Thursday, July 4, 2024
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लो जी! वेस्ट यूपी में आ गया मानसून

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  • चार जुलाई तक भारी बारिश के आसार

जनवाणी संवाददाता |

मोदीपुरम: लो इंतजार खत्म हो गया और मानसून ने भी जोरदार एंट्री की है। अभी आगामी चार जुलाई तक बारिश के आसार बने रहेंगे। शनिवार को बारिश से मौसम भी खुशनुमा हो गया। मौसम विभाग ने शनिवार को हुई बारिश के चलते मानसून की घोषाणा कर दी है। इस बार मानसून के अच्छे होने के आसार है और जुलाई में ही बारिश रिकॉर्ड तोड़ सकती है। आगामी एक सप्ताह तक मौसम बारिश के लिए अनुकूल बना हुआ है।

बारिश से जगह-जगह जलभराव की भी समस्या हो गई। मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री व रात का न्यूनतम तापमान 26.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जबकि अधिकतम आर्द्रता 98 और न्यूनतम 64 प्रतिशत दर्ज की गई। वहीं, बारिश 47 मिमी दर्ज की गई। मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि मानसूनी बारिश की शुरुआत अच्छी रही है। मौसम विभाग ने सभी जिलों में मानसून की घोषणा कर दी है।

पहाड़ों से मैदानी इलाकों तक बारिश तेज हो रही है। जुलाई के प्रथम सप्ताह में भी बारिश अच्छी होगी और पूरे जुलाई में 150 मिमी से ज्यादा बारिश होने के आसार है। पिछले सालों की तुलना में बारिश ज्यादा दर्ज की जाएगी। मेरठ का एक्यूआई 80, बागपत का 146, गाजियाबाद का 121, मुजफ्फरनगर का 96, जयभीमनगर का 76, गंगानगर का 106, पल्लवपुरम का 58 दर्ज किया गया। अभी आगे भी प्रदूषण में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।

बरसात में मेडिकल जलमग्न, इमरजेंसी के बाहर भरा पानी

बरसात के मौसम में जल निकासी सबसे जरूरी होती है। वह भी ऐसी जगह जहां सबसे ज्यादा आम जनता का आना जाना होता है। वहीं, मेडिकल में रोजाना चार से पांच हजार मरीज और उनके तीमारदार पहुंचते हैं, लेकिन शनिवार को मानसून की बरसात ने यहां जल निकासी की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। इमरजेंसी व टीबी ओपीडी के बाहर भारी जलभराव हो गया।

इमरजेंसी के सामने हुए भारी जलभराव ने मेडिकल प्रशासन के डेÑनेज सिस्टम की पोल खोलकर रख दी। जबकि ठीक एक दिन पहले ही नर्सिंग ट्यूटर स्टॉफ क्वाटर्स के बाहर सीवर ओवर फ्लो होने से सड़कों पर गंदा पानी भरने से हो रही परेशानी की खबर उजागर हुई थी। जिसके बाद मेडिकल प्रशासन ने इसका समाधान करने की बात कही थी, लेकिन शनिवार को हुई बरसात ने इसे खोखला आश्वासन साबित कर दिया। इमरजेंसी में 24 घंटे मरीजों का आना-जाना लगा रहता है,

ऐसे में बरसात के मौसम में यदि इसी तरह जलभराव की समस्या बनी रही तो मरीजों को होने वाली परेशानी के लिए कौन जिम्मेदार होगा? जबकि बरसात का पानी भरने से संक्रमण फैलने का भी खतरा पैदा हो रहा है। वहीं, इस मौसम में मच्छरों के पैदा होने से संचारी रोगों भी बढ़ने लगते है। यदि मेडिकल प्रशासन ने ड्रेनेज सिस्टम ठीक कराने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए तो आने वाले समय में आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

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