जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: आज गुरूवार को गुरू प्रदोष व्रत 27 मार्च, 2025 को मनाया जा रहा है। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को होता है, लेकिन जब यह गुरुवार को पड़ता है, तब इसे विशेष महत्व दिया जाता है। गुरू प्रदोष व्रत का पालन विशेष रूप से भगवान शिव और उनके प्रिय देवता गुरू बृहस्पति के प्रति श्रद्धा और भक्ति के रूप में किया जाता है।
इस दिन व्रति उपवासी रहते हुए रात्रि में शिव पूजा करते हैं और विशेष रूप से प्रदोष काल (सांयकाल) में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। साथ ही, यह दिन विशेष रूप से बृहस्पति ग्रह के सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाने के लिए भी माना जाता है।
गुरू प्रदोष व्रत का महत्व
1. यह व्रत भक्तों को बृहस्पति ग्रह के दोषों से मुक्ति दिलाता है।
2. यह व्रत सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है।
3. यह व्रत विशेष रूप से धन, स्वास्थ्य और विवाह से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है।