निष्कासन के बाद भी नहीं डरे मेयर गौरव गोयल
जनवाणी ब्यूरो |
रुड़की: आखिरकार नगर प्रमुख मेयर गौरव गोयल का क्या कसूर था, जिन्हें सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया लेकिन गौरव गोयल द्वारा पार्टी से हटके निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रुड़की मेयर पद के लिए 2019 नवंबर में भारी मतों से चुनाव जीतकर मेयर पद की कुर्सी हथिया ली, बाद में उनके द्वारा रुड़की में भरपूर विकास कार्य कराए गए और आज भी वह रुड़की शहर को एक मॉडल के रूप में देखना चाहते हैं। जनता का साथ उन्हें हमेशा से ही मिल रहा है।
दरअसल, हम आपको बताते चले कि रुड़की शहर का हमेशा से ही एक इतिहास रहा है कि यहां जो भी राजनैतिक नेता इस पद के लिए चुनाव लड़ता है वह निर्दलीय ही होता है और बाद में किसी न किसी राष्ट्रीय दल का हाथ थाम लेता है।
यही हाल युवा नेता गौरव गोयल का जबकि वह पहले से ही भाजपा मानसिकता के नेता रहे हैं, लेकिन पार्टी द्वारा उन्हें इस चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया गया और वह निर्दलीय चुनाव जीतकर अपने दमखम पर पार्टी के बड़े नेताओं को इसका अहसास कराया और अपने वजूद को कायम रखने में कामयाब रहे।
इसी बीच राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि पार्टी के कुछ बड़े नेता उनके सामने पार्टी में घर वापसी के लिए गिड़गिड़ाते रहे और उन्हें दिल्ली दरबार में बार-बार बुलाया जाता रहा अब गौरव गोयल द्वारा पार्टी में वापसी जाना ही उचित समझा।
मेयर गौरव गोयल द्वारा अब अपने ढाई साल काट गए, लेकिन पार्टी की गतिविधियों और रिश्वत मांगने के आरोप में सत्तारूढ़ दल द्वारा उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया।
मेयर के असली सूत्र बताते हैं कि गौरव गोयल को पार्टी द्वारा बाहर का रास्ता जरूर दिखाया गया है, लेकिन वह जनता और शहर के हितों की लड़ाई हमेशा जरूर लड़ते रहेंगे।