- सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने सीएम को लिखा पत्र, भू-माफियाओं पर शिकंजा कसने की मांग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गढ़ रोड स्थित गांधी आश्रम की सम्पत्ति की अवैध तरीके से नीलामी का मामला अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार में पहुंच गया है। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने एक पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा है, जिसमें कहा है कि गांधी आश्रम की संपत्तियों की अवैध तरीके से नीलामी की जा रही है तथा इसमें बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है, जिसकी जांच की जानी बेहद आवश्यक है।
गांधी आश्रम की संपत्तियों को लेकर सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने लिखा है कि मेरठ ही नहीं, बल्कि पूरे यूपी में गांधी आश्रम की संपत्तियों की अनियमितताओं की जांच होनी चाहिए, ताकि भू-माफिया के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सके। क्योंकि भू-माफिया गलत तरीके से गांधी आश्रम की करोड़ों की संपत्ति को नीलाम करने पर तुला है। सांसद ने पत्र में लिखा है कि अनंत देव कौशिक ने एक प्रत्यावेदन उन्हें दिया है,
जिसमें दो दर्जन गांधी आश्रम समिति के पदाधिकारियों के हस्ताक्षर हैं। प्रत्यावेदन का जिक्र सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में भी किया हैं, जिसमें कहा गया है कि गलत तरीके से गांधी आश्रम की जमीन को नीलाम करने की कई बार कोशिश की जा चुकी है। शुक्र है कि यह जमीन का मामला मीडिया और प्रशासन तक समय से पहुंच जाता हैं, जिसके बाद नीलामी रद्द हो जाती हैं।
जब भी नीलाम होती है, तब गांधी आश्रम के ही कुछ लोग इसमें बाधा बन जाते है। उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरठ के गांधी आश्रम की नीलामी से संबंधित जो प्रकरण चल रहे हैं, उनकी जांच करा कर भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि गांधी आश्रम की प्राचीन धरोहर को नष्ट होने से बचाया जा सके।
क्या है गांधी आश्रम प्रकरण?
गढ़ रोड स्थित प्राचीन गांधी आश्रम हैं। आश्रम के पास 60 बीघा से ज्यादा जमीन हैं, जिसमें वर्तमान में कुछ जमीन खाली पड़ी हैं। ये जमीन शहर के बीच में आ चुकी हैं। ऐसे में इस जमीन पर कब्जा करने की हर भू-माफिया की निगाहें लगी हुई हैं। दावा किया जाता है कि ये जमीन गांधी आश्रम को दान में मिली थी या फिर शहर के प्रमुख लोगों ने चंदा देकर जमीन खरीदी थी।
अब दान में मिली सम्पत्ति के मालिक गांधी आश्रम समिति बन गई हैं, वहीं इस जमीन की बार-बार नीलामी कर रही हैं,मगर चोरी-छिपे। सार्वजनिक तरीके से एक बार भी नीलामी नहीं हुई। तत्कालीन एसडीएम भी एक बार मौके पर पहुंचे तथा नीलामी को रुकवा दिया था।
नोटिस भी आयोग ने गांधी आश्रम में चस्पा कर दिया था, जिसमें कहा था कि गांधी आश्रम की जमीन को नीलामी नहीं हो सकती। यदि ऐसा कर रहे हैं तो यह नियम विरुद्ध हैं। एक बार लीज पर भी दे दी गई। बिल्डिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। ये धरोहर थी।
हो चुकी है एफआईआर
गांधी आश्रम समिति ने चोरी-छिपे जो नीलामी की थी, उस मामले में आयोग के तत्कालीन अधिकारी राजेश श्रीवास्तव की भूमिका पर भी सवाल उठे थे। उनके द्वारा एफआईआर दर्ज कराने से कन्नी काटी गई। इसके बाद ही लखनऊ खादी ग्रामोद्योग की तरफ से लखनऊ की हजरत गंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गयी थी।
एफआईआर गांधी आश्रम समिति मेरठ के मंत्री पृथ्वी सिंह रावत भी शामिल थे। बारह लोगों के खिलाफ ये मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें अभी किसी तरह की गिरफ्तारी नहीं हुई हैं। एफआईआर के खिलाफ नामजद आरोपी हाईकोर्ट में पहुंच गए हैं।