नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। उत्तर भारत सहित दिल्ली-एनसीआर में तापमान तेजी से बढ़ता जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आगामी दिनों में तापमान में और भी वृद्धि होने की संभावना है, जिससे गर्मी का असर और तेज हो सकता है। गुरुवार, 17 अप्रैल को राजधानी दिल्ली में अधिकतम तापमान 39.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से कहीं अधिक है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तापमान आम जनजीवन और स्वास्थ्य दोनों पर प्रभाव डाल सकता है। इस तरह से बढ़ता तापमान सेहत के लिए कई प्रकार की चुनौतियां बढ़ाने वाला हो सकता है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को अलर्ट करते हैं।
आईएमडी ने राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में 19 अप्रैल (शनिवार) तक लू की चेतावनी जारी की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, बढ़ती गर्मी सभी उम्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने वाली हो सकती है। इसके अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों प्रकार के स्वास्थ्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं, विशेषकर बच्चों-बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को इन दिनों में अपनी सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है
जानें अध्ययन में क्या पता चला?
देशभर में बढ़ती गर्मी और इसके दुष्प्रभावों को समझने के लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बॉम्बे और जर्मनी के जोहान्स गुटेनबर्ग-यूनिवर्सिटी मेंज के शोधकर्ताओं की एक टीम ने अध्ययन किया। शोध के दौरान इस बात पर गौर किया कि मार्च और अप्रैल 2022 के दौरान दक्षिण एशिया में एक के बाद एक अत्यधिक गर्मी की घटनाएं क्यों हुईं?
अध्ययन के निष्कर्ष में विशेषज्ञों ने बताया गया है कि एक हीटवेव, अगली हीटवेव के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा कर सकती है, जिससे बैक-टू-बैक हीटवेव की आशंका बढ़ सकती है। गौरतलब है कि साल 2022 के इन महीनों के दौरान भारत और पाकिस्तान समेत पूरे क्षेत्र में तापमान असाधारण स्तर पर पहुंच गया, जो लगातार औसत से 3-8 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा जिस तरह से पिछले कुछ महीनों से गर्मी बढ़ती जा रही है, इसके कारण आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र पर अतिरिक्त दवाब बढ़ सकता है।
बढ़ता तापमान सेहत के लिए ठीक नहीं है
वैश्विक तापमान में वृद्धि के साथ हीटवेव के मामले पहले की तुलना में अब काफी अधिक हो गए है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा अत्यधिक गर्मी के लंबे समय तक संपर्क में रहने से मानव स्वास्थ्य पर गंभीर अल्पकालिक और दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं। ऐसे लोगों को और भी सावधान रहने की आवश्यकता है जो पहले से ही कोमोरबिडिटी का शिकार हैं।
जब हमारा शरीर तापमान को ठीक तरीके से मैनेज कर पाने में असमर्थ हो जाता है तो इसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।
इसके हल्के लक्षणों में चकत्ते, हाथों या पैरों में सूजन, चक्कर आना, अत्यधिक पसीना या बिल्कुल पसीना न आने के साथ मांसपेशियों में ऐंठन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। गंभीर स्थितियों में हीट स्ट्रोक के कारण सिरदर्द, सांस लेने में कठिनाई, भ्रम, व्यवहार में बदलाव और जानलेवा समस्याएं भी हो सकती हैं।
तैयारियां कैसी हैं
राजधानी दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश में पारा तेजी से चढ़ता जा रहा है। ऐसे में बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए सभी विद्यालयों में ओआरएस पाउडर व मेडिकल किट रखने का निर्देश दिया गया है। पिछले दिनों चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक ने भी महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र भेजकर प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में मेडिकल किट की व्यवस्था करने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा है कि विद्यालयों में ओआरएस पाउडर, पैरासीटामॉल, मेट्रोजिल, बैंडिड आदि आवश्यक दवाएं रखी जाएं। इन दवाइयों को देने से पहले किसी चिकित्सक से सलाह ले जरूर लें।
तेलंगाना सरकार ले चुकी है ये फैसला
हीट स्ट्रोक और गर्मी के कारण होने वाली समस्याओं को देखते हुए तेलंगाना ने विशेष कदम उठाते हुए लू को ‘स्टेट स्पेसिफिक डिजॉस्टर’ घोषित किया है। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि हीटस्ट्रोक से पीड़ित परिवारों को राहत प्रदान की जा सके। नए सरकारी आदेश के तहत लू हीट स्ट्रोक से मरने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।
इन समस्याओं से कैसे बचें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हीटवेव और हीटस्ट्रोक के दुष्प्रभावों से बचे रहने के लिए आपको खूब पानी तो पीते ही रहना चाहिए साथ ही शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए अन्य तरल पदार्थ भी पीने चाहिए, दिन में 8–10 गिलास पानी जरूर पिएं। नींबू पानी में थोड़ा नमक और चीनी डालकर पीने से शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है। इसी तरह से नारियल पानी पीना इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति के लिए सबसे अच्छा तरीका है।
दिन के समय घर से बाहर निकलने से बचें, ज्यादा जरूरत हो तो सिर और शरीर को अच्छे से ढ़ककर ही बाहर जाएं।