Tuesday, July 9, 2024
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गांधी आश्रम: रावत समेत 15 के खिलाफ मुकदमा

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  • करोड़ों की सम्पत्ति की लीज को लेकर चल रहा है एक वर्ष से विवाद, अब एक्शन में दिखा खादी ग्रामोद्योग आयोग

गांधी आश्रम की करोड़ों की जमीन पर माफिया की निगाहें एक वर्ष से लगी हैं। पहले ही दिन से ‘जनवाणी’ ने माफिया के खिलाफ मुहिम चलाई। प्रशासन और खादी ग्रामोद्योग के अधिकारियों को सोचने पर विवश कर दिया। आखिर करोड़ों की सम्पत्ति और राष्टÑपिता महात्मा गांधी की प्राचीन बिल्डिंग को कैसे गिराने दिया जा सकता हैं। इसको लेकर ‘जनवाणी’ ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए मुहिम चलायी। अब जाकर इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया हैं। जिसके बाद लगा कि अब विवेचना के दौरान माफिया के खिलाफ भी शिकंजा कसा जा सकता हैं। दर्ज एफआईआर में जमीन की लीज कराने वाली कंपनी का नाम का भी उल्लेख किया गया है, जिसके बाद संबंधित कंपनी के खिलाफ भी पुलिस शिकंजा कस सकती हैं।

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: गांधी आश्रम की करोड़ों की संपत्ति को लीज पर देने के मामले में आखिर शिकंजा कस दिया है। बुधवार को राजधानी लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मेरठ गांधी आश्रम समिति के सचिव पृथ्वी सिंह रावत समेत 15 लोगों के खिलाफ कूट रचित धोखाधड़ी करने की संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह मुकदमा भारत सरकार के खादी और ग्रामोद्योग आयोग के सहायक निदेशक पद पर कार्यरत प्रशांत मिश्र ने दर्ज कराया है।

दर्ज कराई गई रिपोर्ट में लिखा है कि गांधी आश्रम मेरठ स्थित संपत्ति 3271.40 वर्ग मीटर भूमि दान में प्राप्त हुई थी। इस भूमि को बिना आयोग की पूर्व सहमति के विक्रया या फिर लीज पर नहीं दिया जा सकता, लेकिन इसका लीज कर दिया गया, जो नियम विरुद्ध है। इस जमीन को विक्रीय करना या लीज पर देना नियम विरुद्ध है। यह जानते हुए भी अरविंद कुमार श्रीवास्तव महामंत्री गांधी आश्रम द्वारा संपत्ति लीज पर देने के लिए पृथ्वी सिंह रावत मंत्री क्षेत्रीय गांधी आश्रम मेरठ को अधिकृत किया गया, जो नियम के खिलाफ हैं।

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पृथ्वी सिंह रावत द्वारा यह जानते हुए कि इस भूमि को बिना आयोग की स्वीकृति के विक्रय या फिर लीज पर देना नियम विरुद्ध है, इसके बावजूद भूमि को मैसर्स रेणुका आशियाना मेरठ को लीज पर दे दिया गया। खादी और ग्रामोद्योग आयोग भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए परिपत्र के अनुसार गांधी आश्रम की संपूर्ण संपत्ति को न तो आयोग की स्वीकृति के बिना बेचा जा सकता है और ना ही लीज पर दिया जा सकता है।

आज की तिथि तक गांधी आश्रम लखनऊ द्वारा आयोग को 19216811 इस ऋण से मुक्त नहीं हुए हैं। लिया गया ऋण जमा नहीं कराया गया। गांधी आश्रम के मंत्री अरविंद श्रीवास्तव अन्य पदाधिकारी संपत्ति को लीज पर कर रहे है। गांधी आश्रम के महामंत्री एवं अन्य पदाधिकारी को बार-बार नोटिस देकर चेताया गया, मगर इसके बावजूद भी अपनी गतिविधियों को नियम विरुद्ध करते आ रहे हैं।

इनके खिलाफ हुई रिपोर्ट दर्ज

लखनऊ गांधी आश्रम के अरविंद कुमार श्रीवास्तव महामंत्री, रामनरेश सिंह संचालक, रविंद्र नाथ उपाध्याय सदस्य, प्रकाश चंद जोशी सदस्य, दीनानाथ तिवारी सदस्य, शत्रुघ्न द्विवेदी सदस्य,रामचंद्र शुक्ला सदस्य, विनोद प्रकाश चौहान सदस्य, सुरेंद्र यादव सदस्य, मुखराम सदस्य, संजय कुमार सिंह, पृथ्वी सिंह रावत सचिव मेरठ गांधी आश्रम समिति एवं अन्य पदाधिकारियों के विरुद्ध कूटरचित धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

मेरठ में भी होना चाहिए मुकदमा दर्ज

गांधी आश्रम की जमीन को लीज व विक्रय करने के मामले को लेकर लंबे समय से नूरा-कुश्ती चल रही हैं। पहले प्राचीन बिल्डिंग को तोड़कर क्षति पहुंचा दी गई, मगर पुलिस-प्रशासन ने मुकदमा तक दर्ज नहीं किया। दुस्साहस देखिये कि फिर से गांधी आश्रम समिति ने जमीन विक्रय करने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन तक दे दिया। मौके पर नीलामी रुकवाने के लिए एसडीएम, तहसीलदार तक पहुंचे, जिसके बाद ही नीलामी रोकी गई।

तब से अब तक प्रशासनिक स्तर पर जमीन को लेकर जांच पूरी नहीं हो पाई हैं। लखनऊ में इसको लेकर रिपोर्ट भी दर्ज करा दी गई, लेकिन मेरठ का प्रशासन इसको लेकर कार्रवाई करने के लिए हिम्मत क्यों नहीं जुटा पा रहा हैं? पहली रिपोर्ट मेरठ में ही होनी चाहिए थी, क्योंकि तमाम बवाल यहीं पर चल रहा हैं, लेकिन अब लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराने की पहल कर दी गई है तो बिल्डिंग को क्षति पहुंचाने और फिर गलत नीलामी करने का मुकदमा तो यहां भी दर्ज कराया जाना चाहिए था, जो नहीं कराया गया।

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