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जल्द निकालेंगे समाधान, कुलपति ने मीडिया से किया दावा
जनवाणी ब्यूरो |
मेरठ: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से संबंधित 749 कॉलेज में दाखिला लेने वाले लगभग 1.3 लाख विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है। बता दें कि एकेटीयू द्वारा नियत समय तक दाखिलों की स्वीकृति नहीं दी गई थी, समय अवधि बढ़ाने की मांग पर उच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया था।
अब इस निर्णय के खिलाफ एकेटीयू की याचिका को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया है। कॉलेज के समूह टेक्निकल इंस्टीट्यूशन फाउंडेशन उत्तर प्रदेश ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। इस विषय को लेकर कालेज प्रबंधन और छात्र दोनों ही चिंतित हैं।
नियमानुसार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद प्रत्येक वर्ष नए दाखिलों की स्वीकृति प्रदान करता है, इसके बाद सभी विश्वविद्यालय अपने कॉलेज को तय समय में स्वीकृति प्रदान करते हैं। वर्ष 2023-24 के सत्र में 30 जून तक एआईसीटीई ने 749 कॉलेज को प्रथम वर्ष में दाखिला के लिए एक्सटेंशन का अप्रूवल प्रदान कर दिया था। एकेटीयू विश्वविद्यालय को अपनी स्वीकृति प्रदान करने के लिए 31 जुलाई तक का वक्त था।
विश्वविद्यालय 31 जुलाई तक स्वीकृति प्रदान नहीं कर सका। एआईसीटीई ने 31 जुलाई तक सभी कॉलेजों को इसकी मान्यता प्रदान कर दी, तय समय गुजर जाने पर एकेटीयू ने समय वृद्धि की मांग की समय न मिलने पर एकेटीयू ने उच्च न्यायालय का रुख किया उच्च न्यायालय से भी विश्वविद्यालय को राहत प्रदान नहीं हुई, उच्च न्यायालय के फैसले पर एकेटीयू ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया। उच्चतम न्यायालय ने एकेटीयू की याचिका खारिज कर दी, मानता नहीं मिलने पर प्रथम वर्ष के बच्चों का भविष्य खतरे में है।
इस संबंध में एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडेय ने बताया कि हम इसका समाधान निकालने में लगे हुए हैं, एकेटीयू की काउंसलिंग की प्रक्रिया अगले कुछ दिनों में आरंभ हो सकता है।
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