- यूपी रोडवेज को ई टिकट सेवा देने वाली कंपनी के डाटा सेंटर पर साइबर अटैक के चलते बनी रणनीति
- हैकरों के 40 से 400 करोड़ तक फिरौती मांगने की चर्चा, अधिकारियों ने नहीं की पुष्टि
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की इलेक्ट्रानिक बस टिकटिंग प्रणाली पर हुए साइबर अटैक के चलते विभाग ने इससे निपटने की रणनीति तैयार की है। इसको लेकर रोडवेज कर्मचारियों की छुट्टी निरस्त करते हुए उन्हें और अधिक दूरी तक बसों को चलाने के लिए यूनियन की ओर से अनुरोध किया गया है।
इस बीच जिन हैकरों ने साइट को हैक किया है, उनकी ओर से फिरौती के रूप में बहुत बड़ी रकम मांगे जाने की बात विभाग के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। इनमें 40 करोड़ से लेकर 400 करोड़ रुपये तक की बात कही जा रही है, लेकिन अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है।
गौरतलब है कि मंगलवार रात को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की इलेक्ट्रानिक बस टिकटिंग प्रणाली का रखरखाव मैसर्स ओरियन-प्रो नाम की फर्म के की साइट पर कुछ विदेशी हैकर्स द्वारा टिकटिंग सर्वर के डाटा को इनक्रिप्ट कर दिया गया है। जिस कारण सेवा प्रदाता फर्म का टिकटिंग सिस्टम पूर्ण रूप से प्रभावित हो गया है। इस बीच निगम की बसों में ईटीएम के जरिये टिकट बनाने का काम भी बंद होकर रह गया है।
ऐसे में अगली व्यवस्था तक सभी बसों में मैन्युअली टिकट बनाने की व्यवस्था कराई गई है। हालांकि अधिकांश युवा कंडक्टर ऐसे हैं, जिन्हें मैन्युअली टिकट बनाने का कोई अनुभव नहीं है, उन्हें इसके लिए प्रशिक्षण देने का काम भी किया जा रहा है। आरएम केके शर्मा का कहना है कि अगली व्यवस्था तक मैनुअल टिकटिंग प्रणाली प्रयुक्त की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि इससे निगम के राजस्व में कोई हानि नहीं हुई है। बल्कि कुछ डिपोज में राजस्व प्राप्ति बढ़ी हुई मिली है।
रोडवेज कर्मचारी परिषद ने जारी की अपील
उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी परिषद के प्रांतीय संगठनमंत्री संजय राणा की ओर से इस मामले को एक अपील जारी की गई है। संगठन के संबंधित सोशल मीडिया ग्रुप्स में भेजे गए संदेश में कहा गया कि ईटीएम मशीन के सॉफ्टवेयर को हैक कर हमारे रोजगार और हमारे अस्तित्व पर हमला हुआ है। हमें इसका डटकर मुकाबला करना और जो भी महत्वपूर्ण साथी हैं, सभी भेदभाव भूलकर अपनी जिम्मेदारी समझें।
ईटीएम मशीन इतना महत्वपूर्ण विषय नहीं है, जितना महत्वपूर्ण विषय हमारा विभाग में काम करना है। चालक परिचालक साथी जो 200 किलोमीटर रोज ईटीएम मशीन से वाहनों का संचालन करते हैं, वे मैनुअल टिकट प्रणाली से 300 किलोमीटर वाहनों का संचालन करें। यह हमें करके दिखाना है, यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है।
बस यूनियन की किरायेदारी को लेकर नहीं आ सका निर्णय
मेरठ-हापुड़-बुलंदशहर बस आपरेटर यूनियन की ओर से दायर किए गए मामले में गुरुवार को फैसला नहीं आ सका। यूनियन पदाधिकारियों के अनुसार अदालत में शुक्रवार की तारीख लगाई गई है। गौरतलब है कि बुधवार को जिला पंचायत ने दो दशक से किराये पर दी गई तिरंगा गेट के पास स्थित बस स्टैंड की भूमि पर अपना कब्जा ले लिया है। जिला पंचायत के अनुसार किराये की शर्तों का पालन न करने के कारण अधिकारियों की टीम ने पुलिस बल के साथ यह कार्रवाई की है।
यह भी उल्लेखनीय है कि पुलिस विभाग की ओर से तिरंगा गेट के पास एसपी सिटी कार्यालय और मॉडर्न पुलिस कंट्रोल रूम की स्थापना का प्रस्ताव दिया गया है। जिला पंचायत बोर्ड बैठक में पुलिस कंट्रोल रूम एसपी सिटी कार्यालय बनाने के लिए पुलिस विभाग को भूमि देने के संबंध में प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है।
इस बीच मेरठ-हापुड़-बुलन्दशहर आॅपरेटर यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि किरायेदारी का यह मामला अदालत में विचाराधीन है। जिसके संबंध में गुरुवार को जजमेंट की तारीख लगी हुई थी। उनका कहना है कि जिला पंचायत की ओर न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र देकर अपना पक्ष रखे जाने का अनुरोध किया गया है। जिसको स्वीकार करते हुए एक दिन बाद की तारीख दी गई है।