- 30 बीघे जमीन को लेकर ममेरे भाईयों ने की थी भाई की हत्या
- 60 साल की उम्र में 4 आरोपियों को मिली उम्रकैद की सजा
जनवाणी संवाददाता |
मवाना: 14 साल पहले संपत्ति विवाद में हुई हत्या के मामले में 14 साल बाद पीठासीन अधिकारी अशोक कुमार ने हत्या के 4 आरोपियों को उम्रकैद के साथ 20-20 हजार रूपये के आर्थिक दंड की सजा सुनाई। शुक्रवार को जानकारी मृतक की पत्नि को मिली खूशी से आंखो से आसू छलक आये। थाना क्षेत्र के गांव पहाड़पुर निवासी मृतक की पत्नि ने बताया कि आरोपियों ने 30 बीघे जमीन के लालच में ममेरे भाईयों ने जमीनी विवाद की तारीख से वापस लौटते समय गोली मारकर भाई की हत्या की थी।
क्या था ममाला
मवाना क्षेत्र के गांव पहाड़पुर निवासी मृतक की पत्नी रामवीर ने बताया कि उसका पति कालू अपने मामा के गांव शाहपुर क्षेत्र के शाहजुड्डी में रहता था। इसी दौरान जमीन को लेकर उसका मामा के परिवार से विवाद हो गया। विवाद के चलते मामला न्यायलय में विचाराधीन हो गया।
24 अगस्त 2009 को कालू बुढ़ाना तहसील में जमीन के मुकदमे की पैरवी कर वापस लौट रहा था। जब वह रतनपुरी क्षेत्र के कल्याणपुर गांव के जंगल में पहुंचा तो ममेरे भाईयों ने उसकी तमंचे से गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के भाई नरेंद्र सिंह ने मृतक के ममेरे भाई उदयवीर सिंह, श्रीपाल, आनंद पुत्र कटार सिंह, अशोक कुमार, निरंजन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। ट्रायल के दौरान आरोपी श्रीपाल की मौत हो गई। अदालत ने अन्य चार दोषियों को आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई तीन दोषियों उदयवीर सिंह, आनंद और अशोक कुमार की उम्र साठ साल से अधिक है।
आर्थिक तंगी के साथ लड़ा मुकदमा
मृतक की पत्नी रामवीर ने बताया कि पति की मृत्यु के बाद उसके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया। दो बच्चों की पालन पोषण और शिक्षा की जिम्मेदारी के साथ पति के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए मुकदमा भी लड़ना था।
रामवीर बताती है कि आर्थिक संकट झेलते हुए मुकदमा लड़ने के साथ उन्होंने बेटी को पोस्ट ग्रेजुएट कराकर पुलिस में भर्ती कराया तो वहीं बेटे को भी बीए की डिग्री दिलाई। आज पति के हत्यारे को जेल हुई तो उसे न्याय मिला। हालांकि रामवीर का कहना है कि जिस जमीन के लिए पति की हत्या हुई वह जमीन अभी भी उनकी नहीं हो सकी।