Monday, July 1, 2024
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गांधी आश्रम: तीन दिन में होनी थी जांच, बीत गए 20 दिन

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  • गांधी आश्रम की जमीन की नीलामी का है मामला

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: गांधी आश्रम की नौ बीघा जमीन की नीलामी का मामला बीस दिन पहले सुर्खियों में था। तब एसडीएम संदीप भागिया ने मौके पर पहुंचकर कहा था कि तीन दिन में जांच पूरी कर भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर दी जाएगी, लेकिन तीन दिन तो दूर अब 20 दिन बीत गए हैं, मगर कार्रवाई तो दूर अभी जांच भी पूरी नहीं हुई हैं। आखिर इसकी जांच पूरी करने में प्रशासनिक अफसरों को समय क्यों लग रहा हैं? इससे संबंधित दस्तावेज भी दोनों पक्षों की तरफ से एसडीएम को उपलब्ध करा दिये गए हैं, फिर भी जांच अधूरी हैं।

दरअसल, जिस नौ बीघा जमीन की नीलामी का मामला है, वह एक अरब से ज्यादा कीमत की जमीन हैं। फिर भी प्रशासनिक अफसर जांच पड़ताल में मामले को लटका रहे हैं। इस तरह से भू-माफिया को इसमें अदालत की शरण में जाने का भी मौका मिल रहा हैं। पहले भी गांधी आश्रम की 4200 मीटर जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद पैदा हो गया था। उस जमीन की डीड भी गांधी आश्रम समिति ने भू-माफिया को कर दी थी, जबकि जमीन लीज पर देने का गांधी आश्रम समिति को कोई अधिकार नहीं हैं।

प्राचीन बिल्डिंग को भी तोड़ दिया गया था। एक तरह से गांधीजी की धरोहर को नष्ट करने के तमाम प्रयास किये गए। प्रशासन ने बिल्डिंग को तोड़ने पर रोक लगा दी थी। फिलहाल यह मामला भी अदालत में पहुंच गया हैं। 20 दिन पहले गांधी आश्रम की नौ बीघा जमीन को बेचने के लिए नीलामी निकाली गई थी। नीलामी में भाग लेने के लिए भू-माफिया भी पहुंच गए थे, लेकिन खादी ग्रामोद्योग व एसडीएम संदीप भागिया ने मौके पर पहुंचकर नीलामी को रद करा दिया था।

तब बड़ा ड्रामा हुआ था। गांधी आश्रम समिति के सचिव रावत ने सरकारी कागज जो गेट पर चस्पा किया था, उसे भी फाड़ दिया था। इस तरह से सरकारी दस्तावेज फाड़ने का भी मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया। एसडीएम संदीप भागिया ने तब कहा था कि तीन दिन के भीतर जांच पूरी कर ली जाएगी। अब 20 दिन हो चुके हैं, लेकिन जांच फिर भी अधूरी हैं। आखिर इसकी जांच कब तक अधूरी रहेगी?

इसमें लिप्त कुछ भू-माफियाओं को भी अपना बचाव करने का मौका मिल रहा हैं। महत्वपूर्ण बात है कि गांधी आश्रम राष्टÑीय धरोहर है। वर्तमान में गांधी आश्रम की सम्पत्ति शहर के बीच में आ गई हैं, जिसकी जमीन की कीमत एक लाख रुपये प्रति वर्ग गज से भी अधिक की है, इसलिए सभी की निगाहें गांधी आश्रम की सम्पत्ति पर लगी हैं। अब इस सम्पत्ति को कैसे संभाला जा सकता हैं, यह तय तो प्रशासन को ही करना है। अन्यथा इस जमीन पर भू-माफिया काबिज हो जाएंगे, जो शहर का सबसे बड़ा जमीन घोटाला होगा।

सौंपे जा चुके हैं दस्तावेज: बलराम

खादी ग्रामोद्योग के डिप्टी डायरेक्टर बलराम दीक्षित का कहना है कि जिस दिन एसडीएम गांधी आश्रम पहुंचे थे, उसी रात को गांधी आश्रम का बायलॉज और तमाम दस्तावेज सौंप दिये गए थे।

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दस्तावेज में स्पष्ट था कि गांधी आश्रम की जमीन को गांधी आश्रम समिति को बेचने का अधिकार नहीं हैं। अब इसको लेकर जो भी निर्णय करना है, वह प्रशासन स्तर से किया जाएगा।

ये बोले…रावत

गांधी आश्रम समिति के सचिव पृथ्वी सिंह रावत का कहना है कि जमीन पर पूरा अधिकार गांधी आश्रम का है, इसके दस्तावेज एसडीएम को सौंप दिये गए हैं।

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इसमें एसडीएम जो भी निर्णय करेंगे, वह उनके लिए मान्य होगा।

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