जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: माता-पिता साथ छोड़ गए, लेकिन एक उम्मीद नानी व नाना पर टिकी थी। पुलिस ने मासूम जिया को उसकी नानी व नाना की सुपुर्दगी में देने की तैयारी कर ली थी, मगर नानी व नाना का ममत्व नहीं जागा।
हालात ऐसे बने कि जिया से उसके अपने ही रुठ गए, मगर गैरों ने हाथ थाम लिया। जो लालन पालन नाना-नानी के घर होना चाहिए था, अब उसे गैरों से ममता की छांव मिलेगी।
कुछ दिन पहले सदर थाना क्षेत्र में होटल में खुदकुशी करने वाले दंपति की मासूम बेटी जिया रविवार को बाल गृह पहुंच गई। क्योंकि उसका अपना कोई भी लेने नहीं पहुंचा।
इसके बाद ही उसे बाल गृह में भेजने का पुलिस को निर्णय करना पड़ा। उधर, पुलिस के अनुसार बच्ची के नाना-नानी ने अपनी मजबूरी जाहिर करते हुए मेरठ आने से फिलहाल इनकार कर दिया है, जिसके बाद ही पुलिस को जिया को बाल गृह में भेजने का निर्णय करना पड़ा।
बताते चले, कि कुछ दिन पहले भैंसाली रोडवेज के निकट स्थित एवरेस्ट गेस्ट हाउस के मैनेजर अरविंद ने दूसरी पत्नी की हत्या कर खुद भी फांसी लगा ली थी। होटल के कमरे में अरविंद की चार वर्षीय सौतेली बेटी जिया बेहोश मिली थी।
जिया को भी जहर देकर उसकी हत्या का प्रयास किया गया था, जिसके बाद से सदर पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया था। पुलिस जिया की देखभाल में जुटी थी।
पुलिस की मेहनत आखिर रंग लाई और जिया अब पूरी तरह स्वस्थ है। वो अस्पताल में मिले बेड पर मुस्कुरा रही है, मगर उसकी आंखें मां की ममता को मानो तलाश रही हो।
जिया के पास जो भी पहुंचता है, वह उसे देखकर भावुक हो जाता है। जिया की आंखें सभी को निहारती है तथा अपनों की तलाश करती है, मगर उसे कहा मालूम कि उसके अपनों ने मेरठ आने से ही इनकार कर दिया है।
थाना प्रभारी सदर विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि बच्ची को ले जाने के लिए पश्चिम बंगाल निवासी उसके नाना-नानी से संपर्क किया गया था, मगर उन्होंने फिलहाल अपनी मजबूरी बताते हुए मेरठ आने से ही इनकार कर दिया, जिसके बाद आज बच्ची को 1098 चाइल्ड केयर टीम, बाल कल्याण समिति की सदस्य अनीता राणा की मौजूदगी में बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। जहां से बच्ची को बाल गृह में भेज दिया गया है।