साल से जेल में थे निरुद्ध, बयान से पलट गई थी पीड़िता
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उससे गैंगरेप किए जाने के मामले में चार आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। सभी आरोपी घटना के बाद से जेल में निरुद्ध थे। सुनवाई के दौरान पीड़िता अपने बयान से पलट गई थी। घटना 23 दिसंबर 2021 को घटी थी।
कस्बा जानसठ निवासी 14 वर्षीय किशोरी घर से ट्यूशन पढ़ने के लिए गई थी। शाम तक वापस न लौटने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की थी। जिसके बाद दो लोगों ने बताया था कि किशोरी को उन्होंने युवकों की बाइक पर बैठे हुए पंचायत चेयरमैन यनेश के खेतों की ओर जाते देखा था।
मामले में पीड़िता के पिता ने 23 दिसंबर 2021 की घटना का जिक्र करते हुए कस्बा जानसठ के मोहल्ला करीमुल्ला पट्टी निवासी जॉनी उर्फ आबिद पुत्र यासीन, अनु उर्फ अहसान तथा मुनासिब उर्फ मुनासिफ़ और युसूफ पुत्र रमजान के विरुद्ध गैंगरेप, बहला-फुसलाकर अपहरण तथा पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पीड़िता को बरामद कर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने पीड़िता का मजिस्ट्रेट के सामने गोपनीय बयान दर्ज कराया था। जिसमें पीड़िता ने नशा देकर चारों आरोपियों पर गैंगरेप और मारपीट का आरोप लगाया था। अभियोजन के अनुसार, पीड़िता मुकदमे की सुनवाई के दौरान अपने बयान से पलट गई थी और उसने पूर्व में लगाए गए आरोपों से इनकार किया था। घटना के मुकदमे की सुनवाई विशेष पोक्सो एक्ट कोर्ट के जज बाबूराम ने की। दोनों पक्ष की सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने चारों आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
What’s your Reaction?
+1
+1
+1
+1
+1
+1
+1