Thursday, June 12, 2025
- Advertisement -

सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीक हैं गांधी

NAZARIYA


SNEHVEER PUNDEERहाल के भारतीय प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे में गांधी फिर से चर्चा में आ गए। फिर से अमेरिकी प्रतिनिधियों ने बोला कि वह गांधी की अहिंसा और प्यार की नीति पर ही आगे बढ़ना चाहेंगे। गांधी पूरी दुनिया में सत्य, अहिंसा और सांप्रदायिक सद्भाव के प्रतीक माने जाते रहे हैं। हालांकि यह भी सत्य है कि भारत में होने वाली गांधी की आलोचना और नापसंदगी भी उनके इसी सांप्रदायिक सौहार्द की वजह से है। क्योंकि एक तबका उन पर हमेशा दूसरे का पक्ष लेने का आरोप लगाता रहा है। देश में मुस्लिम लीग के सबसे बड़े नेता मुहम्मद अली जिन्ना ने जहां गांधी को हमेशा काइयां गांधी और हिंदू नेता के रूप में देखा, तो वहीं देश के हिंदूवादी नेता हमेशा ही गांधी को मुस्लिम परस्त मानते रहे हैं। इतना ही नहीं अभी तक भी बहुत से लोग मानते हैं कि गांधी के मुस्लिम तुष्टिकरण की वजह से ही देश का बंटवारा हुआ है। जबकि सचाई यह है कि गांधी ही आखिर तक बंटवारे के सबसे बड़े विरोधी बने रहे। कुछ लोगों की नाराजगी की वजह यह बात भी है कि गांधी ने बोला था कि बंटवारा उनकी लाश पर होगा। देश बंट गया और गांधी जिंदा रहे, उन्होंने कुछ नहीं किया।

लेकिन, इन तमाम आरोपों के बावजूद गांधी इस दुनिया के इकलौते ऐसे संत नेता हैं, जिन पर सबसे अधिक लिखा गया है। इतना ही नहीं, पूरी दुनिया में मानवता के लिए कुछ भी करने का जज्बा रखने वाले लोगों ने गांधी को ही अपना आदर्श माना है। निष्पक्ष रूप से देखा जाए तो गांधी इस देश के स्वतन्त्रता संघर्ष के प्राण थे। दक्षिण अफ्रीका से वापस लौटने पर जब गांधी इस देश को समझने के लिए देश में घूमना शुरू करते हैं, तो इस बात को वह अच्छे से समझ रहे थे कि अंग्रेजों से लड़ने के लिए और उन्हें इस देश से विदा करने के लिए सबसे पहला काम हिंदू, मुस्लिम एकता ही है। इसके बिना स्वतंत्रता की लड़ाई आपस में उलझ कर ही रह जाएगी। यह काम उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक जारी रखा। इतना ही नहीं इस एकता के लिए ही उन्हें अपनी जान भी देनी पड़ी।

खुद को जुआरी मानने वाले गांधी ने सबसे बड़ा जुआ नोआखाली में खेलने का निर्णय लिया और देखा जाए तो इस जुए में भी वह जीत कर निकले। नोआखाली में दंगे की खबर पाकर वह लोगों को शांत करने के लिए निकले, लेकिन नोआखाली पहुंच नहीं पाए बल्कि रास्ते में कलकत्ता में ही रोक लिए गए। जिन्ना के डायरेक्ट एक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले और बिहार दंगों के समय मुसलमानों के प्रति उदासीन होने लिए खुलेआम गांधी को कोसने वाले सुहरावर्दी उन्हें कलकत्ता में अमन बहाली के लिए रोकने पर मना रहे थे। गांधी ने यहां रहने के लिए तीन शर्तें सुहरावर्दी के सम्मुख रखीं और हम जानते हैं सुहरावर्दी ने तीनों शर्तें, दोनों एक साथ दंगा प्रभावित क्षेत्र में साथ रहेंगे, बिना किसी सुरक्षा पुलिस या फौज की सुरक्षा के रहेंगे और नोआखाली के हिंदुओं की रक्षा का वचन सुहरावर्दी देंगे, मान ली।

हालांकि हिंदू समुदाय के लोग सुहरावर्दी को गुंडों का सरदार मानते थे और गांधी को उन पर भरोसा नहीं करने की सलाह दे रहे थे। लेकिन ऐसी ही बातें मुसलमानों में गांधी के बारे में भी कही जाती थी। उन्हें मक्कार और इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन बताया जाता था। गांधी के हैदरी मेंशन पहुंचने पर हिंदू नवयुवकों ने उनका स्वागत जबरदस्त विरोध से किया कि तब वे कहां थे, जब हिंदू मुसीबत में थे। गांधी अब आए हैं, जब मुसलमानों ने शिकायत की है।

वहां क्यों नहीं जाते जहां से हिंदुओं को भागना पड़ रहा है। जब आप क्यों नहीं आए, जब पिछले वर्ष 16 अगस्त को हिंदू समुदाय डायरेक्ट एक्शन की मार झेल रहा था। लेकिन विपक्षियों के विवेक को जगाना ही गांधी की राजनीति की बुनियाद थी। उन्होंने उन नवयुवकों को बातचीत के लिए मनाया और भरोसा दिलाया वे खुद भी हिंदू हैं तो हिन्दुओं के दुश्मन कैसे हो सकते हैं?

एक सितंबर की रात से चार सितंबर की रात सवा नौ बजे तक लगभग 73 घंटे चले गांधी के अनशन ने कलकत्ता की फिजा को बदल कर रख दिया। सभी वर्गों के प्रतिनिधियों ने लिखित आश्वासन दिया कि कलकत्ता में शांति बहाली के लिए वे सभी अपनी अंतिम सांस तक प्रयास करेंगे और इस भाईचारे को बहाल रखेंगे। सांप्रदायिक हिंसा और विद्वेष को रोकने के लिए चार महीनों में ही गांधी को दूसरी बार दिल्ली में भी उपवास करना पड़ा।

दुनिया के तमाम देशों से गांधी के स्वास्थ्य की चिंताओं के साथ ही कुछ पाकिस्तानी नागरिकों ने भी पत्र लिखे, जिसमें उन्होंने कहा कि गांधी को उपवास के लिए मजबूर करने में हम भी उतने ही दोषी हैं और उनकी जान बचाने के लिए हम लोग क्या कर सकते हैं? माउंटबेटन के इस वक्तव्य में जरा भी अतिश्योक्ति नहीं लगती कि गांधी के एक सदस्यीय सीमा बल ने कलकत्ता में वो कर दिखाया जो पंजाब में पचपन हजार सैनिक नहीं कर सके।


SAMVAD 1

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

spot_imgspot_img